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लाभदायक निवेश के सिद्धांत

लाभदायक निवेश के सिद्धांत
Key Points

लाभदायक निवेश के सिद्धांत

शेयरों में इन्वेस्टमेंट से धन कैसे कमाएँ

विश्व-भर के लोग अपनी जमा पूँजी का छोटा या बड़ा हिस्सा शेयरों में इन्वैस्ट करते हैं। ऐसा करने के कई लाभ हैं:

इस लोकप्रिय पुस्तक में आपको शेयरों में लाभदायक निवेश के मूल सिद्धांत और इसके लिए उपयोगी मार्गदर्शन मिलेगा। इसमें आपकी पूँजी सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक नियमों को भी बखूबी समझाया गया है और वह भी सरल भाषा में। शेयर बाजार में लाभ कमाने के लिए आपको बिजनेस विशेषज्ञ, चार्टिड अकौंटेन्ट या गणित के महारथी होने की कतई आवश्यकता नहीं है। आपको चाहिए तो बस शेयरों के मूल सिद्धांत समझने के लिए थोड़ा समय। इस थोड़ी भर मेहनत से आप जीवन भर शेयरों में इन्वैस्ट कर धन कमा सकते हैं।

अतः अगर आप उन लोगों में से हैं जो शेयरों में निवेश करना चाहते हैं पर इसके बारे में कुछ खास नहीं जानते , तो यह पुस्तक आप ही के लिए लिखी गई है।

Healthy Portfolio: लाभदायक निवेश के सिद्धांत अच्छे म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो के लिए इक्विटी में इस तरह करें निवेश, सुरक्षित रहेगा आपका निवेश

Healthy Portfolio Tips: पोर्टफोलियो में बदलाव बाजार की स्थिति को देखकर करते रहना ही चाहिए क्योंकि ये कभी एक जैसा नहीं रहता है. यहां कभी छोटे तो कभी मझोले और कभी बड़ी कंपनियों के शेयर चलते हैं.

By: ABP Live | Updated at : 31 May 2022 12:34 PM (IST)

Healthy Portfolio Investment Tips: एक सुरक्षित और अच्छे भविष्य के लिए निवेश करना बहुत ही ज़रूरी है. लेकिन पैसे कहाँ और कैसे निवेश करें यह भी मुनाफा बढ़ाने के लिए बहुत आवश्यक होता है. निवेश करने के बहुत सारे विकल्प होते हैं, लेकिन एक डाइवर्सीफाइड पोर्टफोलियो का होना आवश्यक है जिससे जोखिम को कम से कम हो जाये. पोर्टफोलियो में बदलाव मार्किट के स्थिति को देख के करते रहना चाहिए, क्योंकि मार्किट कभी भी एक जैसा नहीं रहता.

यहां कभी कभी छोटे शेयर (Small Cap) चलते हैं तो कभी मझोली कंपनियों के शेयरों (Midcap) में तेजी दिखाई देती है। और कई बार तो बड़ी कंपनियां (Large Caps) अच्छा मुनाफा देती रहती है. आपको उन सेग्मेंट्स पर नजर रख कर निवेश बांटना चाहिए.

यहां करेंगे निवेश तो होगा बंपर मुनाफा

बाजार में एक्टिव फंड (Active Funds) होते हैं इनका काम होता है अच्छे रिटर्न्स देना. परन्तु पिछले 10 सालों में 80 फीसदी मौकों पर यह फंड्स उतने रिटर्न्स नहीं दे रहे हैं. इसलिए पैसिव फंड्स (Passive Funds) का महत्त्व बढ़ जाता है, क्योंकि यह मार्केट इंडेक्स के हिसाब से फंड्स चलाते हैं. इसी कारण पैसिव फंड्स किसी भी निवेशक के पोर्टफोलियो के लिए महत्त्वपूर्ण साबित होते हैं.

News Reels

फंड्स ऑफ फंड

ये फंड लाभदायक निवेश के सिद्धांत किसी भी निवेशक के पोर्टफोलियो के लिए अच्छे और अहम होते हैं. इन्ही से म्यूचुअल फंड में भी निवेश किया जा सकता है, क्योंकि Fund of funds ETX (एक्सचेंज ट्रेडेड फण्ड) में निवेश करते हैं. Fund of funds में निवेश करने के कई सारे फायदे होते हैं:

  1. अगर Asset Rebalancing करना हो, तो ऐसे आंतरिक लेनदेन से होने वाले धन लाभ के ऊपर किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लगता.
  2. फंड्स ऑफ फंड के जरिये बाजार के अलग अलग सेग्मेंट में निवेश किया जा सकता है, जिसके कारण मुनाफा बढ़ जाते हैं और रिस्क कम होता है.
  3. फंड्स ऑफ फंड की लागत भी एक्टिव फंड्स से कम होती है. साधारण तौर पर फंड्स ऑफ फंड की लागत एक्टिव फंड्स से 1-1.5 प्रतिशत तक कम होती है.

ऐसे चुनें फंड

फंड्स ऑफ फंड कई प्रकार के होते हैं और उनका चुनाव निवेशक के लक्ष्य और जोखिम लेने की क्षमता के अनुसार होना चाहिए. फंड्स ऑफ फंड में यदि कोई निवेश करना चाहे, तो अच्छे रिटर्न्स पाने के लिए कम से कम 5 सालों की अवधि होनी ही चाहिए.

किसी भी प्रकार के निवेश योजना को चुनने से पहले लोग अक्सर उस योजना की पिछले सालों के रिटर्न देखते हैं, जो कभी कभी उचित निर्णय नहीं होता. इसका कारण यह है कि बहुत सारी चीजें उस फण्ड के बारे में पता होनी चाहिए. पोर्टफोलियो में लार्ज कैप फंड्स होने ही चाहिए क्योंकि वह बड़ी कंपनियाँ होती हैं और उनमे अस्थिरता भी ज़्यादा नहीं होती. ऐतिहासिक रिटर्न्स को न देखते हुए इकॉनमी के भविष्य को ध्यान में रखते हुए निवेश करने में ही समझदारी हैं.

नए निवेशकों को मार्किट की समझ ज़्यादा न होने के कारण फंड्स ऑफ फंड में निवेश करना लाभदायक साबित होता हैं. ऐसे निवेशक बाजार के चक्र और अस्थिरता को बेहतर तरीके से समझ कर फिर एक्टिव फंड्स में निवेश कर सकते हैं. हालांकि, हर निवेशक को अपना लक्ष्य और जोखिम लेने की क्षमता को ध्यान में रख कर ही निवेश करना चाहिए.

ये भी पढ़ें

Published at : 31 May 2022 12:21 PM (IST) Tags: Money Investment Mutual fund FUNDS OF FUND हिंदी लाभदायक निवेश के सिद्धांत समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi

Healthy Portfolio: अच्छे म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो के लिए इक्विटी में इस तरह करें निवेश, सुरक्षित रहेगा आपका निवेश

Healthy Portfolio Tips: पोर्टफोलियो में बदलाव बाजार की स्थिति को देखकर करते रहना ही चाहिए क्योंकि ये कभी एक जैसा नहीं रहता है. यहां कभी छोटे तो कभी मझोले और कभी बड़ी कंपनियों के शेयर चलते हैं.

By: ABP Live | Updated at : 31 May 2022 12:34 PM (IST)

Healthy Portfolio Investment Tips: एक सुरक्षित और अच्छे भविष्य के लिए निवेश करना बहुत ही ज़रूरी है. लेकिन पैसे कहाँ और कैसे निवेश करें यह भी मुनाफा बढ़ाने के लिए बहुत आवश्यक होता है. निवेश करने के बहुत सारे विकल्प होते हैं, लेकिन एक डाइवर्सीफाइड पोर्टफोलियो का होना आवश्यक है जिससे जोखिम को कम से कम हो जाये. पोर्टफोलियो में बदलाव मार्किट के स्थिति को देख के करते रहना चाहिए, क्योंकि मार्किट कभी भी एक जैसा नहीं रहता.

यहां कभी कभी छोटे शेयर (Small Cap) चलते हैं तो कभी मझोली कंपनियों के शेयरों (Midcap) में तेजी दिखाई देती है। और कई बार तो बड़ी कंपनियां (Large Caps) अच्छा मुनाफा देती रहती है. आपको उन सेग्मेंट्स पर नजर रख कर निवेश बांटना चाहिए.

यहां करेंगे निवेश तो होगा बंपर मुनाफा

बाजार में एक्टिव फंड (Active Funds) होते हैं इनका लाभदायक निवेश के सिद्धांत काम होता है अच्छे रिटर्न्स देना. परन्तु पिछले 10 सालों में 80 फीसदी मौकों पर यह फंड्स उतने रिटर्न्स नहीं दे रहे हैं. इसलिए पैसिव फंड्स (Passive Funds) का महत्त्व बढ़ जाता है, क्योंकि यह मार्केट इंडेक्स के हिसाब से फंड्स चलाते हैं. इसी कारण पैसिव फंड्स किसी भी निवेशक के पोर्टफोलियो के लिए महत्त्वपूर्ण साबित होते हैं.

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फंड्स ऑफ फंड

ये फंड किसी भी निवेशक के पोर्टफोलियो के लिए अच्छे और अहम होते हैं. इन्ही से म्यूचुअल फंड में भी निवेश किया जा सकता है, क्योंकि Fund of funds ETX (एक्सचेंज ट्रेडेड फण्ड) में निवेश करते हैं. Fund of funds में निवेश करने के कई सारे लाभदायक निवेश के सिद्धांत फायदे होते हैं:

  1. अगर Asset Rebalancing करना हो, तो ऐसे आंतरिक लेनदेन से होने वाले धन लाभ के ऊपर किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लगता.
  2. फंड्स ऑफ फंड के जरिये बाजार के अलग अलग सेग्मेंट में निवेश किया जा सकता है, जिसके कारण मुनाफा बढ़ जाते हैं और रिस्क कम होता है.
  3. फंड्स ऑफ फंड की लागत भी एक्टिव फंड्स से कम होती है. साधारण तौर पर फंड्स ऑफ फंड की लागत एक्टिव फंड्स से 1-1.5 प्रतिशत तक कम होती है.

ऐसे चुनें फंड

फंड्स ऑफ फंड कई प्रकार के होते हैं और उनका चुनाव निवेशक के लक्ष्य और जोखिम लेने की क्षमता के अनुसार होना चाहिए. फंड्स ऑफ फंड में यदि कोई निवेश करना चाहे, तो अच्छे रिटर्न्स पाने के लिए कम से कम 5 सालों की अवधि होनी ही चाहिए.

किसी भी प्रकार के निवेश योजना को चुनने से पहले लोग अक्सर उस योजना की पिछले सालों के रिटर्न देखते हैं, जो कभी कभी उचित निर्णय नहीं होता. इसका कारण यह है कि बहुत सारी चीजें उस फण्ड के बारे में पता होनी चाहिए. पोर्टफोलियो में लार्ज कैप फंड्स होने ही चाहिए क्योंकि वह बड़ी कंपनियाँ होती हैं और उनमे अस्थिरता भी ज़्यादा नहीं होती. ऐतिहासिक रिटर्न्स को न देखते हुए इकॉनमी के भविष्य को ध्यान में रखते हुए निवेश करने में ही समझदारी हैं.

नए निवेशकों को मार्किट की समझ ज़्यादा न होने के कारण फंड्स ऑफ फंड में निवेश करना लाभदायक साबित होता हैं. ऐसे निवेशक बाजार के चक्र और अस्थिरता को बेहतर तरीके से समझ कर फिर एक्टिव फंड्स में निवेश कर सकते हैं. हालांकि, हर निवेशक को अपना लक्ष्य और जोखिम लेने की क्षमता को ध्यान में रख कर ही निवेश करना चाहिए.

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Published at : 31 May 2022 12:21 PM (IST) Tags: Money Investment Mutual fund FUNDS OF FUND हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi

म्यूचुअल फंड में निवेश

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हम म्युचुअल फंड कंपनियों द्वारा शुरू किए गए शक्तिशाली विज्ञापन (विज्ञापन) अभियान देख रहे हैं, जो व्यवस्थित निवेश योजनाओं (एसआईपी) के 'आकर्षण' को बढ़ावा दे रहे हैं। यह अभियान खुदरा निवेशकों के निवेश के फैसले को प्रभावित कर रहा है, उन्हें ज्यादातर एसआईपी के माध्यम से म्यूचुअल फंड में लगभग आँख बंद करके निवेश करने का लालच दे रहा है।

विशेष रूप से, एसआईपी केवल एक निवेश मार्ग है जो निवेशकों को म्यूचुअल फंड योजनाओं में नियमित रूप से एक निश्चित राशि का निवेश करने के लिए प्रेरित करता है, ज्यादातर इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं में। यहां निवेशकों को एकमुश्त निवेश करने की आवश्यकता नहीं है, इसके बजाय वे एक अवधि में इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं में अपने निवेश को अलग-अलग कर सकते हैं। दरअसल, SIP को छोटे और वेतनभोगी निवेशकों को, जो मूल रूप से लम्सम्प में निवेश करने के लिए वित्तीय ताकत नहीं रखते हैं, इक्विटी मार्केट की तह में लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

विज्ञापन अभियान म्युचुअल फंड में निवेश को विशेष रूप से एसआईपी मार्ग के माध्यम से सुरक्षित और साथ ही सबसे लाभदायक निवेश के रूप में प्रस्तुत करते हैं। इन विज्ञापन अभियानों का प्रभाव इतना शक्तिशाली रहा है कि बैंकों की आवर्ती जमा (आरडी) योजना को अब जमाकर्ताओं से हल्की प्रतिक्रिया मिल रही है, क्योंकि उनके ज्यादातर जमाकर्ता आरडी स्कीम की जगह एसआईपी को तरजीह दे रहे हैं।

हालांकि, म्यूचुअल फंड में निवेश की सुरक्षा, खासकर एसआईपी में सवालिया निशान है। भले ही म्यूचुअल फंड उद्योग तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि इसने लाखों नए कच्चे निवेशकों को सफलतापूर्वक आकर्षित किया है, निवेशकों के लिए धन सृजन में वृद्धि की गारंटी नहीं है।

बाजार के परिदृश्य को देखते हुए, हाल के दिनों में म्यूचुअल फंड प्रबंधन को खराब मौसम का सामना करना पड़ा और उनकी अधिकांश योजनाओं का प्रदर्शन कम रहा। एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि 'ओपन-एंडेड डायवर्सिफाइड इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीमों में से करीब 44 फीसदी अपने बेंचमार्क को मात देने में नाकाम रहीं।' एक ओपन-एंडेड लाभदायक निवेश के सिद्धांत म्युचुअल फंड योजना वह है जो नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) पर मांग पर बिक्री और खरीद के लिए उपलब्ध है। इन योजनाओं की कोई निश्चित परिपक्वता अवधि नहीं होती है।

आम तौर पर, आरडी जैसी योजनाओं के माध्यम से बैंक में पैसा निवेश करने से जमाकर्ता को यह सुकून मिलता है कि पैसा बैंक में सुरक्षित है क्योंकि यह बीमाकृत है और रिकॉर्ड में ऐसा कोई इतिहास नहीं है जब जमाकर्ताओं का पैसा बैंक द्वारा मांगे जाने पर वापस नहीं किया गया हो। दूसरी ओर, म्यूचुअल फंड में निवेश का बीमा नहीं होता है। हम हमेशा फंड मैनेजरों को म्यूचुअल फंड योजनाओं में उच्च रिटर्न की बात करते सुनते हैं, लेकिन शायद ही हम उनसे निवेश खोने की संभावना सुनते हैं।

इसलिए म्युचुअल फंड और एसआईपी के माध्यम से निवेश इस बात की गारंटी नहीं देता है कि निवेशकों को पैसे का नुकसान नहीं होगा। वास्तव में, कुछ विषम परिस्थितियों में निवेशक सारा पैसा खो सकते हैं। विशेष रूप से, विनियमों के आधार पर ऐसी प्रत्येक योजना में एक अस्वीकरण होता है जो सूचित करता है कि निवेश मूल्य खो सकता है। जबकि म्युचुअल फंड कई शेयरों में निवेश की सुरक्षा प्रदान करते हैं, खराब बाजार की स्थिति में यह सुरक्षा विफल हो सकती है।

कुछ समय पहले डेट म्युचुअल फंड के निवेशकों को झटका तब लगा जब एचडीएफसी और कोटक म्युचुअल फंड के फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान (एफएमपी) एस्सेल समूह की दो कंपनियों द्वारा पुनर्भुगतान में देरी के कारण निवेशकों का पूरा पैसा लौटाने में विफल रहे। अतीत में भी, विभिन्न ऋण योजनाओं में निवेशक निवेश की रेटिंग में गिरावट, चूक या पुनर्भुगतान में देरी से प्रभावित हुए हैं।

जब हम म्युचुअल फंड के प्रदर्शन को देखते हैं, तो हम पाते हैं कि ये फंड उसी तरह का भरोसा हासिल नहीं कर पाए हैं। एक सामान्य निवेशक अपना पैसा खोना नहीं चाहेगा और वह बाजार के उतार-चढ़ाव को स्वीकार करने के लिए मजबूर है। अन्य बातों के अलावा, त्वरित-धन योजनाओं और चिट फंडों ने म्युचुअल फंडों पर अपना प्रभाव डाला है जहां उच्च रिटर्न के नाम पर निवेशकों को लूटा गया था।

डेट फंड एक निवेश पूल है, जैसे म्यूचुअल फंड या लाभदायक निवेश के सिद्धांत एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड। अक्सर क्रेडिट फंड या फिक्स्ड इनकम फंड के रूप में जाना जाता है, इसकी मुख्य होल्डिंग्स में शॉर्ट-टर्म या लॉन्ग-टर्म बॉन्ड, सिक्योरिटाइज्ड प्रोडक्ट्स, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स या फ्लोटिंग रेट डेट में फिक्स्ड इनकम इनवेस्टमेंट शामिल हैं।

सरल शब्दों में, जो फंड स्टॉक में नहीं बल्कि कॉरपोरेट बॉन्ड और सिक्योरिटीज जैसे उपकरणों में निवेश करते हैं, उन्हें डेट फंड के रूप में जाना जाता है।

यहां भोले-भाले खुदरा निवेशकों के लिए फ्रैंकलिन टेम्पलटन डेट फंड योजनाओं के पतन को समझना समझ में आता है। जाने-माने म्यूचुअल फंड हाउस की इस विफलता को समझना निवेशकों के लिए एक मार्गदर्शक निवेश सिद्धांत के रूप में कार्य कर सकता है। आम तौर पर लोग निवेश के माध्यम से वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने की प्रक्रिया को समझने के लिए सफलता की कहानियों का अनुसरण करते हैं। लेकिन COVID-19 प्रेरित स्थिति में, यहां तक ​​कि स्थापित प्रणालियों और प्रक्रियाओं की विफलताओं पर एक नज़र काफी हद तक जोखिमों को कम करने के लिए प्रक्रियाओं को फिर से व्यवस्थित करने के लिए एक लंबा रास्ता तय कर सकती है।

विशेष रूप से, COVID-19 संकट और अर्थव्यवस्था के परिणामी लॉकडाउन के कारण कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार के कुछ क्षेत्रों में तरलता में नाटकीय और निरंतर गिरावट के बाद फ्रैंकलिन टेम्पलटन डेट फंड योजनाएं ध्वस्त हो गईं।

क्या इसका मतलब यह है कि म्यूचुअल लाभदायक निवेश के सिद्धांत फंड में निवेश की सुरक्षा पर सवालिया निशान है?

जहां तक ​​जोखिम का संबंध है, पूंजी बाजार में अन्य निवेश साधनों की तुलना में म्युचुअल फंड एक निवेशक के लिए एक बेहतर विकल्प है। जबकि कोई भी निवेश 100% जोखिम-मुक्त नहीं होता है, निवेशकों को ओ देखना होता है

निम्नलिखित में से एक वास्तविक निवेश _________ है।

Key Points

  • निवेश के 3 प्रकार हैं:
    • स्वामित्व निवेश: स्वामित्व वह है जो ज्यादातर लोगों के दिमाग में आता है जब निवेश शब्द पर चर्चा की जाती है। ये निवेश के सबसे अस्थिर और लाभदायक वर्ग हैं।
    • ऋण निवेश: धन उधार देना निवेश की एक श्रेणी है। आम लाभदायक निवेश के सिद्धांत तौर पर कई निवेशों की तुलना में जोखिम कम होते हैं और इसके परिणामस्वरूप, पुरस्कार अपेक्षाकृत मामूली होते हैं।
    • नकद समकक्ष: ये निवेश कर रहे है "नकदी लाभदायक निवेश के सिद्धांत के रूप में के रूप में अच्छा है," जिसका अर्थ है कि वे नकदी के लिए वापस आसानी से और जल्दी से परिवर्तित किया जा सकता है।

    Additional Information

    • वास्तविक निवेश से, हमारा मतलब मौजूदा कागजी प्रतिभूतियों, बांडों, डिबेंचर या इक्विटी को खरीदना नहीं है, बल्कि नए कारखानों, मशीनों, रेलमार्गों आदि की खरीद से है।
    • निवेश व्यय एक संबंधित अवधारणा है, जो उत्पादक के टिकाऊ उपकरणों, नए निर्माण और सूची में परिवर्तन के लिए किए गए व्यय को संदर्भित करती है।

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    Last updated on Sep 27, 2022

    The NTA (National Testing Agency) has released the CUET Phase VI Admit Card. The exam will be conducted at 489 examination centres across India. As per the notice, the exam is scheduled to be conducted on 24th August, 25th August, and 26th August 2022. Candidates can download their admit cards by filling in the application number, date of birth, and security pin. The CUET (Central Universities Entrance Test) is a common exam that is conducted by NTA for UG admissions into all the central and many other universities of India. Check out the CUET Answer Key Details Here.

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