दो डीमैट खाते होने के फायदे

Demat Account: कोरोना काल में कमाई के लिए लोगों ने जमकर की स्टॉक्स की ट्रेडिंग, डीमैट खाते की संख्या पहुंची 10 करोड़ के पार
लॉकडाउन के दौरान लोगों ने कमाई के लिए स्टॉक मार्केट का रुख किया और इसकी बदौलत देश में डीमैट खातों की संख्या अगस्त में 10 करोड़ के पार पहुंच चुकी है।
By: ABP Live | Updated at : 21 Sep 2022 06:48 PM (IST)
Demat Account: साल 2020 में कोरोना वायरस संक्रमण बढ़ने और लॉकडाउन के कारण लोगों के रोजगार चले गए, कारोबार ठप पड़ गया. घर बैठे कमाई करने का सबसे बेहतर जरिया बना शेयर बाजार में कारोबार (Stock Market Trading). घर बैठे ऐसे लोगों का रुझान स्टॉक ट्रेडिंग की दो डीमैट खाते होने के फायदे तरफ बढ़ा. इसके अलावा, युवाओं ने भी शेयर बाजार में दिलचस्पी लेनी शुरू की. मतलब म्यूचुअल फंडों की तुलना में बेहतर मुनाफा अर्जित करने के लिए डायरेक्ट स्टॉक में निवेश करने का फैसला किया. जब आप स्टॉक्स में डे-ट्रेडिंग (Day-Trading) करते हैं तो नफा या नुकसान आपके बैंक खाते में शाम तक आ जाता है. यही वजह रही कि मार्च 2020 और मार्च 2022 के बीच 4,88,00,000 डीमैट खाते खोले गए.
देश में दो डिपॉजिटरीज हैं- CDSL और NSDL. जनवरी 2020 में सीडीएसएल के साथ खोले गए डीमैट खातों की संख्या 2 करोड़ थी जो अगस्त 2022 में बढ़ कर 7 करोड़ हो गई. एनएसडीएल और सीडीएसएल को मिलाकर देखें तो देश में डीमैट खातों की संख्या अब 10 करोड़ के पार पहुंच गई है.
भारतीय शेयर बाजार ने दिया शानदार रिटर्न
3 मार्च 2020 को बीएसई का सेंसेक्स 38623 के स्तर पर था. खबर लिखे जाते समय सेंसेक्स 59,352.27 के स्तर पर था. 19 अक्टूबर 2021 को सेंसेक्स ने 62245.43 का स्तर छूते हुए ऊंचाई का नया रिकॉर्ड बनाया था. अगर किसी निवेशक ने म्यूचुअल फंडों के सेंसेक्स ईटीएफ के जरिए भी निवेश किया होता तो वे मालामाल हो गए होते. हम उदाहरण लेते हैं SBI S&P BSE Sensex ETF की. अगर आपने इसमें 10,000 रुपये का निवेश 3 मार्च 2020 को किया होता तो आज की तरीख में वह 16,135 रुपये हो गया होता. मतलब कुल लाभ 61.36 प्रतिशत का और सालाना रिटर्न 20.61 फीसदी का.
लंबी अवधि में बेहतरीन रिटर्न देते हैं स्टॉक्स
आप किसी भी फाइनेंशियल एडवाइजर से बात करें, वह आपको यही सलाह देंगे कि लंबी अवधि में संपत्ति के सृजन के लिए आपको इक्विटी यानी शेयरों में निवेश करना चाहिए. अगर आप जानकार हैं तो खुद से शेयरों का चयन कर सकते हैं और उनमें निवेश कर सकते हैं. अगर आपको शेयर ाजार की जानकारी नहीं है तो आपका काम आसान करने के लिए म्यूचुअल फंड हैं. बाजार में विभिन्न समयावधि और जोखिम उठाने की क्षमता के अनुरूप म्यूचुअल फंड प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं. तो आप भी खुलवाइए डीमैट खाता और शुरू कीजिए शेयरों में निवेश का अपना सफर.
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Published at : 21 Sep 2022 12:31 PM (IST) Tags: sensex demat account NSDL CDSL Stock Market Trading हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
SBI ने लॉन्च किया 3-in-1 अकाउंट, अब सेविंग्स, डीमैट और ऑनलाइन ट्रेडिंग का फायदा एक ही अकाउंट से
SBI 3-in-1 Account : SBI के 3-in-1 अकाउंट में एक नार्मल खाता, डीमैट और ऑनलाइन ट्रेडिंग खाता तीनों के लाभ मिल सकेंगे. इस नई बैंकिग फैसिलिटी के तहत एसबीआई के ग्राहक आसान और पेपरलेस ट्रेडिंग करने के योग्य होंगे.
SBI ने लॉन्च किया 3 इन 1 अकाउंट.
प्रमुख सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी कि SBI ने अपने ग्राहकों के लिए बहुत ही खास घोषणा की है. SBI ने बिल्कुल नये 3-in-1 अकाउंट की शुरुआत कर दी है. इसमें ग्राहक एक सामान्य खाता, डीमैट खाता और ऑनलाइन ट्रेडिंग खाता तीनों के लाभ उठा सकेंगे. इस नई बैंकिग फैसिलिटी के तहत एसबीआई के ग्राहक आसान और पेपरलेस ट्रेडिंग कर पाएंगे. इस विशेष खाते का इस्तेमाल करके ग्राहक स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट कर सकते हैं.
यह भी पढ़ें
आपको बता दें कि जब भी आप शेयर बाजारों में निवेश शुरू करना चाहते हैं तो इसके लिए डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट होना जरूरी है. इस 3-in-1 खाते को खोलने वाले ग्राहक इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) में इंवेस्ट कर लिस्टिंग से फायदा (listing gains) उठा सकते हैं. SBI का कहना है कि कस्टमर्स ई-मार्जिन सुविधा के साथ ये 3-in-1 अकाउंट खोल सकते हैं.
Experience the power of 3-in-1!
— State Bank of India (@TheOfficialSBI) December 15, 2021
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जरूरी कागजात
अगर आप भी SBI का ये 3-in-1 खाता खोलना चाहते हैं तो आपके पास ये सभी जरूरी काजगात होने चाहिए.
- पैन कार्ड
- फोटोग्राफ
- पासपोर्ट, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या Voter ID कार्ड
SBI डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स
- पासपोर्ट साइज की एक फोटोग्राफ
- पैन कार्ड
- आधार कार्ड
- एक कैंसिल चेक
क्या है ई-मार्जिन सुविधा
ई-मार्जिन फैसिलिटी के अंतर्गत, कम से कम 25 प्रतिशत मार्जिन के साथ ट्रेड किया जा सकता है. वहीं जरूरी मार्जिन पाने लिए कैश या कोलैटरल का यूज करके अगले 30 दिनों तक कैरी फॉरवर्ड कर सकता है. ग्राहकों के पास डिलीवरी को कन्वर्ट करके स्टॉक अपने डीमैट अकाउंट में मंगाने या फिर एक्सपायरी से पहले स्कैयर ऑफ करने का विकल्प भी रहेगा.
ऐसे उठाएं लाभ
इस खाते का लाभ लेने के लिए ग्राहकों को कुछ ईजी स्टेप्स फॉलो करने होंगे-
स्टेप 1: SBI Securities वेब प्लेटफॉर्म के जरिए ट्रेडिंग अकाउंट में Login करें.
स्टेप 2: दो डीमैट खाते होने के फायदे Order Placement (खरीदें / बेचें) Menu पर जाएं.
स्टेप 3: ऑर्डर देते समय Product Type को ई-मार्जिन के रूप में चुनना है.
SBI ने लॉन्च किया 3-in-1 अकाउंट, अब सेविंग्स, डीमैट और ऑनलाइन ट्रेडिंग का फायदा एक ही अकाउंट से
SBI 3-in-1 Account : SBI के 3-in-1 अकाउंट में एक नार्मल खाता, डीमैट और ऑनलाइन ट्रेडिंग खाता तीनों के लाभ मिल सकेंगे. इस नई बैंकिग फैसिलिटी के तहत एसबीआई के ग्राहक आसान और पेपरलेस ट्रेडिंग करने के योग्य होंगे.
SBI ने लॉन्च किया 3 इन 1 अकाउंट.
प्रमुख सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी कि SBI ने अपने ग्राहकों के लिए बहुत ही खास घोषणा की है. SBI ने बिल्कुल नये 3-in-1 अकाउंट की शुरुआत कर दी है. इसमें ग्राहक एक सामान्य खाता, डीमैट खाता और ऑनलाइन ट्रेडिंग खाता तीनों के लाभ उठा सकेंगे. इस नई बैंकिग फैसिलिटी के तहत एसबीआई के ग्राहक आसान और पेपरलेस ट्रेडिंग कर पाएंगे. इस विशेष खाते का इस्तेमाल करके ग्राहक स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट कर सकते हैं.
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आपको बता दें कि जब भी आप शेयर बाजारों में निवेश शुरू करना चाहते हैं तो इसके लिए डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट होना जरूरी है. इस 3-in-1 खाते को खोलने वाले दो डीमैट खाते होने के फायदे ग्राहक इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) में इंवेस्ट कर लिस्टिंग से फायदा (listing gains) उठा सकते हैं. SBI का कहना है कि कस्टमर्स ई-मार्जिन सुविधा के साथ ये 3-in-1 अकाउंट खोल सकते हैं.
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— State Bank of India (@TheOfficialSBI) December 15, 2021
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जरूरी कागजात
अगर आप भी SBI का ये 3-in-1 खाता खोलना चाहते हैं तो आपके पास ये सभी जरूरी काजगात होने चाहिए.
- पैन कार्ड
- फोटोग्राफ
- पासपोर्ट, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या Voter ID कार्ड
SBI डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स
- पासपोर्ट साइज की एक फोटोग्राफ
- पैन कार्ड
- आधार कार्ड
- एक कैंसिल चेक
क्या है ई-मार्जिन सुविधा
ई-मार्जिन फैसिलिटी के अंतर्गत, कम से कम 25 प्रतिशत मार्जिन के साथ ट्रेड किया जा सकता है. वहीं जरूरी मार्जिन पाने लिए कैश या कोलैटरल का यूज करके अगले 30 दिनों तक कैरी फॉरवर्ड कर सकता है. ग्राहकों के पास डिलीवरी को कन्वर्ट करके स्टॉक अपने डीमैट अकाउंट में मंगाने या फिर एक्सपायरी से पहले स्कैयर ऑफ करने का विकल्प भी रहेगा.
ऐसे उठाएं लाभ
इस खाते का लाभ लेने के लिए ग्राहकों को कुछ ईजी स्टेप्स फॉलो करने होंगे-
स्टेप 1: SBI Securities वेब प्लेटफॉर्म के जरिए ट्रेडिंग अकाउंट में Login करें.
स्टेप 2: Order Placement (खरीदें / बेचें) Menu पर जाएं.
स्टेप 3: ऑर्डर देते समय Product Type को ई-मार्जिन के रूप में चुनना है.
दो डीमैट खाते होने के फायदे
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शेयर बाजार में बढ़ती दिलचस्पी के बीच Demat Account की सुरक्षा पर ध्यान देना जरूरी, फर्जीवाड़े से बचने को इन 8 बातों का रखें ख्याल
Safeguard against Demat Account Frauds: आपके डीमैट खाते से जुड़ा कोई फर्जीवाड़ा न हो, इसके लिए कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी जरूरी हैं.
पिछले कुछ महीनों से शेयर मार्केट में तेजी के चलते अधिक से अधिक लोग इसके प्रति आकर्षित हुए हैं. पहले की तुलना में अब अधिक लोग इक्विटी में पैसे लगा रहे हैं.
Safeguard against Demat Account Frauds: पिछले कुछ महीनों से शेयर मार्केट में तेजी के चलते अधिक से अधिक लोग इसके प्रति आकर्षित हुए हैं. पहले की तुलना में अब अधिक लोग इक्विटी में पैसे लगा रहे हैं. शेयरों की खरीद-बिक्री के लिए अब डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य है. डीमैट खाते के जरिए फिजिकल शेयरों के ट्रांसफर में पहले कुछ दिन तक लग जाते थे जबकि डीमैट खाते के जरिए आसान तरीके से और जल्द शेयरों का लेन-देन होता है. हालांकि जैसे कुछ भी 100% परफेक्ट नहीं होता है, वैसे ही डीमैट खाते में भी फर्जीवाड़ा हो सकता है.
डीमैट खाते से जुड़े फर्जीवाड़े के कुछ मामले सामने आए हैं जैसे कि ब्रोकर्स ने बिना निवेशकों की दो डीमैट खाते होने के फायदे सहमति के किसी ट्रेड पर मार्जिन फंड के कोलैटरल के रूप में प्रयोग करने के लिए ईटीएफ यूनिट्स को ट्रांसफर कर लिया. आपके डीमैट खाते से जुड़ा कोई फर्जीवाड़ा न हो, इसके लिए कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी जरूरी हैं. भारत में सीडीएसएल और एनएसडीएल नामक दो डिपॉजिटरीज आपके शेयरों व सिक्योरिटीज को सुरक्षित रखते हैं लेकिन इनका डीमैट खाताधारकों से सीधे कोई संपर्क नहीं होता है. ये डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) लाइसेंस स्टॉकब्रोकर्स और इंटरमीडियरीज को इश्यू करते हैं जो ग्राहकों को डीमैट खाते खोलने की सर्विस देते हैं.
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अकाउंट रिकॉर्ड मेंटेन रखें
जिस तरह आप अपने बैंक खाते के डिजिटल पासबुक को नियमति तौर पर चेक करते रहते हैं, वैसे ही डीमैट खाते में डीपी होल्डिंग और ट्रांजैक्शन स्टेटमेंट को समय-समय पर चेक करते रहना चाहिए. इसमें आपने जो भी ट्रांजैक्शन किए हैं, उसकी पूरी डिटेल्स रहती है. अगर ट्रांजैक्शन स्टेटमेंट पाने में कोई दिक्कत हो रही है तो तुरंत अपने ब्रोकरेज फर्म से संपर्क करें.
जरूरी डॉक्यूमेंट्स सुरक्षित रखें
हर डीमैट खाते का एक डेबिट इंस्ट्रक्शन स्लिप (डीआईएस) बुकलेट होता है जिसे सुरक्षित रखना जरूरी है. जब आप एक डीमैट खाते से दूसरे डीमैट खाते में शेयरों को ट्रांसफर करते हैं तो आपको इस स्लिप पर साइन करना होता है. ऐसे में इसे मजबूत पासवर्ड के जरिए सुरक्षित रखें क्योंकि अगर आपका साइन किया हुआ यह स्लिप किसी अन्य शख्स के हाथ में चला गया तो इसका गलत प्रयोग हो सकता है.
ब्रोकरेज स्क्रूटनी
लोगों की स्टॉक मार्केट में बढ़ती दिलचस्पी के बीच बहुत से ब्रोकरेज फर्म खुल रहे हैं. ऐसे में किसी ब्रोकरेज फर्म को चुनने से पहले उनके ट्रैक रिकॉर्ड और मार्केट क्रेडिटिबिलिटी इत्यादि के बारे में पूरी जानकारी कर लें. इसके अलावा यह भी पता कर लें कि क्या ब्रोकरेज फर्म किसी भी रूप में प्रोप्रॉयटरी ट्रेडिंग में शामिल तो नहीं है. प्रोप्रॉयटरी ट्रेडिंग में दो डीमैट खाते होने के फायदे है तो वहां खाता खुलवाने से परहेज करें क्योंकि यहां कंफ्लिक्ट ऑफ इंटेरेस्ट का मामला बन सकता है जो आपके हितों के लिए नुकसानदेह हो सकता है.
लंबे समय तक न हो यूज तो फ्रीज करवा लें खाता
कुछ निवेशक जब विदेशों में जाते हैं तो उन्हें आमतौर पर अपने डीमैट खाते का ख्याल नहीं रहता है. हालांकि इससे आपके डीमैट खाते में फर्जीवाड़े का खतरा बढ़ जाता है. अगर आप लंबे समय के लिए अपने खाते का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं तो अपने डीपी को एक एप्लीकेशन देकर इसे फ्रीज करवा लें. इससे अकाउंट तब तक फ्रीज रहेगा जब तक आप दोबारा एप्लीकेशन नहीं देते हैं. यहां यह ध्यान रहे कि किसी डीमैट खाते को तभी फ्रीज करवाना चाहिए, जब इसका इस्तेमाल लंबे समय तक नहीं करना हो. खाते को फ्रीज करवाने का प्रमुख फायदा यह है कि आपको अपने निवेश पर डिविडेंड और बोनस मिलता रहेगा लेकिन किसी नए स्टॉक की खरीदारी के लिए कोई राशि नहीं कटेगी.
पॉवर ऑफ अटार्नी
ब्रोकर के पास पॉवर ऑफ अटार्नी के जरिए आपके डीमैट खातों का एक्सेस रहता है. ऐशे में निवेशकों को सावधान रहने की जरूरत है और निवेशकों को जनरल पर्पज की बजाय लिमिटेड पर्पस एग्रीमेंट के रूप में ब्रोकर को पॉवर ऑफ अटार्नी बनाना चाहिए. लिमिटेड पर्पज पॉवर ऑफ अटार्नी का मतलब हुआ कि जब भी ब्रोकरेज को आपके बिहाफ पर खरीदारी-बिक्री या ट्रासंफर करना होगा, उसे आपसे हर बार सहमति लेनी होगी. इसके अलावा निवेशकों को अगर कोई पेंडिंग ड्यू नहीं है तो बिना किसी पूर्व नोटिस के लिमिटेड पर्पज पॉवर ऑफ अटार्नी को रद्द करने का अधिकार रखना चाहिए.
मजबूत पासवर्ड रखें
डीमैट खाते का पासवर्ड हमेशा मजबूत रखें और इसे ऐसे रखें जिसका अनुमान लगाना कठिन हो. इसके अलावा डीमैट खाते को किसी भी पब्लिक वाई-फाई या अन्य गैर-भरोसेमंद नेटवर्क पर खोलने से बचें.
एमसएमएस सुविधा
अधिकतर ब्रोकरेज फर्म अपने ग्राहकों को रीयल टाइम एसएमएस की सुविधा देते हैं. इसके तहत जब भी आपके खाते के जरिए कोई ट्रांजैक्शन होता है, तो उसकी सूचना एसएमएस के जरिए आपको प्राप्त होती है. इस फीचर को सब्सक्राइब करना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे दो डीमैट खाते होने के फायदे खाते से जुड़ी कोई अनियमितता समय रहते पकड़ में आ जाएगी और ब्रोकर्स को कहकर इसे फिक्स्ड किया जा सकेगा.
क्रेडिट टाइम को चेक करें
आमतौर पर आप जो भी स्टॉक खरीदते हैं, वे दो से तीन दिन के भीतर आपके डीमैट खाते में दिखने लगते हैं. अगर आपके डीमैट खाते में इस दौरान भी खरीदे हुए शेयर नहीं दिखा रहे हैं तो अपने ब्रोकरेज फर्म से संपर्क करें. अगर आपका ब्रोकरेज फर्म शेयरों को कुछ फायदे के बदले में ब्रोकर्स के खाते में कुछ दिन और रहने को कहता है तो ऐसी स्थिति से बचें और ब्रोकर को पूरी पारदर्शिता बरतने को कहें.
(इनपुट: एंजेलवन)
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