विश्व विदेशी मुद्रा

Published at : 11 Nov 2022 08:57 PM (IST) Tags: Federal Reserve Rupee - Dollar RBI Data Foreign Currency Reserves India Forex Reserves हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
वैश्विक बाज़ार में डॉलर का वर्चस्व
इस Editorial में The Hindu, The Indian Express, Business Line आदि में प्रकाशित लेखों का विश्लेषण किया गया है। इस लेख के अंतर्गत वैश्विक बाज़ार में डॉलर के वर्चस्व और उसकी भूमिका पर चर्चा की गई है। आवश्यकतानुसार, यथास्थान टीम दृष्टि के इनपुट भी शामिल किये गए हैं।
अमेरिकी डॉलर निस्संदेह वैश्विक वित्तीय विश्व विदेशी मुद्रा प्रणाली का प्रमुख चालक है। केंद्रीय बैंकों के लिये प्रमुख आरक्षित मुद्रा से लेकर वैश्विक व्यापार एवं उधार लेने हेतु विश्व विदेशी मुद्रा मुख्य साधन के रूप में अमेरिकी डॉलर विश्व भर के बैंकों और बाज़ारों के लिये महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा विश्व विदेशी मुद्रा है। वर्ष 2017 में जारी एक शोध पत्र के मुताबिक कुल अमेरिकी डॉलर का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा अमेरिका से बाहर मौजूद है। यह आँकड़ा विश्व की अन्य अर्थव्यवस्थाओं के लिये डॉलर के महत्त्व को स्पष्ट करता है। हालाँकि गत वर्षों में कई देशों की सरकारों ने डॉलर पर अपनी निर्भरता को कम करने का प्रयास किया है, उदाहरण के लिये वर्ष 2017 में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रुसी बंदरगाहों पर अमेरिकी डॉलर के माध्यम से व्यापार न विश्व विदेशी मुद्रा करने का आदेश दिया था। परंतु जानकारों का मानना है कि डी-डॉलराइज़ेशन या वैश्विक बाज़ार में अमेरिकी डॉलर के वर्चस्व में कमी निकट भविष्य में संभव नहीं है।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा के रूप में डॉलर
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा वह मुद्रा होती है जिसे दुनिया भर में व्यापार या विनियम के माध्यम के रूप में स्वीकार किया जाता है। अमेरिकी डॉलर, यूरो और येन आदि विश्व की कुछ महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय मुद्राएँ हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा को आरक्षित मुद्रा के रूप में भी जाना जाता है।
- संयुक्त राष्ट्र (UN) ने दुनिया भर की 180 प्रचलित मुद्राओं को मान्यता प्रदान की है और अमेरिकी डॉलर भी इन्हीं में से एक है, परंतु खास बात यह है कि इनमें से अधिकांश का प्रयोग मात्र घरेलू स्तर पर ही किया जाता है।
- विश्व भर के बैंकों की डॉलर पर निर्भरता को वर्ष 2008 के वैश्विक संकट में स्पष्ट रूप से देखा गया था।
- आरक्षित मुद्रा के रूप में
- अंतर्राष्ट्रीय क्लेम को निपटाने और विदेशी मुद्रा बाज़ार में विश्व विदेशी मुद्रा हस्तक्षेप करने के उद्देश्य से दुनिया भर के अधिकांश केंद्रीय बैंक अपने पास विदेशी मुद्रा का भंडार रखते हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के मुताबिक, अमेरिकी डॉलर विश्व की सर्वाधिक लोकप्रिय अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा है। आँकड़ों के मुताबिक, 2019 की पहली तिमाही तक विश्व के सभी ज्ञात केंद्रीय बैंकों के कुल विदेशी मुद्रा भंडार का 61 प्रतिशत हिस्सा अमेरिकी डॉलर का है।
- अमेरिका डॉलर के बाद यूरो को सबसे लोकप्रिय अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा माना जाता है, विदित हो कि वर्ष 2019 की पहली तिमाही तक विश्व के सभी केंद्रीय बैंकों के कुल विदेशी मुद्रा भंडार का 20 प्रतिशत हिस्सा यूरो का विश्व विदेशी मुद्रा है।
- गौरतलब है कि वर्ष 2010 से जापानी येन (Yen) की आरक्षित मुद्रा के रूप में भूमिका में 5.4 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि चीनी युआन (Yuan) और अधिक महत्त्वपूर्ण हो गया है, यद्यपि यह अभी मात्र 2 प्रतिशत का ही प्रतिनिधित्व करता है।
डॉलर के विकास की कहानी
- उल्लेखनीय है कि पहला अमेरिकी डॉलर वर्ष 1914 में फेडरल रिज़र्व बैंक द्वारा छापा गया था। 6 दशकों से कम समय में ही अमेरिकी डॉलर एक अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा के रूप में उभर कर सामने आ गया, हालाँकि डॉलर के लिये इतने कम समय में ख्याति हासिल करना शायद आसान नहीं था।
- यह वह समय था जब अमेरिकी अर्थव्यवस्था ब्रिटेन को पछाड़ते हुए विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रही थी, परंतु ब्रिटेन अभी भी विश्व का वाणिज्य केंद्र बना हुआ था क्योंकि उस समय तक अधिकतर देश ब्रिटिश पाउंड के माध्यम से ही लेन -देन कर रहे थे।
- साथ ही कई विकासशील देश अपनी मुद्रा विनिमय में स्थिरता लाने के लिये उसके मूल्य का निर्धारण सोने (Gold) के आधार पर कर रहे थे
- इस व्यवस्था को ब्रेटन वुड्स समझौते के नाम से जाना जाता है।
निष्कर्ष
अरबों डॉलर के विदेशी ऋण और घाटे की वित्तीय व्यवस्था के बावजूद वैश्विक बाज़ार को अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर विश्वास है। जिसके कारण अमेरिकी डॉलर आज भी विश्व की सबसे मज़बूत मुद्रा बनी हुई है और आशा है कि आने वाले वर्षों में भी यह महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा की भूमिका अदा करेगी, हालाँकि गत कुछ वर्षों में चीन और रूस जैसे देशों ने डॉलर के समक्ष कई चुनौतियाँ पैदा की हैं। आवश्यक है कि चीन और रूस जैसे देशों की बात भी सुनी जानी चाहिये और सभी हितधारकों को एक मंच पर एकत्रित होकर यथासंभव संतुलित मार्ग की खोज करने का प्रयास करना चाहिये।
प्रश्न: वैश्विक वित्तीय प्रणाली में डॉलर की भूमिका का मूल्यांकन कीजिये।
Forex Reserve: फिर घटा देश का विदेशी मुद्रा भंडार, 3.85 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर तक नीचे आया
By: ABP Live | Updated at : 28 Oct 2022 05:58 PM (IST)
Edited By: Meenakshi
Forex Reserve: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Currency Reserve) लगातार घटता जा रहा है और भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के लिए ये बड़ी चिंता का विषय भी है. आज आरबीआई ने डेटा जारी करके बताया है विश्व विदेशी मुद्रा कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2 साल से ज्यादा के निचले स्तर तक चला गया है. देश की करेंसी रुपये की गिरावट इसकी बड़ी वजह भी है और फॉरेन करेंसी ऐसेट्स भी घटे हैं.
कितना हो गया देश का विदेशी मुद्रा भंडार
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 21 अक्टूबर को खत्म हफ्ते में 3.85 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर पर आ गया है. ये इसका 2 साल से भी ज्यादा का निचला स्तर है. आरबीआई ने डेटा जारी करके बताया है कि रुपये की लगातार गिरावट को थामने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बावजूद विदेशी विश्व विदेशी मुद्रा मुद्रा भंडार में कमी देखी जा रही है.
Forex Reserve: भारत के पास है विश्व का चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार, जानिए पहले और दूसरे स्थान पर हैं कौन-कौन से देश
विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में दुनियाभर में सबसे आगे चीन है। इस मोर्चे पर 1404 अरब डालर से कुछ अधिक रकम के साथ जापान दूसरे तथा 1077 अरब विश्व विदेशी मुद्रा डालर (सितंबर के आंकड़ों के हिसाब से) के साथ स्विट्जरलैंड तीसरे स्थान पर हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। वर्तमान में भारत के पास दुनिया का चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार है। सोमवार को लोकसभा में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि 19 नवंबर, 2021 तक देश का विदेशी मुद्रा भंडार 640.4 अरब डालर था। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षो के दौरान एक्साइज शुल्क (सेस भी शामिल) के तहत 16.7 लाख करोड़ रुपये एकत्र किए गए हैं। गैर-ब्रांडेड वाले पेट्रोल पर वर्ष 2013-14 में एक्साइज ड्यूटी 9.2 रुपये प्रति लीटर थी जबकि गैर-ब्रांडेड वाले डीजल पर 3.46 रुपये प्रति लीटर थी। वर्तमान में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 27.9 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 21.80 रुपये प्रति लीटर है। विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में दुनियाभर में सबसे आगे चीन है, जिसके पास इस वर्ष अक्टूबर में 3,392 अरब डालर का भंडार बताया जा रहा था। इस मोर्चे पर 1,404 अरब डालर से कुछ अधिक रकम के साथ जापान दूसरे तथा 1,077 अरब डालर (विश्व विदेशी मुद्रा सितंबर के आंकड़ों के हिसाब से) के साथ स्विट्जरलैंड तीसरे स्थान पर हैं।
देश में कोयले की कमी नहीं : कोयला मंत्री
इस बीच, कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा है कि देश में कोयले की कोई कमी नहीं है। राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए जोशी ने कहा कि भारी बारिश, बिजली की बढ़ती मांग के चलते बिजली संयंत्रों में कोयले का भंडार कम हो गया था। इस साल आठ अक्टूबर तक संयंत्रों में कोयले का स्टाक 72 लाख टन (चार दिनों का स्टाक) तक पहुंच गया था। हालांकि इसके बाद कोयले की आपूर्ति बढ़ी और 29 नवंबर को स्टाक 1.7 करोड़ टन (नौ दिनों के लिए पर्याप्त) पहुंच गया। पिछले साल की तुलना में कोल इंडिया ने इस साल अप्रैल से अक्टूबर के दौरान 5.4 करोड़ टन ज्यादा कोयला भेजा है। कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्रों की बात करें तो अप्रैल से अक्टूबर के दौरान 594.34 अरब यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ। जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 511.46 अरब यूनिट था।
देश में 44 करोड़ जन धन खाते हैं, जिनमें से 55 प्रतिशत से अधिक (24.42 करोड़) अकाउंट महिलाओं के नाम हैं। यह जानकारी वित्त राज्य मंत्री भागवत किशन कराड ने लोकसभा में दी। सुकन्या समृद्धि योजना के खाते खोले जाने संबंधी एक अन्य सवाल के जवाब में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि पहली अप्रैल, 2018 से 31 अक्टूबर, 2021 तक 1,42,73,910 खाते खोले गए। उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाते खोले गए।
144 केंद्रीय परियोजनाओं की लागत 14,960 रुपये बढ़ी
इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी 144 केंद्रीय परियोजनाएं समय से पूरी होती नहीं दिख रही हैं। खास बात यह है कि समय से पूरा नहीं होने के चलते इनकी लागत 14,960.02 करोड़ रुपये बढ़ गई है। सांख्यिकी मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने संसद में बताया कि इन परियोजनाओं की शुरुआती लागत 1,67,493.82 करोड़ रुपये थी जो अब बढ़कर 1,82,453.84 करोड़ रुपये हो गई है।
वित्त राज्यमंत्री भागवत किशन कराड ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि सरकार का हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी घटाने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि जीएसटी का फैसला काउंसिल करती है और यह एक संवैधानिक संस्था है। वर्तमान समय में उसकी तरफ से इस तरह की कोई सिफारिश नहीं की गई है।
देशभर में एटीएम की संख्या 2.13 लाख से ज्यादा
इस साल सितंबर तक देशभर में एटीएम की संख्या 2.13 लाख से ज्यादा थी। 47 प्रतिशत से ज्यादा एटीएम ग्रामीण और अर्द्ध शहरी इलाकों में थे। वित्त राज्यमंत्री भागवत किशन कराड ने यह जानकारी लोकसभा में दी।
पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत में विमानन कंपनियों और एयरपोर्ट को क्रमश: 19,564 करोड़ और 5,116 करोड़ रुपये अनुमानित नुकसान हुआ है। यह जानकारी नागरिक विमानन विश्व विदेशी मुद्रा राज्यमंत्री वीके सिंह ने सोमवार को राज्यसभा में दी।
India Forex Reserves: विदेशी मुद्रा कोष 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रहा, जानें कितना रहा सोने का भंडार
By: ABP Live | Updated at : 11 Nov 2022 08:57 PM (IST)
प्रतिकात्मक फोटो ( Image Source : Getty )
India Forex Reserves 2022: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की तरफ से शुक्रवार को देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) के आंकड़े जारी किये गए है. आपको बता दे कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 4 नवंबर को समाप्त सप्ताह में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया है. इसका कारण स्वर्ण भंडार में भारी गिरावट आई है.
RBI ने जारी किये आंकड़े
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 4 नवंबर 2022 को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा आस्तियां (FCA) 12 करोड़ डॉलर घटकर 470.73 अरब डॉलर रह गई है. डॉलर में अभिव्यक्त किये जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में मुद्रा भंडार में रखे यूरो (Euro), पौंड (Pound) और जापानी येन (Japanese Yen) जैसे गैर डॉलर मुद्रा के मूल्य में आई कमी या बढ़त के प्रभावों को दर्शाया जाता है.रुपए पर अभी बना रहेगा दबाव
इधर डॉलर के मुकाबले रुपए के प्रदर्शन को लेकर मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के मुद्रा और सर्राफा विश्लेषक गौरांग सोमैया ने कहा, ‘‘अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपए के 82.10 से 82.6 प्रति डॉलर के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है.’’
बीते सप्ताह डॉलर इंडेक्स 113.31 के स्तर पर बंद हुआ. आखिरी कारोबारी सत्र में तेल में गिरावट दर्ज की गई. ब्रेंट क्रूड बीते सप्ताह 91.63 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर बंद हुआ. WTI क्रूड 85.61 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर बंद हुआ. इसके अलावा, बीएसई सेंसेक्स शुक्रवार को 684 अंक या 1.20 फीसदी की मजबूती के साथ 57920 अंक पर पंहुचा गया तथा निफ्टी में भी 171.35 अंक की बढ़त रही.