विदेशी मुद्रा व्यापार में भारत

बाज़ार पर नज़र

बाज़ार पर नज़र
flickr

Qatar Old Photos: दशकों पहले कैसा नज़र आता था क़तर, इन 12 तस्वीरों में आएगा नज़र

November 17th, 5:04pm November 17th, 6:42pm Abhay Sinhaमां ने प्यार से हमारा नाम अभय रखा है. रहने वाले लखनऊ के हैं. सूचनाओं को ठेलने के युग में हम ख़बरों से खेलने में लगे हैं. हमें Satirist मानने वालों पर सरकार कोई टैक्स नहीं लगाती है. शौक़ सिर्फ़ कलाकारी का रहा है, जिसे हम समय-समय पर व्यंग्य, शायरी और कविता के ज़रिए पूरा कर लेते हैं. हमारी प्रेरणा आरक्षित नहीं है. हमें कभी भी, कुछ भी प्रेरित कर सकता है. लाइफ़ से सिर्फ़ इतना चाहिए कि ज़िंदा महसूस करता रहूं.

Qatar Old Photos: फ़ारस की खाड़ी में स्थित क़तर एक मुल्क के तौर पर 1850 में वजूद में आया था. आज ये देश काफ़ी विकास कर चुका है. वजह है कि इसके पास मौजूद नैचुरल गैस और तेल के भंडार. इनके अलावा, इंफ़्रास्ट्रक्चर और दूसरी सेवाओं में क़तर काफ़ी आगे है.

हालांकि, ये सारा विकास द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुआ, जब 1940 के दशक में तेल के भंडार की खोज और विकास हुआ. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि दशकों पहले क़तर की तस्वीर कैसी थी.

तो आइए देखते हैं क़तर की कुछ पुरानी और दुर्लभ तस्वीरें- (Qatar Old Photos)

1. अल-वकरा में ग्रैंड मस्जिद – 1957

flickr

2. दोहा – 1960s

flickr

3. दोहा शहर का एरियल व्यू – 1947

flickr

4. दोहा बाज़ार – 1967

blogspot

5. ग्रैंड मस्ज़िद बनने के बाद की तस्वीर

flickr

6. 50 के दशक के मध्य में पुराने अमीरी दीवान के साथ क्लॉक टावर का निर्माण.

flickr

7. अल कहराबा स्ट्रीट

thepeninsulaqatar

8. तुर्कों द्वारा निर्मित अल-काउट किला, वर्तमान में अल-काउट संग्रहालय

catnaps

8. दावत के लिए खाना बनाते लोग – 1966

blogspot

9. दोहा समुद्रतट का सीन – 1967

blogspot

10. ऊंट सजाते लोग – 1967

blogspot

11. ज्वेलरी मार्केट, दोहा – 1966

blogspot

12. शार्क का शिकार, दोहा – 1966

blogspot

शेयर बाज़ार के बारे में सीखने के लिए 5 आसान उपकरण

वर्तमान की परिस्थिति में, लॉकडाउन के तहत हम सभी के साथ, आपको नहीं लगता कि हमारे पास पर्याप्त समय है जिसकी हमें अधिक से अधिक सीखने के लिए आवश्यकता है?

क्योंकि अब हम सभी घर पर है और हमारे हाथों में बहुत समय भी है, तो आइये हम फाइनेंसियल मार्किट के बारे में अधिक से अधिक सीखने का लक्ष्य बनाये׀

Table of Contents
सीखने के लिए निःशुल्क उपकरण
वित्तीय गाइड
वेबिनार
कोर्सेज
स्टॉकएज

इस लेख में, हमारे पास आपके शेयर बाज़ार के बारे में सीखने से सम्बंधित सभी प्रश्नों और उपकरणों के लिए “वन स्टॉप सॉल्यूशन” है जो आपके सीखने को आसान और उत्पादक बना सकता है׀

हमारे साथ, निवेश और ट्रेडिंग के बारे में और अधिक सीखने के लिए कुछ कदम है जो आप उठा सकते है-

शेयर बाज़ार

1. सीखने के लिए निःशुल्क उपकरण:

सीखने की प्रक्रिया के लिए स्वयं को समायोजित करने के लिए, आप हमारे द्वारा दिए जाने वाले ढेरों निःशुल्क उपकरणों का उपयोग कर सकते है׀ इसमें शामिल है-

  • ब्लॉग: यहाँ विभिन्न प्रकार के ब्लॉग उपलब्ध है जो ट्रेडिंग और निवेश के विभिन्न पहलुओं के बारे में विभिन्न स्तरों का ज्ञान प्रदान करते है׀
  • विडियो: हमारे विडियो के द्वारा, आप शेयर बाज़ार की तकनीक के बारे में इसके विशेषज्ञों द्वारा जान सकते है׀

मार्केट एक्सपर्ट्स से सरल भाषा में शेयर मार्केट सीखें

आप विडियो के माध्यम से शेयर बाज़ार के वास्तविक पहलुओं के बारे में भी सीख सकते है׀

आप इन निःशुल्क उपकरणों तक इलर्नमार्केट्स एप के द्वारा भी पहुँच सकते है, यह एप एंड्राइड उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध है׀

2. वित्तीय गाइड:

निःशुल्क उपकरणों का उपयोग करने के बाद, आपको वित्त- सम्बंधित विषयों में गहरा गोता मारने के लिए वित्तीय गाइड का भी उपयोग करना चाहिए׀

डाउनलोड योग्य इ-बुक्स के रूप में उपलब्ध, यह गाइड किसी भी विषय के बारे में आपके सभी मूलभूत प्रश्नों का एक वन-स्टॉप सॉल्यूशन है׀

हमारे पास उपलब्ध वित्तीय गाइडो की विभिन्न किस्मे म्यूच्यूअल फण्ड, बचत और निवेश, इत्यादि विषयों पर गहरी पहुँच रखती है׀

3. वेबिनार:

तकनीक में प्रगति के साथ, अब हम वेबिनार के माध्यम से कभी भी और कहीं भी विशेषज्ञों की अंतर्द्रष्टि प्राप्त कर सकते है׀

वेबिनार एक ऑनलाइन सेमीनार या एक वार्तालाप है जो किसी निश्चित विषय पर विशेषज्ञ द्वारा आयोजित किया जाता है׀

इलर्नमार्केट्स में, निःशुल्क और सशुल्क वेबिनार की हमारी किस्में सीखने वालों को किसी निश्चित विषय की व्यव्हारिक्ताओं के बारे में विभिन्न विशेषज्ञों से सीखने का अवसर मिलता है׀

और क्या, यह लॉकडाउन हमें घर से सीखने के लिए एक उचित अवसर डे रहा है׀

4. कोर्सेज:

क्या आप निवेश करने के पूर्व शेयर बाज़ार के बारे में गहराई से जानने के साथ जितना हो सके अधिक से अधिक सीखना चाहेंगे?

यदि हाँ, आप यह इलर्नमार्केट्स की निःशुल्क और सशुल्क कोर्स की विविध रेंज के साथ ऐसा कर सकते है׀ हम अपने मंच में विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा अलग-अलग कठिनाई स्तर और अवधि के कोर्स प्रदान करते है׀

इससे ज्यादा और क्या, हम NSE और MCEDX जैसे संगठनों द्वारा प्रमाणित कोर्स की पेशकश करते है, और इस प्रकार आपको बाज़ार में अन्य सीखने वालों की तुलना में अधिक सामग्री और अवसर मिलते है׀

हमारे कोर्स दो प्रकार के है – रिकार्डेड प्रोग्राम, जो आप अपनी सुविधा अनुसार कभी भी कहीं भी देख सकते है, और लाइव इंटरैक्टिव प्रोग्राम, जो आपको हमारे शिक्षकों के साथ लाइव कक्षा में भाग लेने की सुविधा प्रदान करता है׀

5. स्टॉकएज:

बेशक, सीखने के बाद, यह समय अब परिक्षण करके निवेश शुरू करने का है׀

हालांकि, सबसे अच्छा निवेश करने के लिए, आपको सर्वश्रेष्ठ उपकरण की आवश्यकता होगी जो आपकी सभी आवश्यकताओं को पूरा करने के अनुरूप हो׀

आपको यह उपकरण स्टॉकएज से मिल जाएगा, एक मंच जो पोर्टफोलियो पर नज़र रखने के साथ शेयर बाज़ार की रिसर्च के विभिन्न उपकरणों की पेशकश करता है׀

आप अपने मोबाइल फ़ोन में स्टॉकएज एप डाउनलोड कर सकते है-

  • एंड्राइड – https://bit.ly/2xlLpcR
  • आईओएस – https://apple.co/2UYNF31

इसके साथ ही, आप नए लांच किये गए स्टॉकएज वेब के माध्यम से, बाज़ार पर नज़र स्टॉकएज की विशेषताओं का आनंद अपने कंप्यूटर पर भी ले सकते है׀

हम आशा करते है कि जिन उपकरणों को हमने आपको पेश किया है, वह आपको शेयर बाज़ार के बारे में सीखने का अपना नया सफ़र आरम्भ करने के लिए प्रेरित करेंगे, और आप इसकी विशेषताओं का लाभ आने वाले समय में भी उठाएंगे׀

Subscribe To Updates On Telegram Subscribe To Updates On Telegram Subscribe To Updates On Telegram

Mothers’ Day Special: 5 Quick Ways to help your mom in Financial Planning

ব্যক্তিগত ফিনান্স চেকলিস্ট_ ৮ টি সহজ উপায়

Elearnmarkets

Elearnmarkets (ELM) is a complete financial market portal where the market experts have taken the onus to spread financial education. ELM constantly experiments with new education methodologies and technologies to make financial education effective, affordable and accessible to all. You can connect with us on Twitter @elearnmarkets.

बाजार के डस्टबिन में खाना ढूंढ़ रहे बाघ को गोली से उड़ाया, टाइगर की बढ़ती संख्या का सामने आया साइड इफेक्ट

बाजार के डस्टबिन में खाना ढूंढ़ रहे बाघ को गोली से उड़ाया, टाइगर की बढ़ती संख्या का सामने आया साइड इफेक्ट

Tiger hunting Ramnagar Uttarakhand जिस जगह घटना हुई है, वह कालागढ़ वन प्रभाग की मंदाल रेंज से जुड़ा है। मंगलवार 15 नवंबर की सुबह इस बाघिन की लाश को रामनगर लाया गया, जहां ढेला में इसका पोस्टमार्टम किया जा रहा है। जंगल में अपनी गरिमा और सम्मान के साथ जीवन गुजारने वाली बाघिन की इस बाज़ार पर नज़र हालत के लिए जंगलों में बढ़ती इनकी संख्या को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.

सलीम मलिक की रिपोर्ट

Tiger hunting Ramnagar Uttarakhand : साल 2010 की ही तो बात है, जब रूस के एक शहर पिट्सबर्ग में कुछ लोग आपस में सिर जोड़े बैठे दुनिया के नक्शे से तेजी से गायब हो रहे बाघ के बारे में फिक्रमंद होते हुए इनके बचाव की चर्चा कर रहे थे। जंगल की जैव विविधता और पारिस्थितिकी क्रम में शीर्ष स्थान प्राप्त इस वन्यजीव को बचाने के लिए सभी संभव उपायों पर गौर करते हुए चर्चा के मंथन में तय हुआ कि अगले बारह सालों में दुनिया इनकी मौजूदा संख्या को दुगुना करने में सफल हो जाए तो बाघ को डायनासोर की गति को प्राप्त होने से रोका जा सकता है।

जंगल के बादशाह का अंधाधुंध शिकार और यौनवर्धित दवाओं में इसकी हड्डियों के उपयोग जैसी मूर्खताओं से बाघों की घटती तादात पर यह चर्चा हुई उसे ग्लोबल टाइगर समिट के नाम से जाना गया। विश्व के कुल जिन तेरह देशों भारत, थाईलैंड, नेपाल, रूस, मलेशिया, म्यांमार, चीन, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, बांग्ला देश, भूटान, कंबोडिया में बाघ पाया जाता है, इन सभी देशों के प्रतिनिधि इस समिट का हिस्सा बने।

एक तरफ जहां बाघों को बचाने के लिए यह कवायद की जा रही थी उस समय कौन सोच सकता था कि पिट्सबर्ग में हुई इस समिट के बारह साल ऐसी भी स्थिति आ जायेगी की जंगल की महारानी बाघिन शहर के बाजार में डस्टबिन में भोजन तलाशती दिखेगी, जहां उसे मौत का शिकार बनना पड़ेगा, लेकिन बारह साल में ही सच बनकर सामने आ गया।

उत्तराखंड के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से सटे मर्चुला बाजार में बीती रात एक बाघिन दयनीय हालत में दुकानों के बाहर रखे कूड़े के डिब्बों में खाना तलाशती दी। हैरत की बात यह थी कि यह बाघिन इतनी कमजोर हालत में थी कि गली मुहल्ले में भटकने वाले आवारा कुत्ते से इसकी तुलना की जा रही है, जबकि बाघ इतना शर्मिला और एकाकी होता है कि वह इंसानों से दूरी ही बनाकर रखता है।

झाड़ियों के झुरमुट में छिपकर रहने वाले बाघ की पूरी दुनिया ही रहस्यमयी होती है, जिसमें हस्तक्षेप अमूमन बाघ पसंद नही करते। लेकिन यह बाघिन भूख की वजह से बाजार में घूमने को मजबूर हो गई थी। बाघिन की आबादी में इस चहलकदमी से खौफजदा लोगों ने इसकी खबर वन विभाग को दी।

बताया जा रहा है कि मौके पर पहुंचे वनकर्मियों ने बाघिन को भगाने के लिए फायरिंग की, जिसके बाद बाघिन कुछ देर के लिए लापता हो गई। बाद में इसका शव ही बरामद किया जा सका। वीडियो में साफ देखा जा रहा है कि एक गाड़ी में बैठकर करीब बारह साल की इस बाघिन पर बंदूक से फायर किए जा रहे हैं। कई लगातार हुए फायर के दौरान कुछ गोलियां बाघिन को लगती हैं, जिसके बाद यह बाघिन ओझल होती दिख रही है।

अभी यह साफ नहीं है कि गोलियां दागने वाले लोग सरकारी कर्मचारी हैं या आम लोग। लेकिन उनके दौरान हो रही बातचीत का आत्मविश्वास इनके सरकारी आदमी होने की चुगली करता प्रतीत हो रहा है। जिस जगह यह घटना हुई है, वह कालागढ़ वन प्रभाग की मंदाल रेंज से जुड़ा है। मंगलवार 15 नवंबर की सुबह इस बाघिन की लाश को रामनगर लाया गया, जहां ढेला में इसका पोस्टमार्टम किया जा रहा है। जंगल में अपनी गरिमा और सम्मान के साथ जीवन गुजारने वाली बाघिन की इस हालत के लिए जंगलों में बढ़ती इनकी संख्या को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

आगे बढ़ने से पहले बाघ से जुड़े कुछ रोचक बिंदुओं पर नजर डाले तो पता चलता है कि साल 2010 में 1706 बाघों की संख्या भारत में थी। भारत के कुल बीस राज्यों में ही बाघ पाए जाते हैं। चार साल बाद यह संख्या 2226 तो फिर अगले चार साल यानी 2018 में यह संख्या 2967 हो गई। मतलब आठ साल में देश में बाघों की संख्या 74 प्रतिशत बढ़ी। इन 2967 बाघों में से आधे से भी ज्यादा, मतलब कुल 1492 बाघ केवल तीन राज्यों मध्य प्रदेश, कर्नाटक और उत्तराखंड में हैं। यह संख्या अगर भारत के कुल बाघों की संख्या की आधे से अधिक है तो वैश्विक तौर पर बाघों की कुल संख्या का 35 प्रतिशत है। संदर्भ के तौर पर यह बता दे कि बाघों की गणना हर चार साल में की जाती है। यहां जिन आंकड़ों का जिक्र किया जा रहा है, वह 2018 तक के ही हैं। 2022 के आंकड़े अभी रिलीज नहीं हुए हैं।

देश में जहां बाघों की संख्या जहां 74 फीसदी बढ़ी तो उत्तराखंड में यह करीब दुगुनी (195 प्रतिशत) हो चुकी है। यहां साल 2010 में 227 बाघ थे तो 2014 में 340 और 2018 में यह संख्या 526 हो चुकी थी। जबकि मध्य प्रदेश में तो यह दुगुने से भी अधिक (2010 में 257, 2014 में 308 और 2018 में 526) पहुंच गई है। फ्लैशबैक में जाकर बारह साल पहले की पिट्सबर्ग की ग्लोबल टाइगर समिट में लिए गए लक्ष्य की बात करें तो साल 2022 के आंकड़ों में भारत इस लक्ष्य को आसानी से पार करने वाला है। वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार बाघ की 9 फीसदी से कम की ग्रोथ रेट से भी बारह साल में यह लक्ष्य पाया जा सकता है, जबकि हमारे देश में यह ग्रोथ रेट 9 फीसदी से अधिक है।

अब बात कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की करें तो बाघों के घनत्व को देखते हुए इसे बाघों की राजधानी भी कहा जाता है। ताजा आंकड़े इस रिजर्व में बाघों की संख्या 252 और रिजर्व से सटे इलाकों को मिलाकर 266 बताते हैं। जबकि अपुष्ट सूत्रों के हवाले से रिजर्व की यह संख्या 300 बताई जाती है। एक बाघ की टेरेटरी जंगल में उपलब्ध शिकार और जंगल की डेंसिटी से तय होती है। कॉर्बेट जैसे आदर्श जंगल में औसतन 12 किमी. का क्षेत्र बाघ के लिए पर्याप्त माना जाता है।

विश्व प्रकृति निधि के मिराज अनवर के मुताबिक अनुकूल परिस्थितियां में बाघ 6 किमी. के दायरे में भी प्राकृतिक जीवन जी सकता है।

वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर दीप रजवार कहते हैं, कॉर्बेट के घनत्व के लिहाज से यहां 175 बाघों की संख्या पर्याप्त है। इससे ज्यादा होने की स्थिति में बाघों में आपसी टकराव बढ़ सकता है। अपने इलाके में दूसरे बाघ की उपस्थिति को बाघ अपनी सल्तनत पर हमला समझते हैं। इस मामले में एक म्यान में दो तलवार वाली स्थिति आने पर एक बाघ को अपनी जान गंवानी पड़ती है। या फिर जान बचाने के लिए उसे जंगल से बाहर ठिकाना तलाश करना होता है।

दीप रजवार के मुताबिक मर्चूला बाजार में घूमने वाली बाघिन काफ़ी कमज़ोर लग रही थी। जो खाने की तलाश में बीच बाज़ार में आ गई थी। बाघिन इतनी कमज़ोर दिख रही है कि इसमें बाघ जैसे कोई गुण ही नज़र नहीं आ रहे हैं। बाघों के व्यवहार पर रजवार का कहना है कि आमतौर पर बाघ बड़े एकाकी और शर्मीले होते हैं और छुप के शिकार करते हैं, लेकिन यहाँ साफ़ देखा जा सकता है कि बाघिन की भूख ने इसको बाज़ार में आने में मज़बूर कर दिया।

बाघिन की बाजार में इस मौजूदगी को कॉर्बेट में बाघों की बढ़ती हुई संख्या के तौर पर रेखांकित करते हुए उनका कहना है कि "यह साइड इफ़ेक्ट है बाघ की संख्या बढ़ने का। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के घनत्व के हिसाब से बाघों की रहने की जो आदर्श संख्या है वह 175 से ज़्यादा नहीं है। लेकिन अभी पार्क में 300 के क़रीब बाघ हैं। इससे बाघों का रहने का क्षेत्रफल सिकुड़ रहा है। इसी के कारण इनके बीच आपसी संघर्ष भी बढ़ रहा है। ऐसी परिस्थिति में जो ताकतवर है वही जंगल के अंदर रहेगा। जो शारीरिक तौर पर कमज़ोर है, वह बाहर की और को भागेगा अपने को ज़िंदा रखने के लिए। जीवन हर कोई जीना चाहता है। मर्चूला बाजार में घूमती बाघिन जैसे कई वीडियो देखने को मिल सकते हैं भविष्य में क्यूँकि हर कोई अपने को ज़िंदा रखना चाहता है चाहे वो इंसान हो या जानवर। जंगल में बाघों की स्थिति यह है कि आम तौर पर पहाड़ों पर बाघ नहीं मिलता। लेकिन अब केदारनाथ तक में इसकी उपस्थिति देखी गई है।

बाघों को बचाए रखने के लिए रजवार जरूरत से ज्यादा होने पर उनकी शिफ्टिंग को ही इस समस्या का इलाज बताते हुए कहते हैं कि मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए बाघों की संख्या एक अनुपात से अधिक बढ़ने पर उसे दूसरे इलाकों में रिलोकेट किया जा सकता है। अन्यथा खुद जंगल से बाहर आने पर वह या तो इंसानों के लिए खतरा बनेगा या फिर उसे अपनी जान गंवानी बाज़ार पर नज़र पड़ेगी। जैसा की इस घटना में हुआ है।

टोयोटा इनोवा ज़ेनिक्स (हायक्रॉस) इंडोनेशिया में हुई पेश

टोयोटा इनोवा ज़ेनिक्स (हायक्रॉस) इंडोनेशिया में हुई पेश

पुरानी इनोवा आरडब्ल्यूडी लेआउट के साथ लेडर-ऑन-फ्रेम चेसिस पर तैयार की गई थी, वहीं नई इनोवा ज़ेनिक्स एफ़डब्ल्यूडी लेआउट के साथ मोनोकॉक चेसिस पर आधा​रित है। यह एमपीवी 4,755mm लंबी, 1,850mm चौड़ी और 1,795mm ऊंची है, वहीं इसका ग्राउंड क्लीयरेंस 185mm है। यह वाइट पर्ल, सिल्वर मेटैलिक, ग्रे मेटैलिक, बाज़ार पर नज़र एटीट्यूड ब्लैक और डीके स्टील एमसी के रंग विकल्पों में उपलब्ध है।

Toyota Innova Hycross Left Rear Three Quarter

2023 टोयोटा इनोवा ज़ेनिक्स पूरी तरह से नए डिज़ाइन में नज़र आ रही है। इसमें आगे क्रोम शेड के साथ नया ग्रिल, पीछे की ओर खींचे हुए एलईडी हेडलैम्प्स, आगे के बम्पर पर तिकोने इनसर्ट्स के साथ एलईडी डीआरएल्स, दोनों ओर फ़ॉग लाइट्स के साथ आकर्षक एयर डैम, नए 18-इंच के सिल्वर अलॉय वील्स, दो रंग के ओआरवीएम्स, ब्लैक-आउट बी व सी पिलर्स, डोर वाइज़र, कवर किए हुए एलईडी टेल लाइट्स, इंटीग्रेटेड स्पॉइलर और हाई-माउंटेड स्टॉप लैम्प जैसे नए इक्सटीरियर फ़ीचर्स दिए गए हैं।

इसके इंटीरियर में पैनॉरमिक सनरूफ़, ब्लैक व ब्राउन दोहरे रंग के थीम, ऐप्पल कारप्ले व ऐंड्रॉइड ऑटो के साथ 10-इंच का नया फ़्लोटिंग टचस्क्रीन इंफ़ोटेन्मेंट सिस्टम, डैंशबोर्ड पर सिल्वर ट्रिम्स, एसी के लिए डिजिटल कंट्रोल्स, दूसरी रो के बाज़ार पर नज़र लिए कैप्टन सीट्स, दूसरी रो के यात्रियों के लिए 10-इंच के स्क्रीन्स, सेंटर कंसोल के ऊपरी हिस्से में गियर लिवर, क्रूज़ कंट्रोल, एम्बिएंट लाइटिंग, इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक और नए इंन्स्ट्रमेंट क्लस्टर के फ़ीचर्स दिए गए हैं।

Toyota Innova Hycross Dashboard

आने वाली टोयोटा ज़ेनिक्स में 2.0-लीटर का पेट्रोल इंजन होगा, जो 150bhp का पावर और 187Nm का टॉर्क जनरेट करेगा। दूसरा इसमें हाइब्रिड मोटर के साथ 2.0-लीटर का पेट्रोल इंजन ऑफ़र किया जाएगा। इंडोनेशिया के लिए बनी इस कार में सिर्फ़ सीवीटी ट्रैंस्मिशन होगा।

तमन्ना भाटिया कर रही हैं बिज़नेसमैन से शादी, मज़ेदार रिएक्शन के साथ बताया सच

Is Tamannaah Bhatia marrying a businessman, actress gave a funny reaction to the rumors

साउथ और हिंदी सिनेमा की मशहूर एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया की शादी को लेकर काफी वक्त से अफवाहों का बाज़ार गर्म है। इन अफवाहों पर अब खुद तमन्ना ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने इन अफवाहों से जुड़े पैपराजी के एक वीडियो पर मज़ेदार रिएक्शन दिया है। इस वीडियो में तमन्ना ग्रीन साड़ी में नजर आ रही हैं और वो एक कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर लेती हैं। इस वीडियो के कैप्शन में लिखा है, ‘तमन्ना भाटिया की शादी की अफवाहें। क्या वो किसी बिज़नेसमैन से शादी कर रही हैं, जिसने उन्हें लुभाने की कोशिश की?’

Table of Contents

पैपराज़ी के वीडियो पर तमन्ना का रिएक्शन

इस वीडियो क्लिप को अपनी इंस्टाग्राम स्टोरीज पर शेयर करते हुए तमन्ना ने इस पर लिखा, ‘सीरियसली?’ इसके बाद तमन्ना ने अपनी एक वीडियो क्लिप पोस्ट की, जिसमें उन्होंने लड़कों की तरह कपड़े पहन रखे हैं और छोटे बालों के साथ मूंछ लगा रखी है।

Tamannaah Bhatia

Instagram/Tamannaah Bhatia

Tamannaah Bhatia

Instagram/Tamannaah Bhatia

इस गेटअप में तमन्ना ने व्हाइट टी-शर्ट, ग्रीन जैकेट, डार्क पैंट और व्हाइट स्नीकर्स पहने हैं। इस वीडियो में, वो उसी जगह दिख रही हैं, जहां पिछली क्लिप में थीं। वो दरवाजा खोलती हैं, बालों में हाथ फेरती हैं और फिर दरवाजा बंद कर लेती हैं। इस क्लिप के साथ उन्होंने लिखा, ‘पेश करती हूं मेरा बिज़नेसमैन पति।’ इसके साथ उन्होंने ‘शादी की अफवाहें’ और ‘हर कोई मेरी ज़िंदगी की स्क्रिप्ट लिख रहा है’ जैसे हैशटैग भी लगाए।

फिलहाल शादी के मूड में नहीं हैं तमन्ना

इससे पहले कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि तमन्ना मुंबई के एक बिज़नेसमैन के साथ शादी करने वाली हैं। इंडिया टीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये बिज़नेसमैन काफी समय से तमन्ना का दिल जीतने की कोशिश कर रहे हैं। इस साल की शुरुआत में भी तमन्ना की शादी की खबरें सामने आई थीं, लेकिन तब तमन्ना ने कहा था, ‘मैं अभी शादी करने के मूड में नहीं हूं। मेरा करियर बहुत अच्छा चल रहा है और फिलहाल मैं अपने करियर पर ही ध्यान देना चाहती हूं।’

‘बबली बाउंसर’ में आई थीं नज़र

तमन्ना हाल ही में मधुर भंडारकर के डायरेक्शन में बनी कॉमेडी फिल्म ‘बबली बाउंसर’ में नज़र आई थीं। इसमें साहिल वैद, सौरभ शुक्ला और अभिषेक बजाज भी नज़र आए थे। फिल्म का प्रीमियर ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर हुआ था। इसके अलावा उन्हें शशांक घोष की फिल्म ‘प्लान ए प्लान बी’ में भी देखा गया था। इसमें रितेश देशमुख, पूनम ढिल्लों और कुशा कपिला भी थीं। प्लान ए प्लान बी का प्रोडक्शन रजत अरोड़ा (फंक योर ब्लूज एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड), त्रिलोक मल्होत्रा और केआर हरीश (इंडिया स्टोरीज़ मीडिया एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड) ने किया था। यह फिल्म 30 सितंबर को नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हुई थी।

हम उम्मीद करते हैं कि ये जानकारी आपके काम आएगी। ऐसी ही स्टोरीज के लिए पढ़ते रहिये iDiva हिंदी।

Read iDiva for the latest in Bollywood, fashion looks, beauty and lifestyle news.

रेटिंग: 4.52
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 247
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *