पुट विकल्प के प्रकार

選擇權搖錢樹
"च्वाइस मनी ट्री" सबसे अधिक पेशेवर विकल्प ट्रेडिंग क्षेत्र है। यहां हम विभिन्न प्रकार की मुफ्त विकल्प रणनीतियों, विकल्प रणनीति परीक्षण गणना, विकल्प चिप्स, खुले विकल्प, विकल्प समर्थन दबाव, ताइवान इंडेक्स विकल्प पुट/कॉल तुलना, विकल्प टी शब्द उद्धरण साझा करते हैं। प्रपत्र, विकल्प शिक्षण लेख। चाहे आप नौसिखिए हों या अनुभवी, आप यहाँ अमीर और पुरस्कृत हो सकते हैं!
एपीपी के मुख्य कार्यों में शामिल हैं:
1. आपके लिए चुनने के लिए विभिन्न प्रकार की मुफ्त विकल्प रणनीति, आप सेकंड में एक निवेश विशेषज्ञ बन सकते हैं
2. परीक्षण गणना के लिए विकल्प रणनीति का उपयोग करें, और एक बार में निपटान लाभ और हानि चार्ट को समझें
3. शेयर विकल्प चिप्स, विदेशी / स्व-संचालित विकल्प चिप्स सहित
4. विकल्प की सबसे बड़ी खुली स्थिति का दैनिक अद्यतन, दबाव का समर्थन करना सीखें
5. ताइवान पुट/कॉल अनुपात के विकल्प को संदर्भित करता है, डीलर की लंबी और छोटी दिशा को समझें
6. पहली बार जब आप चुनने का अधिकार सीखते हैं, तो आप आरंभ कर सकते हैं, और चुनने के अधिकार की शिक्षा खुली है
डेटा की सुरक्षा
आपके डेटा की सुरक्षा, इस बात पर निर्भर करती है कि डेवलपर, डेटा को कैसे इकट्ठा और शेयर करते हैं. डेटा को निजी और सुरक्षित रखने के तरीके अलग-अलग हो सकते हैं. ये आपकी जगह, उम्र, और ऐप्लिकेशन के इस्तेमाल के हिसाब से तय किए जाते हैं. यह जानकारी डेवलपर उपलब्ध कराता है और समय-समय पर इस जानकारी को अपडेट भी किया जा सकता है.
What is Options Trading in Hindi? ऑप्शन ट्रेडिंग क्या होती है? कैसे करते हैं?
आप यहां तक आये हैं इसका मतलब है कि आप वाकई में Option Trading को लेकर सीरियस हैं। आजकल जहाँ लोग शारीरिक सुख प्राप्त करने के लिए भाग रहे हैं, आपने अपनी जिंदगी से जुड़ा अहम् फैसला लिया है, हम आपको उसकी बधाई देते हैं।
अब सवाल ये है कि क्या आप Option Trading कर सकते हैं?
जी बिलकुल कर सकते हैं पर उससे पहले आपको ऑप्शन ट्रेडिंग को समझना होगा और सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ना होगा कि ये ट्रेडिंग कैसे काम करती है ताकि आगे जाकर आपको नुकसान न हो।
ऐसे में आपके पास खोने के लिए ज्यादा कुछ नहीं होगा लेकिन पाने के लिए बहुत कुछ। इस प्रकार की ट्रेडिंग में पैसे बहुत जल्दी बढ़ते और कम होते हैं तो आपको अपने मन पर काबू पाना होगा।
Option Trading करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
आपको पहले से सचेत करना हमारी जिम्मेदारी है क्योंकि इसमें आपके पैसे जा रहे हैं और आजकल पैसा ही सब कुछ है। आपको हर एक फैसला काफी सोच विचारकर करना होगा और शेयर मार्किट में अपने सफर की शुरुआत हमेशा कम से करें।
जैसे अगर आपके पास लगाने के लिए अगर ₹20,000 हैं तो उसका 25% ही लगाएं मतलब ₹5,000। ठीक वैसे ही अगर आपके पास घर के खर्चे पूरे होने के बाद ₹10,000 बचते हैं तो इसमें से केवल ₹2500 ऑप्शन ट्रेडिंग में इस्तेमाल करें।
अगर आपके पास इससे भी कम पैसे बच रहे हैं तो आप ऑप्शन ट्रेडिंग को छोड़कर Equity में इन्वेस्ट या ट्रेडिंग कर सकते हैं। ये आपको काफी सस्ता पड़ेगा और पूरी तरह टेक्निकल एनालिसिस करने के बाद आप यदि शेयर खरीदेंगे तो आपको फायदा होने के सम्भावना कई गुना बढ़ जाएगी।
Options Trading Kya Hai?
ऑप्शन ट्रेडिंग Buyer और Seller के बीच में एक ऐसा समझौता है जो Buyer को एक खास कीमत पर एक खास समय सीमा के भीतर किसी Underlying Asset को खरीदने या बेचने का अधिकार प्रदान करता है।
स्टॉक मार्किट में Options का काम खरीदने वाले को एक निर्धारित कीमत पर किसी निश्चित समय सीमा के लिए कोई सिक्योरिटी खरीदने का अधिकार देना है | समय कुछ मिनटों से लेकर 6 महीने तक हो सकता है लेकिन वह समय पूरा होने के बाद खरीदने वाले को पूरे पैसे चुकाने होंगे।
Option Trading में Premium क्या है?
अपना अधिकार पक्का करने के लिए buyer को कुछ मूल्य पहले से चुकाना होता है जिसे हम प्रीमियम कहते हैं। प्रीमियम की राशि उस आधार पर निर्धारित की जाती है कि और कितने लोग उस कॉन्ट्रैक्ट को खरीद रहे हैं और आगे उसके बढ़ने की कितनी सम्भावना है।
ऑप्शन कितने प्रकार के होते है?
ऑप्शन दो प्रकार के होते हैं: कॉल और पुट जिन्हें ब्रोकर्स द्वारा CE और PE से दर्शाया जाता है। यदि आपको आने वाले समय में शेयर की कीमत बढ़ने के आसार दिखाई दे रहे हैं तो आप कॉल ऑप्शन खरीदेंगे वहीँ दूसरी ओर अगर आपको लग रहा है कि ये शेयर डूबने वाला है तो पुट विकल्प खरीदना फायदेमंद हो सकता है।
फायदा तभी होगा जब ऑप्शन का मूल्य आपके चुकाए गए प्रीमियम से ज्यादा होगा। अब शेयर मार्किट में कुछ भी काम करने के लिए आपको डीमैट अकाउंट की जरुरत तो पड़ती ही है इसलिए एक अच्छा सा ब्रोकर ढूंढ़कर अपना डीमैट अकाउंट अवश्य खुलवाएं तभी आप Option Trading की शुरुआत कर पाएंगे।
1. Call Option(CE)
मान लीजिये अभी बैंकनिफ़्टी 31900 चल रहा है और आपने Bank Nifty की 32000 की कॉल वाला एक lot (group of share) ख़रीदा जिसमे हर एक शेयर की कीमत 28 रूपये थी।
अब अगर बैंक निफ़्टी 32000 के पास जायेगा जैसे 31930, 31940 आदि तो लोट में ख़रीदे गए हर एक शेयर की कीमत में वृद्धि होगी। अब Bank Nifty आपके बताये गए मूल्य के पुट विकल्प के प्रकार जितना पास पहुंचेगा आपको उतना ज्यादा ही लाभ होगा।
वहीँ अगर BankNifty बढ़ने की बजाए घट गया, जैसा की अधिकतर लोगों के साथ होता है, तो आपको बहुत नुकसान होगा। उसके लिए भी तैयार रहना अनिवार्य है क्योंकि यही Option Trading की डार्क साइड है।
2. Put Option(PE)
वहीँ दूसरी तरफ पुट ऑप्शन आपको शेयर बेचने का अधिकार देता है जैसे कि आप एक बियर बन गए हैं | आपको बता दें बियर वे लोग होते हैं जो शेयर को शार्ट करके पैसे बनाते हैं।
जैसे कि BankNifty का CMP अभी 31000 चल रहा है और आपने बैंक निफ़्टी का 30900 की पुट वाला एक lot ख़रीदा और उसके बाद BankNifty अगर 31000 चला गया तो आपकी बल्ले बल्ले हो जाएगी।
अगर आपने पुट ऑप्शन ख़रीदा और शेयर उस ऑप्शन की कीमत आपकी बताई गयी कीमत मुताबिक गिर गयी तो आपको बहुत फायदा होगा पर अगर कीमत गिरते गिरते उछल गयी और आप अपने ऑप्शन को बेचने से चूक गए तो भारी घाटा करने के लिए तैयार रहिये।
क्या Option Trading बेकार है?
दुनिया के बड़े इन्वेस्टर जैसे वारेन बुफेट, चार्ली मंगर, राकेश झुनझुनवाला, राधाकिसन दमानी आदि सब Option Trading छोड़कर स्टॉक्स में इन्वेस्ट करने का मौका ढूंढते हैं। क्योंकि वे जानते है कि ट्रेडिंग करके कुछ समय के लिए अमीर बना जा सकता है लेकिन इन्वेस्टिंग करके उम्र भर।
इसका ये मतलब नहीं है कि आप Option Trading को लात मार दें। यह भी एक विकल्प है और लोग इससे भी अमीर बनते हैं। लेकिन अगर आपने स्टॉक मार्किट के बारे अभी पढ़ना शुरू किया है और आप इस विकल्प से शुरुआत करना चाहते हैं तो शायद आप गलत हों।
आपको कम से कम 1 से 3 साल का समय देना होगा, Trading psychology books पढ़नी होंगी और मार्किट को समझना होगा। उदाहरण के लिए जब हम स्कूल जाते है तो पहले जमकर पढाई करते हैं और उसके बाद एग्जाम देते हैं।
यदि बिना पढ़ें परीक्षा देने जायेंगे तो जानते हैना आपका हाल कैसा होगा। ठीक वैसा ही तब होगा अगर आप इक्विटी से शुरुआत न करके सीधा ऑप्शन में घुस जायेंगे इसलिए पहले पढाई करिये और फिर Option Trading में शुरुआत कीजिये।
फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है | Basics of Future and Option trading for Beginners in Hindi
शेयर मार्केट में आप अलग अलग प्रकार से शेयर खरीद और बेच सकते है जैसे इंट्राडे (Intraday ), डिलीवरी (Delivery) अदि। इसी प्रकार से शेयर मार्केट में हम इसमें फ्यूचर एंड ऑप्शन (Future And Option Trading) ट्रेडिंग भी कर सकते है। फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है
अगर आप फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग करना चाहते है और इसके बारे में सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो इस लेख को अंतिम तक जरूर पढ़े क्योकि इसमें आपको शेयर मार्केट के बारे में और फ्यूचर एंड ऑप्शन (Future and Option) के बारे में सभी प्रकार की जानकारी उपलब्ध कराई है।
फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है Basics of Future and Option trading for Beginners in Hindi
Derivative Market क्या है ? (What is Derivative Market?)
सिम्पल शब्दो में बोले तो, डेरीवेटिव मार्केट (Derivative Market) एक प्रकार का कांटेक्ट (Contract) होता है जिसका वैल्यू कोई भी एक तारीख तक सिमित होता है उसके बाद कॉन्ट्रैक्ट (contact) का वैल्यू जीरो हो जाता है जिसे हम डेरीवेटिव मार्केट (Derivative Market) कहते है।
डेरीवेटिव मार्केट, दो संस्थाओ के बिच एक कॉन्ट्रैक्ट को दर्शाता है इसमें दरअसल शेयरों का आदान प्रदान करके पैसा कमाया जाता है। what are Future and Option
Derivative Market के प्रकार (Types of Derivative Markets)
- Forward
- Future
- Option
- Swap
फ्यूचर्स ट्रेडिंग क्या है ? (What is Futures Trading?)
स्टॉक मार्केट (Stock Market) में फ्यूचर्स ट्रेडिंग (Futures Trading) का अहम रोल होता है फ्यूचर्स ट्रेडिंग (Future trading) डेरीवेटिव मार्केट (Derivative Market) का एक अहम हिस्सा है जिसका एक अपना ट्रेडिंग Base होता पुट विकल्प के प्रकार है इसमें लोग फ्यूचर को को आधार मानकर ट्रेडिंग करते है। इसे हम उदाहरण से समझते है –
माना एक लड़का है जिसे फ्यूचर में आईपीएल के एक मैच का टिकट खरीदना है लेकिन मैच के दिनांक के समय उस टिकट का प्राइस बढ़ने वाला है तो वह लड़का अभी के प्राइस में उस टिकट को न खरीद कर उसके बदले एक डील या कॉन्ट्रैक्ट करता है कि आने वाले समय में उस टिकट का भाव बढ़े या घटे उसे अभी के प्राइस पर वह टिकट मिल जायगा लेकिन उस पुट विकल्प के प्रकार टिकट की समय अवधि उस मैच के दिनांक पर निर्धारित करेगा।
इस लेख में हम फ्यूचर्स ट्रेडिंग की सारी जानकारी आपको देंगे कि फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है ?, इसमें कितना प्रॉफिट और लॉस हो सकता है ?
फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है ? (How is future trading done?)
फ्यूचर ट्रेडिंग में हमे फ्यूचर के हिसाब से शेयर खरीदना और फिर बेचना होता है इसमें समय सिमा निर्धारित होता है जिसमे आपको अपने खरीदे गए शेयर को समय से पहले बेचना होता है इसका समय निर्धारित महीने के अंतिम सप्ताह में होता है। फ्यूचर एंड ऑप्शन के बारे में जाने।
ऑप्शंस ट्रेडिंग क्या है ? (What is Options Trading?)
जिस प्रकार स्टॉक मार्केट (Stock Market) में फ्यूचर्स ट्रेडिंग (Futures Trading) का अहम रोल है उसी प्रकार ऑप्शंस ट्रेडिंग (Options Trading) का भी महत्व पूर्ण भूमिका होता है ऑप्शंस ट्रेडिंग का अर्थ विकल्प होता है जो अपने अर्थ के अनुसार ही स्टॉक मार्केट में कार्य करता है।
ऑप्शंस ट्रेडिंग में आपको शेयर खरीदने के लिए बहोत सारे विकल्प मिल जायेंगे जिसमे आप अपने बजट के अनुसार शेयर को खरीद और बेच सकते है। इसमें कम पुट विकल्प के प्रकार लागत में अधिक लाभ कमा सकते है वो भी कम जोखिम में।
कॉल ऑप्शन क्या है ? (What is Call Option?)
कॉल ऑप्शन, ऑप्शंस ट्रेडिंग का ही एक हिस्सा होता है जिसमे मार्केट के इंडेक्स के माध्यम से देख कर सावधानी पूर्वक शेयर या लोट को उसके प्रीमियम के कीमत के आधार पर खरीदना होता है।
इसमें एक समय सिमा निर्धारित होती है जिसके अनुसार मार्केट में उतार चढ़ाओ बना रहता पुट विकल्प के प्रकार है और इसमें आप अपने अनुसार समय सिमा चुन सकते है।
कॉल ऑप्शन में स्ट्राइक प्राइस के ऊपर के खरीद को कॉल ऑप्शन कहते है इसका सही मतलब मार्केट के वृद्धि से होता है अगर मार्केट स्ट्राइक प्राइस से ऊपर चली जाती है जो मार्केट की तेजी को दर्शाता है उस समय हमे कॉल ऑप्शन को खरीदना होता है।
पुट ऑप्शंस क्या है ? (What are put options?)
पुट ऑप्शन में स्ट्राइक प्राइस के नीचे के खरीद को पुट ऑप्शन कहते है पुट ऑप्शन कॉल ऑप्शन की तरह ही काम करता है इसमें भी सारे कॉल ऑप्शन के तरह ही शेयर को खरीदा और बेचा जाता है बस फर्क इतना है कि इसमें स्ट्राइक प्राइस के नीचे या कॉल ऑप्शन के विपरीत शेयर खरीदा जाता है जिसका मतलब मार्केट में मंदी से है अगर मार्केट में गिरावट हो तब हमे पुट ऑप्शन को खरीदना चाहिए।
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फ्यूचर्स ट्रेडिंग क्या है ?
स्टॉक मार्केट (Stock Market) में फ्यूचर्स ट्रेडिंग (Futures Trading) का अहम रोल होता है फ्यूचर्स ट्रेडिंग (Future trading) डेरीवेटिव मार्केट (Derivative Market) का एक अहम हिस्सा है जिसका एक अपना ट्रेडिंग Base होता है इसमें लोग फ्यूचर को को आधार मानकर ट्रेडिंग करते है। इसे हम उदाहरण से समझते है –
ऑप्शंस ट्रेडिंग क्या है ?
जिस प्रकार स्टॉक मार्केट (Stock Market) में फ्यूचर्स ट्रेडिंग (Futures Trading) का अहम रोल है उसी प्रकार ऑप्शंस ट्रेडिंग (Options Trading) का भी महत्व पूर्ण भूमिका होता है ऑप्शंस ट्रेडिंग का अर्थ विकल्प होता है जो अपने अर्थ के अनुसार ही स्टॉक मार्केट में कार्य करता है।
कॉल ऑप्शन क्या है ?
कॉल ऑप्शन, ऑप्शंस ट्रेडिंग का ही एक हिस्सा होता है जिसमे मार्केट के इंडेक्स के माध्यम से देख कर सावधानी पूर्वक शेयर या लोट को उसके प्रीमियम के कीमत के आधार पर खरीदना होता है।
पुट ऑप्शंस क्या है ?
पुट ऑप्शन में स्ट्राइक प्राइस के नीचे के खरीद को पुट ऑप्शन कहते है पुट ऑप्शन कॉल ऑप्शन की तरह ही काम करता है इसमें भी सारे कॉल ऑप्शन के तरह ही शेयर को खरीदा और बेचा जाता है बस फर्क इतना है कि इसमें स्ट्राइक प्राइस के नीचे या कॉल ऑप्शन के विपरीत शेयर खरीदा जाता है जिसका मतलब मार्केट में मंदी से है अगर मार्केट में पुट विकल्प के प्रकार गिरावट हो तब हमे पुट ऑप्शन को खरीदना चाहिए।
एग्री कमोडिटी में वायदा कारोबारः रेपसीड, गेहूं और मक्का के ‘विकल्प अनुबंधों’ की लॉन्चिंग
प्रश्न-एग्री कमोडिटी में वायदा कारोबार कराने वाले देश के सबसे बड़े कमोडिटी एक्सचेंज ‘NCDEX’ पर रेपसीड (Rapeseed), गेंहू और मक्का के ‘विकल्प अनुबंधों’ की लॉन्चिंग होगी-
(a) 27 जुलाई, 2020 से
(b) 29 जुलाई, 2020 से
(c) 3 जुलाई, 2020 से
(d) मार्च, 2021 से
उत्तर-(a)
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