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स्काल्पिंग

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आपके क्रिप्टो होल्डिंग्स के जरिए स्टेकिंग पैसिव अर्निंग का मौका देता है, जिसका इस्तेमाल आप बेयरिश मार्केट में अपने नुकसान की भरपाई के लिए कर सकते हैं। इसका नतीजा आपके क्रिप्टोज की लॉकिंग के रूप में सामने आता है, जिस वजह से आप पैनिक सेलिंग से बच जाते हैं। हालांकि, लॉकिंग आप की वजह से क्रिप्टो की लिक्विडिटी खत्म हो जाती है।

Trading kise kahate hain | ट्रेडिंग कैसे करते हैं | ट्रेडिंग के प्रकार क्या हैं

यदि आप स्टॉक मार्किट में जरा भी दिलचस्पी रखते हैं, तो आपने ट्रेडिंग शब्द जरूर सुना होगा, क्या आप जानते हैं, ट्रेडिंग क्या होता है, Trading kise kahate hain, ट्रेडिंग क्यों की जाती है, और ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है। तो ट्रेडिंग के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा पढ़ें।

दरअसल जब आप स्टॉक मार्किट में अपनी शुरुवात करते हैं, तो आप के लिए कई शब्द बिलकुल नए होते हैं, जिनके बारे में आपको कोई जानकारी नहीं होती है, जैसे स्टॉक एक्सचेंज, आईपीओ, सेंसेक्स, निफ़्टी, इन्वेस्टर, रिटेलर इत्यादि, और इन्ही में से एक शब्द Trading भी है। तो चलिए जानते हैं, Trading क्या होता है।

पिछले कुछ समय में जिस गति से लोगों के बीच स्टॉक मार्किट में इन्वेस्टमेंट को लेकर चलन बड़ा है, खास करके युवा वर्ग की स्टॉक मार्किट में काफी दिलचस्पी देखि गई है, इस से पता चलता है, की आने वाले समय में भारत में नए निवेशकों की संख्या में बंपर बढ़ोतरी होने वाली है।

ट्रेडिंग क्या होता है | Trading kise kahate hain

ट्रेडिंग का हिंदी में अर्थ होता है, व्यापार, जब दो संस्थाओं के बीच आम तोर पर मुनाफे के उद्देश्य से वस्तुओं या सेवाओं का आदान प्रदान होता है, तो वह ट्रेडिंग केहलाता है। ट्रेडिंग यानि व्यापार द्वारा ही धन प्राप्त होता है, और यही समाज में प्रगति के चक्र को भी नियंत्रित करता है। ट्रेड वस्तुओं या सेवाओं के अनुसार अलग-अलग हो सकता है, लेकिन स्काल्पिंग इसकी प्रक्रिया लगभग एक समान ही होती है।

अब यदि फाइनेंसियल मार्किट या स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग को समझें, की ट्रेडिंग क्या होती है? तो यहाँ पर आम बाजार की तरह प्रोडक्ट और सेवाओं के जगह कंपनियों के स्टॉक्स, शेयर्स, बांड्स इत्यादि को ख़रीदा व बेचा जाता है। वह व्यक्ति जो कपनियों के स्टॉक्स को मुनाफे के उद्देश्य से खरीदता व बेचता है, उसे Trader कहा जाता है, और बाजार जहाँ पर ट्रेडिंग की जाती है, वह शेयर बाजार केहलाता है।

स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग के प्रकार | Types of Stock market Trading in Hindi

स्टॉक मार्किट ट्रेडिंग के मुख्य तीन प्रकार हैं।

Intraday Trading :-

इंट्राडे ट्रेडिंग को डे ट्रेडिंग भी कहा जाता है, जब कोई निवेशक एक ही दिन के भीतर कोई स्टॉक्स खरीदता और बेचता है, तो वह Intraday trading केहलाता है। इसका अर्थ हुवा की यदि आपने आज के दिन में किसी कंपनी के स्टॉक्स ख़रीदे हैं, तो मार्किट बंद होने तक आज ही आपको उन स्टॉक्स को बेचना होगा। इस प्रकार की ट्रेडिंग अनुभवी ट्रेडर्स के द्वारा की जाती है, क्योंकि इसमें रिस्क अधिक होता है, और तेजी से निर्णय लेने पड़ते हैं।

Position Trading :-

पोजीशन ट्रेडिंग में इंट्राडे की तुलना में निवेशक को ट्रेडिंग के लिए अधिक समय मिल जाता है, क्योंकि यह Buy और Hold रणनीति पर निर्भर करता है। इसमें निवेशक लंबे समय तक के लिए स्टॉक्स को होल्ड रख सकता है, जब तक की स्टॉक्स के दाम में वृद्धि ना हो जाए, यानि इसमें निवेशक हफ़्तों और महीनों तक स्टॉक्स को होल्ड रख सकता है।

Scalping Trading क्या होता है ?

दोस्तों अक्सर आपने इंट्राडे ट्रेडिंग सुना होगा , आपने इन्वेस्टमेंट सुना होगा , आप स्विंग ट्रेडिंग सुने होंगे, पर ये Scalping Trading क्या है ?
तो दोस्तों आज मै आप लोगो को Scalping Trading के बारे में बताने वाला हु ….

दोस्तों Scalping स्काल्पिंग Trading हाई रिस्क और हाई रिवॉर्ड गेम है , यहाँ आपको हाई क्वांटिटी के साथ काम करना होता है , और सेकंड सेकंड में प्रॉफिट बुक करना होता है , या सेकंड सेकंड में अपना लोस्स बुक करना होता है ,
Scalping Trading स्टॉक मार्किट में वही लोग करते है , जिनको स्टॉक मार्किट का अच्छा खाशा अनुभव है ,
अगर आप नए है और स्कल्पिंग ट्रेडिंग करने का सोच रहे है , तो मै आपको Recommend करूंगा अभी आप मत करिये , क्योकि जहा आप लोस्स में रुके , आपका पूरा फण्ड साफ हो जाने वाला है, इतना खतरनाक होता है Scalping trading !

प्रॉफिट कैसे होगा Scalping Trading में !

जैसा की राहुल ने अपना एक Position बनाया है टाटा मोटर्स में 400के भाव पे 5000 क्वांटिटी खरीदा हुवा है , अब चुकी सेकंड सेकंड में प्रॉफिट बुक करना होता है स्कल्पिंग ट्रेडिंग में , तो हम ये मानकर चलते है 30 सेकंड बाद टाटा मोटर्स का भाव 400.50 पैसा हो गया ,
अब राहुल को किता प्रॉफिट होगा 50 पैसे का और कितना क्वांटिटी खरीदा था राहुल ने 5000
तो ( 5000 * 0.50= 2000 ) का प्रॉफिट हो जायेगा राहुल को सिर्फ 30 सेकंड में !

अब नुकसान कैसे होता है Scalping Trading में !

तो दोस्तों जैसा की आपको पता है , स्कल्पिंग ट्रेडिंग में सेकंड सेकंड में प्रॉफिट नुकसान होता है , तो हमने अपना एक Position बनाया हुवा है , टाटा मोटर्स में 400 के भाव पर और 5000 क्वांटिटी खरीदा हुवा है , अब बाजार हमारे तरफ न आकर नीचे गिरने लगा , तो जैसा की आपको पता है आपको सेकंड सेकंड में प्रॉफिट लोस्स बुक करना होता है , तो जैसे ही प्राइस 0.20 पैसे निचे गिरेगा आप तुरंत मार्किट से बहार हो जाओगे ,
आपको कितने का नुकसान होगा , 5000 * 0.20 = 1000 (1000 का आपको नुकसान हो जायेगा 20 से 30 सेकंड में)

तो दोस्तों आपको अंदाजा लग गया होगा स्कल्पिंग ट्रेडिंग क्या होता है , अगर आप अच्छे से स्कल्पिंग सिख गए तो आप बहुत पैसा कमाओगे , और अगर आपको नहीं आता स्कल्पिंग ट्रेडिंग करने तो आपको बहुत नुकसान होगा।।
तो उससे अच्छा पहले आप सीखिए उसके बाद स्कल्पिंग कीजिये।
तो दोस्तों हमारा ब्लॉग कैसा लगा आप कमेंट बॉक्स पर जरूर बताये !

बेयर मार्केट में लॉस से बचने के ये हैं 5 रास्ते

बेयर मार्केट ऐसा फेज है, जब आपके इनवेस्टमेंट की कीमतें तेजी से गिरती हैं। यह गिरावट लंबे समय तक जारी रहती है। बेयर मार्केट फेज ट्रेडर्स और इनवेस्टर्स के लिए बड़ी बाधा है, जो क्रिप्टो मार्केट से अच्छा पैसा कमाना चाहते हैं। बतौर एक क्रिप्टो इनवेस्टर आप चार्ट पर आंकड़ों को देखते हैं और पाते हैं कि आपका इनवेस्टमेंट की वैल्यू तेजी से घट रही है। आपके दिमाग में सिर्फ एक सवाल होता है: ऐसी स्थिति से बेयर को कैसे फायदा होता है?

जब क्रिप्टोकरेंसीज की कीमतें 20% से ज्यादा गिर गई हों तो बेयर मार्केट (जब मार्केट के बेयर फेज में होना मान लिया जाता है) के असर से बचना आसान नहीं है। खासकर तब जै क्रिप्टो मार्केट में बेयरिश ट्रेंड देखा जा रहा है और टॉप क्रिप्टो के प्राइसेज 70-90 फीसदी गिर चुके हैं तो ट्रेडर्स के लिए अपना धैर्य बनाए रखना मुश्किल हो रहा है। हालांकि, जैसी की यह कहावत है, "हर अंधेरे में उम्मीद की एक किरण होती है।" आप इन रणनीति का इस्तेमाल कर बेयर मार्केट का बहुत फायदा उठा सकते हैं:

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आप प्राइस चार्ट पर डीप वैली देखते हैं। आप ट्रेंड बदलने का इंतजार करते हैं, लेकिन स्थिति और खराब हो जाती है। आप सोचते हैं कि आपके पास बैठकर अपने इनवेस्टमेंट को घटता हुए देखने के सिवाय दूसरा रास्ता नहीं है तभी आपको याद आता है कि आपके पास एक बैक-अप प्लान है। आपके पास कुछ स्टेबलकॉइन या कुछ फिएट करेंसी हैं।

क्रिप्टो एसेट मार्केट में बहुत उतार-चढ़ाव रहता है। कई बार जब बेयर की पकड़ मजबूत होती है तब आपको पता नहीं होता कि कीमतें और गिरेंगी या छोटी तेजी आएगी। ऐसे वक्त में आप डीसीए या डॉलर-कॉस्ट एवरेजिंग स्ट्रेटेजी का इस्तेमाल कर सकते हैं। डीसीए आपको थोड़े पैसे के निवेश से इनवेंस्टमेंट का विस्तार करने में मदद करता है।

ट्रेडिंग कैसे करें

ट्रेडिंग करना बहुत ही सिंपल कार्य है। ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट यानी डिमैट अकाउंट होना बहुत जरूरी है। क्योंकि इनके बिना आप ट्रेडिंग नहीं कर सकते, अगर आपके पास डीमेट है, तो अब आपको ट्रेडिंग अकाउंट की मदद से शेयर मार्केट से शेयर को कम दामों में खरीदना है, और उस शेयर की कीमत बढ़ जाने पर उसे ज्यादा दाम में बेच कर मुनाफा कमाना है इसी तरह हम ट्रेडिंग करते हैं।

NOTE :- ट्रेडिंग करने से पहले आपको स्टॉक मार्केट की नॉलेज लेनी है यानी कि मार्केट को सीखना है वरना स्टॉक मार्केट में आप पैसा कमाने की जगह पैसा गवाँ सकते हैं। क्योंकि शेयर मार्केट पूरी तरह से जोखिम भरा है यहां पर अगर आप सीख कर नहीं आओगे तो 100% आप फेल हो जाओगे और फिर मार्केट को गलत ठहरा दोगे इसलिए हमारी सलाह है कि आप मार्केट में बिना सीखें पैसे कमाने की बिल्कुल ना सोचे।

स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग कैसे करते हैं

आपको बता दें कि शेयर मार्केट में इन्वेस्टर Intraday, Scalping और Swing आदि Trading कर सकते है यह सब स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने के तरीके है जिनका उपयोग करके स्टॉक मार्केट में शेयर को खरीद व बेच कर प्रॉफिट कमाते है। इसके लिए निवेशको को एक ट्रेडिंग Technique को चुनना होता है जैसे की इंट्राडे, स्काल्पिंग और स्विंग ट्रेडिंग फिर इन ट्रेडिंग के नियमों का पालन करना होता है।

अगर निवेशक सभी नियमों का पालन करता है और Technique को Follow करता है, तो रोज स्टॉक मार्केट से प्रॉफिट ले सकता है, इन ट्रेडिंग की Technique का उपयोग करके। बस निवेशक पास एक Demat Account या Trading Account होना चाहिए जिनकी मदद से वह Stock Exchange में से शेयर को खरीद सके और बेच सके।

डिमैट अकाउंट क्या होता है

डियर पाठक डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट की तरह है, जिसमें आप शेयर सर्टिफिकेट और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रख सकते हैं। डीमैट अकाउंट का मतलब डिमैटेरियलाइजेशन अकाउंट होता है। इसमें शेयर, बॉन्ड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज , म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस और ईटीएफ जैसे इन्वेस्टमेंट को रखने की प्रक्रिया आसान हो जाती है।

अगर आप भी डिमैट अकाउंट खोलना चाहते हैं तो आप इस पोस्ट को पढ़ सकते हैं। डिमैट अकाउंट कैसे खोलें? How to open demat account

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क्रिप्टो एसेट मार्केट में बहुत उतार-चढ़ाव रहता है। कई बार जब बेयर की पकड़ मजबूत होती है तब आपको पता नहीं होता कि कीमतें और गिरेंगी या छोटी तेजी आएगी। ऐसे वक्त में आप डीसीए या डॉलर-कॉस्ट एवरेजिंग स्ट्रेटेजी का इस्तेमाल कर सकते हैं। डीसीए आपको थोड़े पैसे के निवेश से इनवेंस्टमेंट का विस्तार करने में मदद करता है।

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