स्विंग ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

3. ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी आपको बाजार में एंट्री और पोजिशन को square off करने का सही समय बताने की कोशिश करता है।
Swing Trading कैसे करे – शेयर मार्किट में स्विंग ट्रेडिंग कर के 7 दिन में पैसे कैसे कमाए
शेयर मार्किट में कम समय के अन्दर अगर सबसे ज्यादा पैसे कमाने का अगर कोई तरीका है तो वो Swing Trading है . क्योंकि स्विंग ट्रेडिंग कि मदद से आप एक निर्धारित समय के अन्दर पैसे कमा सकते है .
लेकिन आपको स्विंग ट्रेडिंग की पूरी जानकारी होनी चाहिए वरना आप ट्रेडिंग करके पैसे नही कमा पाएंगे.
तो चलिए सबसे पहले जानते है स्विंग ट्रेडिंग क्या है ?.
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Swing Trading Kya Hai
स्विंग ट्रेडिंग क्या है: स्विंग ट्रेडिंग इंट्राडे और सकैलपिंग ट्रेडिंग से अलग है क्योंकि इंट्राडे या सकैलपिंग ट्रेडिंग में आप एक ही दिन के अंदर शेयर मार्केट में शेयर को खरीदने और बेचने का काम करते है.
लेकिन स्विंग ट्रेडिंग में ऐसा नही होता. स्विंग ट्रेडिंग में हम कम कीमत में शेयर को खरीद कर रख लेते है.
और शेयर की कीमत बढ़ जाने पर शेयर को बेच के पैसे कमाते है.
अगर आप स्विंग ट्रेडिंग के बारे में और भी विस्तार से जानना चाहते है तो उसके लिए हमारी नीचे दी गई पोस्ट पढ़े.
चलिए अब जानते है कि स्विंग ट्रेडिंग कैसे करते है?
Swing Trading Kaise Kare
स्विंग ट्रेडिंग कैसे करे: स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले आपको एक स्ट्रेटेजी बनानी होगी कि आप किस कंपनी के Share खरीदेंगे और कितने दिन तक के लिए ट्रेडिंग करेंगे .
तो सबसे पहले स्विंग ट्रेडिंग के लिए शेयर को चुनने कि स्ट्रेटेजी बनाना सीखते है ताकि हम आसानी से स्विंग ट्रेडिंग करना सीख सके.
Swing Trading Strategy in Hindi
स्विंग ट्रेडिंग रणनीति हिंदी में: सबसे पहले हमे एक ऐसे शेयर को चुनना है जिसमे उतार-चढाव आते रहते है. अब शेयर को चुनने के बाद शेयर कि कीमत पर नजर रखनी है और उस कंपनी से संबधित न्यूज़ पढनी है .
ताकि हम जान सके कि इस कंपनी के शेयर कि कीमत बढ़ेगी या घटेगी क्योंकि अगर एक बार यह पता चल जाता है तो हमारे लिए शेयर खरीदना आसान होगा .
अब मान लेते है कि हमे पता चला कि आज दिनांक से Reliance company के शेयर कि कीमत बढ़ेगी, तो हम आज कि कीमत में जितने जायदा हो सके Reliance company के शेयर ख़रीदे लेंगे .
Swing Trading क्या है? - Swing Trading In Hindi
Swing Trading एक ऐसी ट्रेडिंग रणनीति है। जहा पर ट्रेडर्स शेयर को एक दिन से ज्यादा के लिए खरीदते हैं और थोड़े समय तक होल्ड करने के बाद बेच देते हैं। ट्रेडर्स शेयर को थोड़े दिनों तक इसी उम्मीद से होल्ड करते हैं ताकि उन्हें कुछ प्रॉफिट हो सके। आमतौर पर यह समय कुछ दिन या कुछ हफ्ते हो सकते हैं।
Swing Traders किसी भी स्टॉक का संभावित स्विंग का एक हिस्से को कैप्चर करने की कोशिश करता है। यानी मतलब यह हुआ कि एक स्विंग ट्रेडर बाजार या किसी भी स्टॉक के प्राइस का एक तरफा मूवमेंट को कैप्चर करने की कोशिश करता है। बाजार या स्टॉक का एक तरफा मूवमेंट को इसी उम्मीद से कैप्चर करने की कोशिश करता है कि उसे कुछ परसेंट का प्रॉफिट होगा। लेकिन अगर बाजार ठीक उसके उलट चला जाता है तो स्विंग ट्रेडर्स अपने नुकसान को बुक करने के बाद मार्केट से बाहर निकल जाता है। स्विंग ट्रेडिंग में हासिल किए गए छोटे छोटे मूवमेंट का लाभ वार्षिक में एक अच्छा रिटर्न बन जाता है।
Swing Trading कैसे काम करती है?
Swing Trader किसी भी स्टॉक को खरीदने से पहले मार्केट का ट्रेंड, शेयर कि कीमत में उतार-चढ़ाव, ट्रेडिंग चार्ट में बनने वाले पैटर्न का विश्लेषण करता है। आमतौर पर swing traders लार्ज-कैप शेयरों यानी कि उन शेयरों पर विश्लेषण करते हैं जिसमें ट्रेडिंग अधिक होती है।
अन्य प्रकार के ट्रेडिंग से ज्यादा swing trading में risk ज्यादा होता है। इसमें आमतौर से gap risk शामिल होता है। यदि मार्केट के बंद होने के बाद कोई अच्छी खबर आती हैं तो स्टॉक के प्राइस मार्केट खुलने के बाद अचानक बढ़ जाते हैं। ठीक इसका उल्टा भी हो सकता है। मार्केट के बंद होने के बाद कोई बुरी खबर आती हैं। तो मार्केट खुलने के बाद स्टॉक के प्राइस में भारी गैप डाउन देखने को मिलता हैं। इस तरह के रिस्क को overnight risk कहा जाता है।
स्विंग ट्रेडिंग के फायदे क्या है? - Advantages Of Swing Trading In Hindi
अन्य ट्रेडिंग प्रकार की तरह swing trading के भी कुछ फायदे और नुकसान होते है। आइए पहले स्विंग ट्रेडिंग के advantages जानते हैं।
1. स्विंग ट्रेडिंग में स्टॉक को कुछ दिनों या कुछ हफ्ते तक होल्ड किया जाता है। इसलिए Intraday के मुकाबले लाइव मार्केट में ज्यादा समय रहने की जरूरत नहीं होती है।
2. Swing Trading, ट्रेडर्स को बाजार के sideways होने पर एक अच्छा रिटर्न देता है।
3. स्विंग ट्रेडिंग उन लोगो के लिए सबसे अच्छा है जो जॉब या बिज़नेस करते हैं। यानी कि स्विंग ट्रेडिंग को पार्ट टाइम किया जा सकता है।
4. Intraday के मुकाबले, स्विंग ट्रेडिंग में स्ट्रेस लेवेल कम होता है।
5. स्विंग ट्रेडिंग में छोटे छोटे रिटर्न्स वार्षिक में एक अच्छा रिटर्न बन जाता है।
6. Intraday के मुकाबले स्विंग ट्रेडिंग आसान होती हैं। आपको सिर्फ टेक्निकल एनालिसिस आना चाहिए।
स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है? - Disadvantages Of Swing Trading In Hindi
1. स्विंग ट्रेडिंग में overnight और वीकेंड रिस्क शामिल रहेता है।
2. मार्केट का अगर किसी तरह से अचानक ट्रेंड बदल जाता है तो यहां काफी नुकसान हो सकता है।
3. स्विंग ट्रेडिंग में गैप रिस्क शामिल रहता है।
4. डे ट्रेडिंग के मुकाबले स्विंग ट्रेडिंग में रिटर्न्स कम मिलता है।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक को कैसे चुने?
दरअशल स्विंग ट्रेडिंग में ज्यादातर लोग स्टॉक सिलेक्शन टेक्निकल एनालिसिस से ही करते है। इसमें fundamental analysis के ज्यादा रोल नही होते। क्योंकि इसमें आपको थोड़े प्रॉफिट ही बूक करना होता है।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक के चुनाव हमेशा nifty 50 या bank nifty से करे। ऐसे स्टॉक के ओर जाए जिसमे ज्यादा मूवमेंट हो। चार्ट को हमेशा सिंपल रखे और ज्यादा indicator से दूर रहे।
हमेशा मार्किट ट्रेंड को फॉलो करें और sideway market से दूर रहे।
स्विंग ट्रेडिंग के कैसे करें?
स्विंग ट्रेडिंग एक तरह का पोसिशनल ट्रेडिंग ही होते है। इसमे स्टॉक को शर्ट टाइम के लिए होल्ड किया जाता है।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक buy आपको डिलीवरी में करना पड़ेगा। इसके लिए आपको पहले किसी भी एक ब्रॉकर के साथ जॉइन होकर डेमेंट अकाउंट क्रिएट करना पड़ेगा। डेमेंट एकाउंट क्रिएट होने के बाद आप वहाँ जाकर स्टॉक आर्डर लगा सकते हो।
स्विंग ट्रेडिंग के लाभ
- यह इंट्राडे ट्रेडिंग के तुलना में कम रिस्क है, क्योंकि इसमें आपको काफी समय मिल जाते है।
- स्विंग ट्रेडिंग में स्टॉक को एक दिन या कोई हप्तों तक रख सकते हो। यानी कि आपको सारे दिन चाट निकलकर बैठे रहने के जरूरत नही पड़ते।
- स्विंग ट्रेडिंग को पार्ट टाइम कर सकते है। इसे बिज़नेस या जॉब करें लोग भी कर पाते है।
- स्विंग ट्रेडिंग में छोटे – छोटे रिटर्न्स वार्षिक में एक अच्छा रिटर्न्स बन जाता है।
- स्विंग ट्राडिंग के लिए ज्यादा फंडामेंटल एनालिसिस की जरूरत नही होते। आपको अगर टेक्निकल एनालिसिस आता है तो तब भी आप इससे पैसा बना सकते हो।
- स्विंग ट्रेडिंग इंट्राडे के तुलना में कम noisy होते है।
- अख्शर देखा जाता है कि मार्किट बहुत ज्यादा gap down ओपन होते है। जिससे ट्रेडर को लोस होने के चांस रहते है।
- इंट्राडे के हिसाब से इसमे बहुत कम रिटर्न्स मिलते है।
- इंट्राडे के तरह स्विंग में किसी तरह मार्जिन नही मिलते। स्विंग ट्रेडिंग में overnight और वीकेंड रिस्क शामिल रहता है।
Conclusion
अगर एक नए बंदे शेयर मार्केट में निवेश के बारे सोच रहे हो तो उसके लिए स्विंग ट्रेडिंग बेस्ट रहते है। क्योंकि इसमें इंट्राडे के तुलना में कम रिस्क होते है।
तो दोस्तो मुझे उम्मीद है स्विंग ट्रेडिंग क्या है (Swing Trading In Hindi) यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। आर्टिकल पसंद आया है तो हमे कमेंट जरूर करे जिससे हमें अनुप्रेणा मिलते है।
Suraj Debnath
असम के निवासी सूरज देबनाथ इस ब्लॉग के संस्थापक है। इन्होने विज्ञान शाखा में स्नातक किया हुआ है। इन्हें शेयर मार्किट, टेक्नोलॉजी, ब्लोगिंग ,पैसे कमाए जैसे विषयों का काफी अनुभव है और इन विषयों पर आर्टिकल लिखते आये है। Join Him On Instagram- Click Here
Swing Trading कैसे करे – शेयर मार्किट में स्विंग ट्रेडिंग कर के 7 दिन में पैसे कैसे कमाए
शेयर मार्किट में कम समय के अन्दर अगर सबसे ज्यादा पैसे कमाने का अगर कोई तरीका है तो वो Swing Trading है . क्योंकि स्विंग ट्रेडिंग कि मदद से आप एक निर्धारित समय के अन्दर पैसे कमा सकते है .
लेकिन आपको स्विंग ट्रेडिंग की पूरी जानकारी होनी चाहिए वरना आप ट्रेडिंग करके पैसे नही कमा पाएंगे.
तो चलिए सबसे पहले जानते है स्विंग ट्रेडिंग क्या है ?.
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Swing Trading Kya Hai
स्विंग ट्रेडिंग क्या है: स्विंग ट्रेडिंग इंट्राडे और सकैलपिंग ट्रेडिंग से अलग है क्योंकि इंट्राडे या सकैलपिंग ट्रेडिंग में आप एक ही दिन के अंदर शेयर मार्केट में शेयर को खरीदने और बेचने का काम करते है.
लेकिन स्विंग ट्रेडिंग में ऐसा नही होता. स्विंग ट्रेडिंग में हम कम कीमत में शेयर को खरीद कर रख लेते है.
और शेयर की कीमत बढ़ जाने पर शेयर को बेच के पैसे कमाते है.
अगर आप स्विंग ट्रेडिंग के बारे में और भी विस्तार से जानना चाहते है तो उसके लिए हमारी नीचे दी गई पोस्ट पढ़े.
चलिए अब जानते है कि स्विंग ट्रेडिंग कैसे करते है?
Swing Trading Kaise Kare
स्विंग ट्रेडिंग कैसे करे: स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले आपको एक स्ट्रेटेजी बनानी होगी कि आप किस कंपनी के Share खरीदेंगे और कितने दिन तक के लिए ट्रेडिंग करेंगे .
तो सबसे पहले स्विंग ट्रेडिंग के लिए शेयर को चुनने कि स्ट्रेटेजी बनाना सीखते है ताकि हम आसानी से स्विंग ट्रेडिंग करना सीख सके.
Swing Trading Strategy in Hindi
स्विंग ट्रेडिंग रणनीति हिंदी में: सबसे पहले हमे एक ऐसे शेयर को चुनना है जिसमे उतार-चढाव आते रहते है. अब शेयर को चुनने के बाद शेयर कि कीमत पर नजर रखनी है और उस कंपनी से संबधित न्यूज़ पढनी है .
ताकि हम जान सके कि इस कंपनी के शेयर कि कीमत बढ़ेगी या घटेगी क्योंकि अगर एक बार यह पता चल जाता है तो हमारे स्विंग ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान लिए शेयर खरीदना आसान होगा .
अब मान लेते है कि हमे पता चला कि आज दिनांक से Reliance company के शेयर कि कीमत बढ़ेगी, तो हम आज कि कीमत में जितने जायदा हो सके Reliance company के शेयर ख़रीदे लेंगे .
स्विंग ट्रेडिंग क्या है? Swing Trading स्विंग ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान in Hindi
लोग इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग को एक ही समझ लेता है। लेकिन दोनों काफी भिन्न है।
इंट्राडे ट्रेडिंग में आप स्टॉक को intraday में खरीदते है और एक दिन अंदर ही उसे सेल करना होता है।
लेकिन स्विंग में आप स्टॉक को कुछ समय के होल्ड कर पाते है। अगर आप किसी स्टॉक को खरीदकर एक दिन से ज्यादा समय तक होल्ड करते हो तो उसे स्विंग ट्राडिंग कहा जाता है।
अगर आप किसी भी स्टॉक को एक दिन या उससे ज्यादा समय या कुछ हप्ते तक होल्ड करते हो तो उसे स्विंग ट्रेडिंग कहाँ जाएगा।
Swing ट्रेडिंग का अर्थ
सिम्पली अगर हम स्विंग के अर्थ गूगल में सर्च करते है तो इसका अर्थ आता है झोला।
स्विंग ट्राडिंग का अर्थ शेयर मार्किट में स्टॉक के पोजीशन को दर्शाते हैं।
अगर किसी भी स्टॉक खरीदकर एक से ज्यादा दिन portfolio में रखा जाए तो उसे स्विंग ट्रेडिंग कहा जायेगा।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक को कैसे चुने?
दरअशल स्विंग ट्रेडिंग में ज्यादातर लोग स्टॉक सिलेक्शन टेक्निकल एनालिसिस से ही करते है। इसमें fundamental analysis के ज्यादा रोल नही होते। क्योंकि इसमें आपको थोड़े प्रॉफिट ही बूक करना होता है।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक के चुनाव हमेशा nifty 50 या bank nifty से करे। ऐसे स्टॉक के ओर जाए जिसमे ज्यादा मूवमेंट हो। चार्ट को हमेशा सिंपल रखे और ज्यादा indicator से दूर रहे।
हमेशा मार्किट ट्रेंड को फॉलो करें और sideway market से दूर रहे।
स्विंग ट्रेडिंग के कैसे करें?
स्विंग ट्रेडिंग एक तरह का पोसिशनल ट्रेडिंग ही होते है। इसमे स्टॉक को शर्ट टाइम के लिए होल्ड किया जाता है।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक buy आपको डिलीवरी में करना पड़ेगा। इसके लिए आपको पहले किसी भी एक ब्रॉकर के साथ जॉइन होकर डेमेंट अकाउंट क्रिएट करना पड़ेगा। डेमेंट एकाउंट क्रिएट होने के बाद आप वहाँ जाकर स्टॉक आर्डर लगा सकते हो।
स्विंग ट्रेडिंग के लाभ
- यह इंट्राडे ट्रेडिंग के तुलना में कम रिस्क है, क्योंकि इसमें आपको काफी समय मिल जाते है।
- स्विंग ट्रेडिंग में स्टॉक को एक दिन या कोई हप्तों तक रख सकते हो। यानी कि आपको सारे दिन चाट निकलकर बैठे रहने के जरूरत नही पड़ते।
- स्विंग ट्रेडिंग को पार्ट टाइम कर सकते है। इसे बिज़नेस या जॉब करें लोग भी कर पाते है।
- स्विंग ट्रेडिंग में छोटे – छोटे रिटर्न्स वार्षिक में एक अच्छा रिटर्न्स बन जाता है।
- स्विंग ट्राडिंग के लिए ज्यादा फंडामेंटल एनालिसिस की जरूरत नही होते। आपको अगर टेक्निकल एनालिसिस आता है तो तब भी आप इससे पैसा बना सकते हो।
- स्विंग ट्रेडिंग इंट्राडे के तुलना में कम noisy होते है।
- अख्शर देखा जाता है कि मार्किट बहुत ज्यादा gap down ओपन होते है। जिससे ट्रेडर को लोस होने के चांस रहते है।
- इंट्राडे के हिसाब से इसमे बहुत कम रिटर्न्स मिलते है।
- इंट्राडे के तरह स्विंग में किसी तरह मार्जिन नही मिलते। स्विंग ट्रेडिंग में overnight और वीकेंड रिस्क शामिल रहता है।
Conclusion
अगर एक नए बंदे शेयर मार्केट में निवेश के बारे सोच रहे हो तो उसके लिए स्विंग ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान स्विंग ट्रेडिंग बेस्ट रहते है। क्योंकि इसमें इंट्राडे के तुलना में कम रिस्क होते है।
तो दोस्तो मुझे उम्मीद है स्विंग ट्रेडिंग क्या है (Swing Trading In Hindi) यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। आर्टिकल पसंद आया है तो हमे कमेंट जरूर करे जिससे हमें अनुप्रेणा मिलते है।
Suraj Debnath
असम के निवासी सूरज देबनाथ इस ब्लॉग के संस्थापक है। इन्होने विज्ञान शाखा में स्नातक किया हुआ है। इन्हें शेयर मार्किट, टेक्नोलॉजी, ब्लोगिंग ,पैसे कमाए जैसे विषयों का काफी अनुभव है और इन विषयों पर आर्टिकल लिखते आये है। Join Him On Instagram- Click Here