विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट

दो सितंबर को खत्म हुए हफ्ते में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट साप्ताहिक आधार पर 7.941 अरब डालर की कमी आई है। अगस्त के महीने में विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी कमी देखने को मिली है। डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी से निपटने के लिए आरबीआई ने बड़ी मात्रा में डॉलर बेचे हैं जिसके कारण देश के विदेशी मुद्रा भंडार में यह कमी दर्ज की गई है।
विदेशी मुद्रा भंडार में 1.1 अरब डॉलर की गिरावट
पिछले सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार में यह गिरावट मुख्य रूप से आरबीआई के स्वर्ण भंडार में कमी की वजह से आई, जो 70.5 करोड़ डॉलर फिसलकर 37.06 अरब डॉलर रह गया। 4 नवंबर को समाप्त सप्ताह में आरबीआई की विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति में 12 करोड़ डॉलर की मामूली गिरावट दर्ज हुई और यह घटकर 470.73 अरब डॉलर रह गई।
पिछले सप्ताह रुपया डॉलर के मुकाबले काफी हद तक स्थिर रहा, जिससे रुपये में 0.04 प्रतिशत की मजबूती आई। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से आरबीआई के विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से कमी आई है। इसकी कुछ वजह केंद्रीय बैंक द्वारा विनिमय दर का उतार-चढ़ाव कम करने की कोशिश भी रही। 25 फरवरी को विदेशी मुद्रा भंडार 631.53 अरब डॉलर था।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने सितंबर में कहा था कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भंडार में 67 प्रतिशत की गिरावट डॉलर के मजबूत होने के कारण पुनर्मूल्यांकन की वजह से आई है। आरबीआई के अक्टूबर 2022 के बुलेटिन के मुताबिक, 532.9 अरब विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार मौजूदा वित्त वर्ष के लिए अनुमानित 8.7 महीने के आयात के लिए है।
India Forex Reserve: विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार सातवें हफ्ते गिरावट, दो साल के न्यूनतम स्तर पर
India Forex Reserve देश का विदेशी मुद्रा भंडार गिरकर 550 बिलियन डॉलर के नीचे पहुंच गया है। यह लगातार सातवां हफ्ता है जब इसमें गिरावट देखी गई है। यह गिरावट ऐसे समय पर आई है जब डॉलर के मुकाबले रुपये विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट की कीमत की संभालने की आरबीआई कोशिश कर रहा है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। देश विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट का विदेशी मुद्रा भंडार गिरकर 550 बिलियन डॉलर के नीचे पहुंच गया है। यह दो सालों में पहली बार जब देश का विदेशी मुद्रा भंडार इस स्तर के नीचे आ गया है। पिछले सात हफ्तों से इसमें लगातार गिरावट का सिलसिला जारी है और यह 30 बिलियन डॉलर तक कम हो गया है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से जारी डाटा के मुताबिक, 16 सितंबर को समाप्त होने वाले हफ्ते तक देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves) 5.21 बिलियन डॉलर कम होकर 545.65 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है। इससे पहले वाले हफ्ते में 550.87 बिलियन डॉलर था।
विदेशी मुद्रा अस्तियों में बड़ी गिरावट
विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट विदेशी मुद्रा अस्तियों (Foreign Currency Assets -FCA) में कमी के कारण आई है। एफसीए विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे अहम घटक होता है। आरबीआई की वेबसाइट के अनुसार, एफसीए में कई देशों की मुद्रा को शामिल किया जाता है, जिसमें अमेरिकी डॉलर, यूरो, पौंड स्टर्लिंग, जापानी येन आदि सहित अन्य प्रमुख मुद्राएं होती हैं। खास बात यह है कि इन सभी का मूल्य अमेरिकी डॉलर में निर्धारित किया जाता है। ऐसे में अगर डॉलर के मुकाबले इन मुद्राओं की कीमत में कमी आती है, तो विदेशी मुद्रा अस्तियों के मूल्य में गिरावट होती है।
रुपये की स्थिति को संभालने की कोशिश
जानकारों का मनाना है कि आरबीआई की ओर से डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति को संभालने की कोशिशों के चलते देश के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। आरबीआई के डाटा के मुताबिक, पिछले सात हफ्तों में विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 28.22 बिलियन डॉलर की गिरावट आई है।
Indian Foreign Reserves: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट, इसके पीछे की असली वजह आई सामने
Edited By: India TV Business Desk
Published on: August 27, 2022 12:39 IST
Photo:INDIA TV भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट
Highlights
- भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट
- गिरावट का मुख्य कारण विदेशी मुद्रा एसेट्स (FCA) और स्वर्ण भंडार का कम होना है
- यूक्रेन-रूस युद्ध भी है इसका कारण
Indian Foreign Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 6.687 अरब डॉलर घटकर 564.053 अरब डॉलर रह गया। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट ने यह जानकारी दी है। इससे पहले 12 अगस्त को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.238 करोड़ डॉलर घटकर 570.74 अरब डॉलर रहा था।
इसे पीछे का असली कारण स्वर्ण भंडार का कम होना है
रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का मुख्य कारण विदेशी मुद्रा एसेट्स (FCA) और स्वर्ण भंडार का कम होना है। साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक, एफसीए 5.77 अरब डॉलर घटकर 501.216 अरब डॉलर रह गयी। आंकड़ों के अनुसार, स्वर्ण भंडार का मूल्य 70.4 करोड़ डॉलर घटकर 39.914 अरब डॉलर रह गया। उस दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 14.6 करोड़ डॉलर घटकर 17.987 अरब डॉलर पर आ गया। जबकि आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार भी 5.8 करोड़ डॉलर गिरकर 4.936 अरब डॉलर रह गया।
विदेशी मुद्रा भंडार घटने के पीछे विश्व में आर्थिक मंदी आने के संकेत भी है। भारतीय रिजर्व बैंक इसे कंट्रोल करने की लगातार कोशिशें कर रहा है। उसके हस्तक्षेप से मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार घटने की दर में कमी आई है। आरबीआई अधिकारियों के अध्ययन में यह कहा गया है। अध्ययन में 2007 से लेकर रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण मौजूदा समय में उत्पन्न उतार-चढ़ाव को शामिल किया गया है। केंद्रीय बैंक की विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप की एक घोषित नीति है। केंद्रीय बैंक यदि बाजार में अस्थिरता देखता है, तो हस्तक्षेप करता है। हालांकि, रिजर्व बैंक मुद्रा को लेकर कभी भी लक्षित स्तर नहीं देता है।
यूक्रेन-रूस युद्ध है इसका कारण
आरबीआई के वित्तीय बाजार संचालन विभाग के सौरभ नाथ, विक्रम राजपूत और गोपालकृष्णन एस के अध्ययन में कहा गया है कि 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान भंडार 22 प्रतिशत कम हुआ था। यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद उत्पन्न उतार-चढ़ाव के दौरान इसमें केवल छह प्रतिशत की कमी आई है। अध्ययन में कहा गया है कि इसमें व्यक्त विचार लेखकों के हैं और यह कोई जरूरी नहीं है कि यह केंद्रीय बैंक की सोच से मेल खाए।
रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा भंडार को लेकर अपने हस्तक्षेप उद्देश्य को प्राप्त करने में सफल रहा है। यह विदेशी मुद्रा भंडार में घटने की कम दर से पता चलता है। अध्ययन के अनुसार, निरपेक्ष रूप से 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट के कारण मुद्रा भंडार में 70 अरब अमेरिकी डॉलर की गिरावट आई। जबकि कोविड-19 अवधि के दौरान इसमें 17 अरब डॉलर की ही कमी हुई। वहीं रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण इस वर्ष 29 जुलाई तक 56 अरब डॉलर की कमी आई है।
विदेशी मुद्रा भंडार के प्रमुख घटक गोल्ड रिजर्व और एसडीआर भी घटे
दो सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में देश के गोल्ड रिजर्व में 1.339 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई और यह 38.303 अरब डॉलर रहा। वहीं दूसरी ओर एसडीआर में साप्ताहिक आधार पर पांच अरब डॉलर की गिरावट दिखी और यह 17.782 अरब डॉलर रहा। इस दौरान आईएमएफ में देश का रिजर्व पोजिशन 2.4 करोड़ डॉलर की गिरावट के साथ 4.902 अरब डॉलर रहा।
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार पर जेफरीज ने जाहिर की थी चिंता
बता दें कि बीते छह सितंबर को जेफरीज नामक एजेंसी ने अपनी ओर से जारी एक नोट में कहा था कि भारत को अपने विदेशी मुद्रा भंडार पर नजर बनाए रखने की जरूरत है। इस नोट में यह भी कहा गया है कि भारत का व्यापार घाटा बीते कुछ समय में अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट है। इसी तरह चालू खाते का घाटा (CAD) भी वित्तीय वर्ष 2022-23 में 3.5 फीसदी पर है जो एक दशक के उच्चत्म स्तर की ओर बढ़ रहा है।
हाइलाइट्स
विदेशी मुद्रा भंडार 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर पर.
गोल्ड रिजर्व का मूल्य 70.5 करोड़ डॉलर घटकर 37.057 अरब डॉलर पर.
FCA 12 करोड़ डॉलर घटकर 470.73 अरब डॉलर रह गई.
मुंबई. देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves/Forex Reserves) में फिर गिरावट आई है. 4 नवंबर, 2022 को खत्म हुए सप्ताह में यह 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया. इसका कारण गोल्ड रिजर्व में आई भारी गिरावट है. भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (RBI) विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है.
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार 6.56 अरब डॉलर बढ़कर 531.08 अरब डॉलर हो गया था जो वर्ष के दौरान किसी एक सप्ताह में आई सबसे अधिक तेजी थी. एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया था.