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बोलिंगर कौन है

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नरभक्षी नर्स से हैरान ब्रिटेन

भारत में छह साल की बच्ची के बलात्कार की घटना से लोगों के बीच आक्रोश है, तो ब्रिटेन में बच्ची को मार कर खाने का इरादा रखने वाले व्यक्ति ने लोगों को हैरान कर दिया है.

58 साल के डेल बोलिंगर को एक बच्ची की जान ले कर उसे खाने का इरादा रखने के आरोप में दोषी पाया गया है. डेल बोलिंगर नर्स का काम करता है. इसके इरादों के बारे में पता तब चला जब न्यूयॉर्क में एफबीआई को इंटरनेट में इसकी हरकतों पर शक हुआ. डेल बोलिंगर का ईमेल आईडी 'मीट मार्केट मैन' जब शक के घेरे में आया तो एफबीआई ने ब्रिटेन में पुलिस से संपर्क किया.

पुलिस ने बोलिंगर को गिरफ्तार कर लिया और उसके कंप्यूटर को जप्त किया. कंप्यूटर में बच्चों की कई तस्वीरें मिलीं जिनके साथ छेड़ छाड़ की गयी थी. किसी तस्वीर पर 'डिनर' लिखा था, तो किसी पर 'बार्बे क्यू'. बोलिंगर ने पुलिस को बताया कि नरभक्षिता के ख्याल उसे छह साल की उम्र से ही आने लगे थे. मां बहुत डरा धमका कर रखती थी, इसी का नतीजा हुआ कि डेल के अंदर इतना गुस्सा भर गया जिसने नरभक्षिता का रूप ले लिया.

दिमागी हालत के टेस्ट

डेल बोलिंगर पर चौदह साल की बच्ची को मारने की कोशिश के आरोप हैं. इंटरनेट के जरिए उसने बच्ची से संपर्क किया और चैटिंग कर उससे दोस्ती की. फिर उसने बच्ची से मिलने की योजना बनाई और मिलने से एक दिन पहले बताया कि वह उसका सिर काटना चाहता है और इसके लिए कुल्हाड़ी भी खरीद ली है. क्योंकि बच्ची की उम्र 16 साल से कम है, इसलिए डेल पर नाबालिग लड़की के शोषण के आरोप भी लगे हैं. लेकिन डेल का कहना है कि उसका यौन शोषण का इरादा नहीं था.

डेल की एक वेबसाइट भी है जिस पर उसने खुद को नरभक्षी बताया है. वेबसाइट पर उसने जवान लड़कियों को मारने के शौक के बारे में बताया है. उसने एक 39 साल की महिला और पांच साल की बच्ची को मार कर खाने की बात भी लिखी है. डेल बोलिंगर पर आरोप तो तय हो गए हैं लेकिन अभी उसे सजा नहीं सुनाई गयी है. फिलहाल उसके कुछ टेस्ट होने बाकी हैं. दिमागी हालात का पूरी तरह पता लगने पर ही सजा दी जा सकेगी. इस मामले में डेल को दस साल कैद हो सकती है.

पोंटिंग: क्या हुआ तेरा वादा

एडिलेड टेस्ट में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को हराया नहीं बल्कि रौंदा. घरेलू मैदान, शक्तिशाली टीम, दर्शकों का समर्थन और भी कई ऐसी बातें जिनसे ऑस्ट्रेलिया को वर्तमान एशेज में फेवरेट माना गया. फिर भी इंगलिश टीम भारी पड़ी.

एडिलेड टेस्ट में इंग्लैंड की जीत का अंतर एक पारी और 71 रन रहा. एशेज शुरू होने से पहले कप्तान रिकी पोंटिंग ने दावा किया था कि जीतेंगे तो हम ही. साथ ही उन्होंने घरेलू दर्शकों से वादा भी किया था कि इत्मीनान रखिए, जीत ऑस्ट्रेलिया की ही होगी. लेकिन एडिलेड में जिस तरह से पंटर एंड कम्पनी की पराजय हुई है, उससे टीम का मनोबल गिर गया है. सीरीज में वापसी के लिए ऑस्ट्रेलिया को चमत्कारी प्रदर्शन करना होगा, क्योंकि इंग्लैंड की टीम जीत के बावजूद सर्तक है और वह जानती है कि उसका 'मिशन एशेज' तब तक अधूरा है, जब तक कि वह सीरीज अपने नाम न कर ले.

एलिस्टियर कुक ने एक बार फिर बताया कि टेस्ट क्रिकेट में किसी सलामी बल्लेबाज को किस मानसिकता बोलिंगर कौन है से बल्लेबाजी करनी चाहिए. जिस धैर्य से कुक ने ओवर दर ओवर बल्लेबाजी की, उससे नवोदित बल्लेबाजों को सीखना चाहिए कि टेस्ट क्रिकेट के लिए कुक वाला टैम्प्रामेंट क्यों जरूरी है.

अब जिक्र करते हैं उस बल्लेबाज का जिसने मैच को पूरी तरह इंग्लैंड की तरफ मोड़ दिया. केविन पीटरसन ने भले ही मार्च 2009 के बाद टेस्ट शतक लगाया हो, लेकिन उनकी 227 रनों की पारी ने मानों इतने दिनों की सारी कसर पूरी कर दी. पीटरसन ने सभी ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की बराबर 'सेवा' की, लेकिन उनका 'लगाव' डग बोलिंगर, जेवियर डोहर्टी के प्रति ज्यादा दिखा. डोहर्टी ने 5.85 की औसत से रन लुटाए, जबकि बोलिंगर ने 4.48 की औसत से मार खाई. इन गेंदबाजों की इस दयनीय दशा के लिए पीटरसन ज्यादा जिम्मेदार रहे. पीटरसन ने डोहर्टी पर 101.66 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए, जबकि बोलिंगर को उन्होंने 85.29 की स्ट्राइक रेट से पीटा.
एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी पर नजर डालें तो पता चलता है कि कहीं कोई बड़ी खामी नहीं है.

साइमन कैटिच से बड़ी पारी की उम्मीद थी, लेकिन एडिलेड की दोनों पारियों में वे जिस तरह आउट हुए वह उनकी बदकिस्मती थी, न कि असफलता. शेन वॉटसन अपनी भूमिका से खुश हैं, लेकिन टीम प्रबंधन शायद उनसे अपने अर्धशतक को शतक में बदलने की उम्मीद रखता है. वॉटसन कई बार अर्धशतक बनाने के फौरन बाद आउट हो जाते हैं. पोंटिंग खुद बहुत अच्छी फॉर्म में नहीं हैं. एक तो कप्तानी की चारों तरफ हो रही आलोचनाएं, दूसरी दिक्कत यह कि बल्ला भी खामोश है. एडिलेड में करारी हार के बाद पोंटिंग का विश्वास हिल चुका है. आगे की राह भी कठिन है.

माइकल क्लार्क ने जरूर एडिलेड में दूसरी पारी में 80 रन बनाए, लेकिन ये उनकी आत्मसंतुष्टि के लिए ठीक है, लेकिन वे टीम को हार से नहीं बचा पाए. क्लार्क अब तक वर्तमान एशेज सीरीज में अपनी उपयोगिता साबित करने में असफल रहे हैं. क्लार्क की फॉर्म और फिटनेस देखकर अब उन चर्चाओं पर भी विराम बोलिंगर कौन है लगता जा रहा है, जिनमें कहा जा रहा था कि वे ऑस्ट्रेलिया के अगले कप्तान..

'मिस्टर क्रिकेट' माइकल हसी ने जरूर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी की कमान अपने हाथ में ले रखी है, लेकिन दूसरे छोर पर उनके साथी बल्लेबाज टिक नहीं पा रहे हैं. हसी की भूमिका दोनों टेस्ट मैचों में मैच बचाने वाली रही, जिसमें वह हर बार कामयाब नहीं हो सकते. उन्हें दूसरे छोर से साथ मिलेगा तब ही वह अपना 'बेस्ट' दे सकते हैं.

मार्कर्स नॉर्थ एक प्रतिभाशाली बल्लेबाज हैं, लेकिन उनकी प्रतिभा की झलक एडिलेड में नहीं दिखी और इंग्लैंड ने आसानी से ऑस्ट्रेलिया पर काबू पा लिया. नॉर्थ को कई प्रतिभावान ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों पर तरजीह देकर टीम में शामिल किया गया है, लेकिन अब उनकी नाकामी के बाद क्या टीम प्रबंधन अन्य विकल्पों पर विचार करेगा?

एडिलेड में अगर ऑस्ट्रेलिया की किरकिरी हुई है तो उसकी बड़ी वजह उसकी गेंदबाजी है. मिशेल जॉनसन को खराब फॉर्म के कारण एडिलेड टेस्ट से बाहर रखा गया. साथ ही बेन हालफिनहास को बाहर बैठाकर डग बोलिंगर और रियान हैरिस को टीम में जगह दी गई, लेकिन ये दो गेंदबाज भी ऑस्ट्रेलिया का मुकद्दर नहीं बदल पाए.

एशेज सीरीज शुरू होने से पहले स्पिन गेंदबाज नाथन हारिर्ट्ज के स्थान पर जेवियर डोहर्टी को टीम में शामिल किया गया, लेकिन वे अब तक नाकाम रहे हैं. तो अब हारिर्ट्ज की वापसी होगी?

ब्रिसबेन टेस्ट में पीटर सिडल की हैट्रिक को छोड़ दिया जाए तो ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज इस एशेज में नाकाम रहे हैं और इस बात का इससे बड़ा सबूत क्या होगा कि एडिलेड के जिस विकेट पर ऑस्ट्रेलिया टीम दो बार पैवेलियन लौट गई, वहीं इंग्लैंड ने केवल 5 विकेट पर 620 रनों का विशाल स्कोर बनाया.

इयान चैपल ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी पर चिंता जाहिर की थी और कहा था कि ऑस्ट्रेलिया के बोलिंगर कौन है पास ग्लेन मैग्राथ और ब्रेट ली की तरह कोई लीडर गेंदबाज नहीं है. चैपल का विचार सही है, लेकिन अब रातों रात गेंदबाजी लीडर कहां से लाएं. फिलहाल तो कोई बल्लेबाजी लीडर भी दिखाई नहीं देता.

बहरहाल, पोंटिंग के जीत और अच्छे प्रदर्शन के सभी वादे झूठे साबित होते दिखाई दे रहे हैं. एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया एशेज सिरीज में पिछड़ चुकी है और पोंटिंग के सामने बड़ी चुनौती यह है कि 16 दिसंबर से शुरू हो रहे पर्थ टेस्ट में टीम कॉम्बिनेशन क्या हो.

शीर्ष 5 स्टॉक संकेतक आपको पता होना चाहिए

आशु अभी शेयर मार्केट की दुनिया में एक नौसिखिया है, जिसने अभी शेयर मार्केट में कदम रखा ही है। वह इसे अच्छे से समझना चाहता है और वह इसकी कोशिश भी करता है लेकिन निवेश में लिए जाने वाले कदमों को समझना उसके लिए काफी मुश्किल है। वह उम्मीद करता है कि काश इस समय उसका कोई दोस्त होता जो उसे समझाता कि बाजार इस समय कैसा प्रदर्शन कर रहा है।

और बस यहीं पर स्टॉक मार्केट जीनि काम में आता है, और वह आशु को सलाह देता है कि वह शेयर मार्केट संकेतकों यानी स्टॉक इंडिकेटर्स को समझ कर अपने निवेश के फैसले ले सकता है। एक निवेशक के तौर पर आप शेयर मार्केट संकेतक के साथ, समझदारी से सही निर्णय ले सकते हैं।

शेयर संकेतक तर्क के आधार बोलिंगर कौन है पर काम करते है क्योंकि वह डाटा पॉइंट्स पर फॉर्मूला लगाकर ही निष्कर्ष निकालते है। मार्केट संकेतक को नई ऊंचाई छूने वाली कंपनियों और नीचे गिरने वाली कंपनियों की तुलनात्मक विश्लेषण कर बनाया जाता है।

आप शेयर संकेतक का उपयोग कैसे कर सकते हैं?

उदाहरण के लिए, जहां शेयर संकेतक बताता है कि तेजी का दौर चल रहा है, तो आप वहाँ निवेश को बढ़ा सकते हैं। इसके विपरीत, अगर इंडिकेटर मंदी के चरण की बोलिंगर कौन है ओर इशारा करता है, तो आप ज़रूरत पड़ने पर अपने निवेश को कम कर सकते हैं।

5 प्रमुख शेयर संकेतक

अब उन 5 प्रमुख शेयर संकेतक पर एक नज़र डालते हैं जो आपके लिए सही नींव रख सकते हैं:

1 - आरएसआई - गति दोलक (RSI)

शेयर या एसेट की कीमत में अधिक खरीदी (ओवरबॉट) या अधिक बिक्री (ओवरसोल्ड) की स्थिति का आकलन करने के लिए जब हाल की कीमतों में बदलाव की मात्रा को मापा जाता है तो उसके लिए सापेक्ष शक्ति सूचकांक यानी रेलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (आरएसआई) का इस्तेमाल किया जाता है। आरएसआई एक गति सूचक (मोमेंटम इंडिकेटर) है। आरएसआई को एक डोलक या ऑसिलेटर की तरह दर्शाया जाता है जो कि लाइन ग्राफ है। ग्राफ अंतिम छोरों की सीमा के बीच चलता है और आप इस पर 0 से 100 तक की रीडिंग ले सकते हैं।

आरएसआई की पारंपरिक व्याख्या के हिसाब से, अगर 70 या उससे ऊपर की वैल्यू ग्राफ में दिखती है तो यह माना जाता है कि सिक्योरिटी ओवरवैल्यूड है। इससे कीमत में ट्रेंड रिवर्सल या कीमत में करेक्टिव पुलबैक आ सकता है। आरएसआई पर 30 या उससे कम की रीडिंग यह बताती है कि यह सिक्योरिटी अंडरवैल्यूड है।

शेयर या एसेट के प्राथमिक ट्रेंड को समझना बहुत जरूरी है। इससे आपको यह पक्का करने में मदद मिलती है कि इंडिकेटर की रीडिंग स्पष्ट है। कॉन्स्टेंस ब्राउन, बाजार के एक बहुत ही प्रसिद्ध तकनीशियन ने इस बात पर सहमति दी है कि आरएसआई (RSI) पर एक ओवरसोल्ड रीडिंग अपट्रेंड की तरफ इशारा करती है, जिसके 30% से ज्यादा होने की संभावना होती है। और ऐसे ही, आरएसआई में ओवरबॉट रीडिंग एक डाउनट्रेंड को दर्शाता है, जिसके 70% से भी कम होने की संभावना होती है।

2 – एडीएक्स (ADX) – ट्रेंड की मज़बूती को मापता है

ट्रेडिंग करते समय, ट्रेंड की मज़बूती को पहचानना बहुत जरूरी कदम हो सकता है, भले ही उसकी दिशा कुछ भी हो। जब भी आप किसी ट्रेंड की ताकत को जानना और समझना चाहते है तो इसके लिए औसत दिशात्मक सूचकांक या एवरेज डिरेक्शनल इंडेक्स (ADX) टेक्निकल इंडिकेटर काम में आता है। एडीएक्स भी एक ऑसिलेटर और गैर-दिशात्मक सूचकांक है, इसका यह मतलब है कि यह बदलता रहता है और बार के सबसे ऊँचे और निचले पॉइंट की तुलना पर आधारित होता है। एडीएक्स 0 से 100 के बीच बदलता रहता है। 20 से नीचे की रीडिंग, एक कमजोर ट्रेंड की तरफ इशारा करती है और 50 से ऊपर की रीडिंग एक मजबूत ट्रेंड को दर्शाती है। इससे हमें यह समझ आता है कि एडीएक्स जितना ज्यादा होगा, ट्रेंड उतना ही मजबूत होगा, और एडीएक्स जितना कम होगा, ट्रेंड उतना ही कमजोर होगा। जब कम एडीएक्स होता है तो इस समय पर मूल्य आमतौर पर रेंज के बीच रहता है। और जब एडीएक्स 50 से ऊपर हो जाता है तो मूल्य फिर एक ही दिशा में अपनी गति पकड़ता है। एडीएक्स ट्रेंड का बुलिश या बियरिश होना नहीं बताता है बल्कि यह वर्तमान ट्रेंड की ताकत को दिखाता है। एडीएक्स की प्रमुख भूमिका यह पहचानना है कि मार्केटिंग रेंज में है या एक नया ट्रेंड सेट कर रही है। इसलिए जब ट्रेंड मजबूत होता है तो रीडिंग बड़ी होती है और जब ट्रेंड कमजोर होता है तो रीडिंग छोटी होती है। तो अब अगली बार जब भी ट्रेंड बदलेगा और आपको इसके बारे में फैसला लेना हो तो एडीएक्स निर्णय लेने में आपके काफी काम आएगा।

3 - मूविंग एवरेज

मुविंग एवरेज सबसे पुराना और सबसे सहायक टेक्निकल इंडिकेटर है। आप इससे भरोसेमंद सिग्नल ले सकते हैं और दूसरे ऑसिलेटर- एमएसीडी और आरएसआई के साथ काम में लिए जाने पर "सुचारू" तरीके से ट्रेंड को समझ सकते हैं। मूविंग एवरेज तीन प्रकार के होते हैं - सिंपल मुविंग एवरेज (एसएमए), एक्स्पोनेंशियल मुविंग एवरेज (ईएमए) और वेटेड मुविंग एवरेज (डब्ल्यूएमए)। एसएमए सबसे ज्यादा व्यापारियों और निवेशकों द्वारा काम में बोलिंगर कौन है लिया जाता है। आप इसमें अलग-अलग कीमतों की गणना कर सकते हैं जैसे – शुरुआती, क्लोज़िंग, उच्चतम या निम्नतम। एसएमए एक विशिष्ट समय के लिए पुराने मूल्य के डाटा पर निर्भर करता है, इसीलिए यह एक पीछे की तरफ रुख करने वाला इंडिकेटर है।

आप खरीद या बिक्री के सिगनल को समझने के लिए भी एसएमए को काम में ले सकते है। आप शेयरों की सपोर्ट और रेसिस्टेंस कीमतों की पहचान कर सकते हैं जो आपको यह जानने में भी मदद करेंगी कि आपको एसेट को कहाँ पर ट्रेड करना चाहिए। एसएमए क्रॉसओवर का उपयोग मूल्य में तेज़ी या मंदी को दर्शाने के लिए भी किया जाता है। सूचकांक बनाते समय, आपको पिछले प्राइस डाटा को चार्ट में प्लॉट कर उसकी गणना करनी चाहिए। विशेष मापदंडों के एक सेट के आधार पर एसएमए एक निश्चित अवधि में शेयर की कीमत का औसत है। आप एक निर्धारित समय की बोलिंगर कौन है अवधि में शेयर की कीमतों को जोड़कर उन्हें अवधियों के जोड़ से भाग कर मूविंग एवरेज की गणना कर सकते हैं।

4 - बोलिंगर बैंड

एक मुद्रा जोड़ी की अस्थिरता के स्तर का पता लगाने के लिए, बोलिंगर बैंड को काम में लिया जाता है। प्राइसिंग चैनल को निर्धारित करने के लिए बोलिंगर बैंड को एक प्राइस चार्ट के ऊपर प्लॉट किया जाता है। बोलिंगर बैंड में मुविंग एवरेज की लाइन के ऊपर व नीचे बैंड होते है जो ऊपरी और निचली रेट की सीमाओं को दर्शाते हैं। इन्हीं लाइनों के जरिये अस्थिरता को मापा जाता है।

5 – सापेक्ष रोटेशन ग्राफ़ - आरआरजी (RRGs)

आप सापेक्ष शक्ति विश्लेषण को मापने के लिए, सापेक्ष रोटेशन ग्राफ़ यानी रेलेटिव रोटेशन ग्राफ (आरआरजी) को काम में ले सकते हैं। आरआरजी दूसरे संकेतक की तरह नहीं है, यह एक दृष्टि आधारित साधन है। कई सिक्योरिटीज़ के लिए आप आरआरजी का उपयोग कर सकते हैं ताकि एक समान बेंचमार्क के आधार पर आप अलग-अलग सिक्योरिटीज़ के सापेक्ष शक्ति रुझानों का विश्लेषण कर सकें। इसे ज्यादा से ज्यादा काम में लेने के लिए आप एक ग्राफ पर तुल्नात्मक प्रदर्शन को प्लॉट कर सटीक रोटेशन देख सकते हैं। आप लाइन चार्ट पर सेक्टर और एसेट क्लास रोटेशन सिक्वेंस को देख सकते हैं। चार क्वाडरंट रेलेटिव ट्रेंड के चार चरणों को दर्शाते हैं। जब सिक्योरिटीज़ एक निश्चित समय में, एक क्वाडरंट से दूसरे में चली जाती हैं तो आप बिलकुल सटीक रोटेशन देख सकते है। रेलेटिवरोटेशन ग्राफ़ बाज़ार के लीडरों को बाज़ार के पिछड़े खिलाड़ियों से अलग करने में मदद करता है। आप रेलेटिव रोटेशन ग्राफ़ के साथ पैसे और समय बचा सकते हैं क्योंकि यह बाज़ार के उस हिस्से पर फोकस करता है जिसपर ज्यादा विश्लेषण के लिए ध्यान देने की जरूरत होती है। चूंकि रेलेटिव रोटेशन ग्राफ, सापेक्ष प्रदर्शन के लिए गति और टेंड दोनों को मापता है, इसलिए इसे किसी भी ट्रेडिंग या निवेश शैली के हिसाब से ढाला जा सकता है।

निष्कर्ष

अब आप प्रमुख शेयर संकेतकों के बारे में जानते हैं। तो क्यों ना हम आपको स्टॉक मार्केट के क्षेत्रों से परिचित कराएँ। इसके लिए हमारे अगले अध्याय पर जाएँ।

अब तक आपने पढ़ा

5 प्रमुख शेयर संकेतक जो आपके स्टॉक मार्केट निवेश के लिए सही आधारशिला रखते हैं वो हैं: आरएसआई, एडीएक्स, मूविंग एवरेज, बोलिंगर बैंड और आरआरजी।

Which Indicator is best for trading : कौन सा इंडिकेटर शेयर मार्किट में ट्रेडिंग के लिए सबसे बढ़िया होता है

अगर आप शेयर मार्किट के बारे में थोड़ा बहुत भी जानते होंगे तो आपने इंडिकेटर का नाम बहुत बार सुना या पढ़ा होगा छोटे / बड़े ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स दोनों इसका बहुत उपयोग करते हैं और वो इसका उपयोग क्यों अधिक करते हैं और इसका ट्रेडिंग में क्या महत्व होता है चलिए जानते हैं

वैसे तो बहुत सारे इंडिकेटर ट्रेडिंग के लिए उपयोग में लाये जाते हैं किन्तु उनमे से कुछ इंडिकेटर ऐसे हैं जो बहुत सटीक हमको ट्रेडिंग के ( Buy और Sale ) सिगनल देते हैं इसका ट्रेडिंग में बहुत अधिक महत्व होता है और ये हमें बताता है की हमारा स्टॉप लॉस कहाँ होना चाहिए , सपोर्ट लेबल कहाँ है , हमें कहाँ पर खरीदारी करनी चाहिए या फिर बिकवाली करनी चाहिए आदि

RSI , वॉल्यूम , MA , EMA , बोलिंगर बैंड , डबल EMA , EMA क्रॉस , MA क्रॉस , MACD , RVI , स्टॉकास्टिक RSI , स्टॉकास्टिक

ये वो इंडिकेटर हैं जो सर्वाधिक उपयोग में लाये जाते हैं मैं अपने ब्लॉग में RSI , VOLUME , MA , EMA , के बारे में पहले ही जानकारी दे चुकी हूँ जिसको आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके पूरी डिटेल में पढ़ सकते हैं और इसको चार्ट में कैसे सेट करते हैं आप वो भी पढ़ सकते हैं इन सबका लिंक मैने आपको नीचे दिया हुआ है

अब बात आती है कि कौन सा इंडिकेटर बढ़िया होता है जो बिलकुल सटीक भविष्यवाणी करता है तो आपको यहां बताते चलें कि हर इंडिकेटर का अपना महत्व होता है किन्तु आप अपने चार्ट में ७० से ७५ इंडिकेटर का इस्तेमाल नहीं कर सकते अगर आप इस्तेमाल करेंगे तो आपको चार्ट में कुछ समझ नहीं आएगा

आपको जरुरत है सिर्फ ४ से ५ इंडिकेटर के बारे में अच्छे से जानने की जो मै और कुछ इन्वेस्टर भी करते हैं जिनमे से मुख्य रूप से RSI , MA , EMA , Volume , बोलिंगर बैंड हैं इसका मै आपको एक चित्र भी दिखाती हूँ इन सभी इंडिकेटर को आप बड़े ही आसानी के साथ investing.com की साइट पर सेट कर सकते हैं जो की मै आपको पहले भी अपने ब्लॉग में बता चुकी हूँ जिसको आप दोबारा यहां क्लिक करके देख सकते हैं

RSI Indicator :-

MA & EMA Indicator :-

मै आपको सारे इंडिकेटर के बारे में विस्तार के साथ बता चुकी हूँ अब सिर्फ बचा है बोलिंगर बैंड जो कि बहुत ही विख्यात इंडिकेटर है और सभी प्रकार के छोटे और बड़े ट्रेडर्स इसका प्रयोग करते हैं यह शेयर की वोलैटिलिटी को दर्शाता है इस इंडिकेटर में स्टॉक का प्राइस इंडिकेटर के अंदर ही रहता है और वहीँ मूव करता है ये दो लाइन्स के बीच बंटा हुआ होता है आइये जानते हैं कि यह कैसे काम करता है

ऊपर वाली लाइन को अपर बैंड तथा नीचे वाली लाइन को लोवर बैंड कहा जाता है अगर स्टॉक की कीमत अपर बैंड की ओर जाने लगे तो उसको ओवर बोट कहते हैं और यह एक बिकवाली का संकेत होता है इसी तरह जब स्टॉक नीचे की ओर जाने लगे तो उसको ओवर सोल्ड कहते हैं और ये एक खरीदारी का संकेत होता है जब Price अधिक ऊपर या नीचे होता है तो ये Expand हो जाता है और जब Price ऊपर नीचे कम होता है तो Band भी सिकुड़ जाता है तो इस प्रकार ये इंडिकेटर शेयर की Volatility को दर्शाता है

बोलिंगर बैंड साइड वेज मार्किट में सबसे अच्छा सपोर्ट और रेजिस्टेंस को दर्शाता है इसके द्वारा स्टॉक के ट्रेंड का पता चलता है जब भी शेयर की कीमत ऊपर के प्राइस बंद को तोड़ती है और ये कुछ समय तक ऊपर ही रहती है तो इसे बुलिश का सिग्नल मन जाता है

इसी प्रकार अगर शेयर की कामत लोअर बैंड को तोड़ती है और कुछ समय नीचे ही रहती है तो वो बेयरिश का सिग्नल होता है अगर शेयर बुलिश है और शेयर की कीमत अपर बैंड से मिडिल बंद की और जाने लगे तो ये एक बुलिश रिवर्सल का सिग्नल होता है

इसी प्रकार अगर शेयर बेयरिश है और शेयर की कीमत लोअर बैंड से मिडिल बैंड की और जाने लगे तो ये एक बेयरिश रिवर्सल का सिग्नल होता है मतलब कि अब शेयर की चाल बदलने वाली है और खरीदारी करनी चाहिए

जब बंद दूसरे की तरफ आने लगता है तो इसका मतलब ट्रेंड का मोमेंटम ख़त्म हो गया है या फिर कम हो गया है एक बात ज्यादा ध्यान देने वाली ये होती है कि अगर स्ट्रांग है तो ये काफी फाल्स ( False ) सिग्नल देता है ये सिर्फ साइड वेज मार्किट में ही अच्छा काम करता है आपको और अच्छे से समझाने के लिए मै इसका चित्र आपको शेयर कर रही हूँ

आपको ये अध्याय कैसा लगा ये अवश्य बताएं और इसको आजमा के देखें अगर आपको चार्ट सेट करने में या ट्रेडिंग में अभी भी कोई दिक्कत आ रही हो तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं मै आपकी हर संभव मदद करुँगी - धन्यवाद् - Happy Investing

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