क्रिप्टो को माना जाएगा वस्तु

जीएसटी की धारा 2(75) के अनुसार, मनी से आशय भारतीय विधिमान्य मुद्रा (Indian legal Currency) या फेमा अधिनियम के तहत आने वाली विदेशी करेंसी से है. अधिकांश वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) इस परिभाषा के दायरे में नहीं आती. इसलिए इन्हें मनी नहीं माना जा सकता.
Crypto मुसलमानों के लिए हराम! इंडोनेशिया की उलेमा काउंसिल ने गिनाई वजहें
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क्रिप्टो को माना जाएगा वस्तु
- नई दिल्ली,
- 12 नवंबर 2021,
- (अपडेटेड 12 नवंबर 2021, 1:28 PM IST)
- नेशनल उलेमा काउंसिल ने बताया हराम
- इंडोनेशिया ने अभी तक नहीं लगाया बैन
इंडोनेशिया की नेशनल उलेमा काउंसिल (एमयूआई) ने क्रिप्टोकरेंसी को हराम माना है. एमयूआई का मानना है कि इसमें अनिश्चितता और नुकसान के तत्व हैं. हराम मानने का ऐलान धार्मिक नियमों के प्रमुख असरुन नियाम शोलेह ने गुरुवार को परिषद द्वारा विशेषज्ञों की बैठक के बाद किया. हालांकि उन्होंने एक शर्त भी रखी है.
धार्मिक नियमों के प्रमुख असरुन नियाम शोलेह ने कहा कि यदि एक वस्तु या डिजिटल संपत्ति के रूप क्रिप्टो को माना जाएगा वस्तु में क्रिप्टोकरेंसी शरिया सिद्धांतों का पालन कर सकती है और स्पष्ट लाभ दिखा सकती है, तो इसका कारोबार किया जा सकता है. बता दें कि एमयूआई, देश में शरिया अनुपालन देखता है, जो वित्त मंत्रालय और केंद्रीय बैंक को इस्लामी मुद्दों पर परामर्श देता है.
Budget 2022: पाबंदी नहीं कमाई करेगी सरकार, क्रिप्टो करंसी से आय पर लगेगा 30 फीसदी टैक्स
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में डिजिटल असेट पर सर्वाधिक 30 फीसदी टैक्स का एलान किया है। माना जा रहा है कि आभासी मुद्रा, वर्चुअल करंसी या क्रिप्टो करंसी को डिजिटल असेट माना जाएगा और इससे होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लिया जाएगा।
डिजिटल असेट टैक्स या क्रिप्टो टैक्स के प्रस्ताव से यह भी संकेत मिल रहा है कि सरकार देश में क्रिप्टो करंसी पर पाबंदी लगाने की बजाए इससे होने वाली कमाई में अपनी हिस्सेदारी तय करने जा रही है। वैसे क्रिप्टो करंसी को लेकर सरकार ने अभी अपना रुख तय नहीं किया है कि वह कैसे और कब इसकी खरीद-फरोख्त को मंजूरी देगी।
विस्तार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में डिजिटल असेट पर सर्वाधिक 30 फीसदी टैक्स का एलान किया है। माना जा रहा है कि आभासी मुद्रा, वर्चुअल करंसी या क्रिप्टो करंसी को डिजिटल असेट माना जाएगा और इससे होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लिया जाएगा।
डिजिटल असेट टैक्स या क्रिप्टो टैक्स के प्रस्ताव से यह भी संकेत मिल रहा है कि सरकार देश में क्रिप्टो करंसी पर पाबंदी लगाने की बजाए इससे होने वाली कमाई में अपनी क्रिप्टो को माना जाएगा वस्तु हिस्सेदारी तय करने जा रही है। वैसे क्रिप्टो करंसी को लेकर सरकार ने अभी अपना रुख तय नहीं किया है कि वह कैसे और कब इसकी खरीद-फरोख्त को मंजूरी देगी।
वित्त मंत्री सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा है कि डिजिटल असेट से होने वाली आय पर 30 फीसदी टैक्स लगाया जाएगा। यह देश में किसी वस्तु पर लगने वाला क्रिप्टो को माना जाएगा वस्तु सर्वाधिक कर होगा। सरकार की योजना पहले देश में क्रिप्टोकरंसी पर पाबंदी लगाने की थी, लेकिन अब वह इसके नियमन पर विचार कर रही है। इसे जल्द कानूनी जामा पहनाया जा सकता है। फिलहाल देश में अरबों रुपये की वर्चुअल करंसी की खरीद फरोख्त होती है, लेकिन यह सरकार के नियंत्रण से बाहर है।
30 फीसदी Tax के बाद अब Cryptocurrency पर क्रिप्टो को माना जाएगा वस्तु देना पड़ सकता है 28 फीसदी GST भी, जानें क्यों?
बजट में इसे घुड़दौड़ और लॉटरी के समान मानने के कारण ही Cryptocurrency पर जीएसटी लगने की संभावनायें बढ़ गई क्रिप्टो को माना जाएगा वस्तु हैं.
बजट (Budget 2022) में क्रिप्टोकरेंसी पर 30 फीसदी टैक्स लगाया गया है. अब क्रिप्टो पर जीएसटी (GST on Cryptocurrency) वसूलने की चर्चा भी चल पड़ी है. बजट में इसे घुड़दौड़ और लॉटरी के समान मानने के कारण ही Cryptocurrency पर जीएसटी लगने की संभावनाएं बढ़ गई हैं.
- News18Hindi
- Last Updated : February 03, 2022, 14:10 IST
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने बजट (Budget 2022) में क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले मुनाफे पर टैक्स (Tax on Cryptocurrency) की घोषणा की है. अब इसके वस्तु व सेवा कर (Goods and Services Tax – GST) के दायरे में आने की भी चर्चा शुरू हो गई है. दरअसल, ये चर्चा इसलिए शुरू हुई है क्योंकि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को घुड़दौड़ और लॉटरी की श्रेणी में रखा है. बता दें कि वर्तमान में प्राइवेट लॉटरी (Lottery) और घुड़दौड़ (Horse Racing) पर 28 फीसदी जीएसटी चुकाना पड़ता है. इसलिए सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर भी 28 फीसदी जीएसटी वसूल सकती है. हालांकि, जीएसटी को लेकर अभी सरकार क्रिप्टो को माना जाएगा वस्तु की ओर से कोई सूचना नहीं आई है.
क्रिप्टोकरंसी पर सस्पेंस जल्द खत्म करे सरकार
लेखकः एल बद्री नारायण
क्रिप्टोकरंसी ऐंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशल डिजिटल करंसी बिल 2021, संसद में पेश होने वाला है, लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि सरकार करने क्या वाली है। अलबत्ता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रविवार को ट्विटर एकाउंट हैक हुआ और हैकर ने यह ट्वीट किया कि सरकार ने 500 बिटकॉइन खरीदे हैं और वह उन्हें देशवासियों में बांटने जा रही है। अभी तक क्रिप्टोकरंसी को लेकर यही सुनने में आया है कि सरकार ऐसी सभी प्राइवेट करंसी पर प्रतिबंध लगाने जा रही है। इससे पहले वर्चुअल करंसी को रेगुलेट करने की सारी कोशिशें नाकाम रहीं, जिनमें 2019 का ड्राफ्ट बिल और 2018 में रिजर्व बैंक का सर्कुलर शामिल है। इस सर्कुलर को 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
Union Budget 2022 : विदेशी क्रिप्टो का भविष्य अनिश्चित, निवेशकों को सावधान रहने की जरूरत
Union Budget 2022 लोकेश सोलंकी, इंदौर, नईदुनिया। आरबीआइ डिजिटल करंसी जारी करेगा। डिजिटल असेट पर 30 प्रतिशत टैक्स लगेगा। बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की इन दो लाइनों से क्रिप्टो करंसी में निवेश करने वाले लोगों की उम्मीदें परवान चढ़ती दिख रही हैं। बीते दिनों से लगातार गिर रहे क्रिप्टो करंसी के बाजार में मंगलवार दोपहर से तेजी भी दिखी। बावजूद इसके विशेषज्ञ आगाह कर रहे हैं कि सरकार ने किसी तरह की विदेशी क्रिप्टो करंसी को अभी मान्यता नहीं दी है। सरकार क्रिप्टो मार्केट में लगे भारतीयों के पैसों को सर्विलांस में लाने और डाटा हासिल करने में जुटी है। निवेशकों को क्रिप्टो को लेकर संभलना होगा क्योंकि इस पर कानूनी मसौदा आना बाकी है। उम्मीद कम ही है कि विदेशी क्रिप्टो करंसी को सरकार मान्यता दे दे।