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निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली?

निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली?

जानें दीपावली पर क्यों होता है मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन, इसमें निवेश करने से क्या है फायदा

बिजनेस डेस्क। दीपावली का त्योहार व्यापारियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। कहा गया है कि दीपावली की रात धन की देवी लक्ष्मी जी का आगमन होता है। दीपावली पर लक्ष्मी और गणेश की पूजा होती है। दीपावली पर जब पूरे दिन शेयर बाजार बंद होता है, शाम को मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन के लिए थोड़ी देर के लिए बाजार में कारोबार होता है। मुहूर्त ट्रेडिंग एक विशेष प्रतीकात्मक ट्रेडिंग सेशन है। यह स्टॉक एक्सचेंज में दीपावली पर आयोजित किया जाता निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली? है। बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE), दोनों 'शुभ मुहूर्त' या शुभ समय के मुताबिक, एक घंटे का ट्रेडिंग सेशन चलाते हैं। माना जाता है कि इस सेशन में ट्रेडिंग पूरे साल निवेशकों के लिए समृद्धि लाती है। मुहूर्त ट्रेडिंग में ज्यादातर ऑर्डर खरीदने के होते है, जो बाजार में जोड़ने पर जोर देते हैं। इसके बाद एक पॉजिटिव नोट के साथ बाजार बंद होता है।
(फाइल फोटो)

निवेश के लिए क्यों खास है निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली? दीपावली
रोशनी के त्योहार दीपावली को 'अंधकार पर प्रकाश', 'बुराई पर अच्छाई' और 'अज्ञान पर ज्ञान' की जीत का प्रतीक माना गया है। दीपावली के पहले लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, नए कपड़े पहनते हैं, उपहारों और मिठाइयों का आदान-प्रदान करते हैं। इसके साथ ही इस मौके पर सोना खरीदने की परंपरा भी है। दीपावली को पारंपरिक हिंदू लेखा (Accounting) वर्ष की शुरुआत माना जाता है। इसे 'संवत' भी कहते हैं। धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी और गणेश की पूजा दीपावली पर की जाती है। माना जाता है कि इस मौके पर मामूली निवेश भी जरूर करना चाहिए। इससे लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
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खाता-बही और तिजोरी की पूजा
दीपावली के मौके पर ही कारोबारी और दुकानदार खाता-बही और तिजोरी की पूजा करते हैं। इसी दिन नए खाता-बही की शुरुआत की जाती है और पुराना खाता-बही बंद कर दिया जाता है। दीपावली के मौके पर परंपरागत ट्रेडिंग सेशन से पहले निवेशक और स्टॉक ब्रोकर चोपड़ा पूजन करते हैं। इसे सबसे महत्वपूर्ण माना गया है।
(फइल फोटो)

मुहूर्त ट्रेडिंग का समय
दीपावली के दिन शेयर बाजार बंद होते हैं, लेकिन मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन करीब एक घंटे तक चलता है। दिन के सबसे शुभ घंटे के आधार पर हर साल मुहूर्त ट्रेडिंग का समय तय किया जाता है। कारोबारी समुदाय आधी सदी से इस परंपरा को मान कर चल रहा है। 1957 के बाद से बीएसई (BSE) और 1992 के बाद से एनएसई (NSE) इस खास ट्रेडिंग सेशन का आयोजन कर रहे हैं। इस साल स्टॉक एक्सचेंज में शनिवार 14 नवंबर को शाम 6.15 से 7.15 बजे तक मुहूर्त ट्रेडिंग होगी।
(फाइल फोटो)

इस मौके पर शुभ माना जाता है निवेश
मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन में निवेशक और ब्रोकर्स मूल्य आधारित स्टॉक खरीदते हैं, जो लंबी अवधि के लिए अच्छे होते हैं। ऐसा माना जाता है कि विशेष मुहूर्त में ग्रहों की स्थिति ऐसी होती है कि इस मौके पर किया गया निवेश सौभाग्य लाता है। बहुत निवेशकों का मानना है कि इस अवसर पर खरीदे गए शेयर भाग्यशाली होते हैं। ये निवेशक शेयर खरीदने के बाद उन्हें अगली पीढ़ी तक ले जाते हैं। कुछ भी नया शुरू करने के लिए दीपावली को शुभ दिन माना जाता है। कई लोग इस विशेष ट्रेडिंग सेशन के दौरान शेयर बाजार में अपना पहला निवेश करते हैं।
(फाइल फोटो)

करते हैं वैल्यू इन्वेस्टमेंट
ऐसा देखा गया है निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली? कि मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन में बाजार आमतौर पर ऊपर की ओर बढ़ते हैं। सभी सेगमेंट में खरीदने के ऑर्डर ज्यादा होने से निवेशकों का सेंटीमेंट पॉजिटिव रहता है। इस दिन स्टॉक की कीमतें स्थिर रहती हैं, क्योंकि ज्यादातर निवेशक शेयर बेचने के बजाय खरीदना पसंद करते हैं। निवेशक आमतौर पर मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन के दौरान वैल्यू इन्वेस्टमेंट में शामिल होते हैं।
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निवेश की शुरुआत के लिए सही समय
दीपावली पर स्टॉक मार्केट के इस स्पेशल सेशन में निवेश करना सही माना गया है। बड़ी खरीददारी, टोकन निवेश या पहली बार खरीददारी करने के लिए इसे निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली? शुभ दिन माना गया है। हालांकि, मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस मौके पर भावनाओं में बहकर ओवरवैल्यूड शेयरों की खरीद नहीं करनी चाहिए। निवेश करने के पहले सोच-विचार और विश्लेषण करना जरूरी होता है। तभी शेयर मार्केट में सफलता मिल सकती है।
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क्‍या होती निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली? है मुहूर्त ट्रेडिंग, दिवाली के दिन क्‍यों कुछ देर की लिए खुलता है शेयर बाजार? जानें डिटेल

दिवाली के दिन NSE और BSE पर शाम 6:15 से 7:15 मुहूर्त ट्रेडिंग होगी. जबकि शाम 6:00 से 6:08 बजे प्री-ओपन ट्रेड होगा. इस दिन निवेश को शुभ माना जाता है.

  • Money9 Hindi
  • Publish Date - November 3, 2021 / 08:09 PM IST

क्‍या होती है मुहूर्त ट्रेडिंग, दिवाली के दिन क्‍यों कुछ देर की लिए खुलता है शेयर बाजार? जानें डिटेल

image: pixabay, सरकार ने बैड बैंक के गठन, पीएलआई योजनाओं को शुरू करने, दूरसंचार क्षेत्र में सुधार और कृषि कानूनों जैसी कई पहलों के साथ एक मजबूत व्यापार समर्थक मानसिकता दिखाई है.

दिवाली के दिन यानी 4 नवंबर को शेयर बाजार बंद रहेगा. लेकिन एक घंटे के लिए ट्रेडिंग होगी. क्योंकि इस दिन से नए साल की शुरुआत मानी जाती है और नए साल पर किसी भी काम को करना शुभ माना जाता है. इसलिए हर साल की तरह इस बार भी दिवाली के दिन मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading 2021) का आयोजन किया जाएगा. शाम को होने वाली इस ट्रेडिंग में निवेशक शेयर खरीदते हैं.

जानें शाम को कब खुलेगा शेयर बाजार

दिनभर शेयर बाजार बंद होने के बाद शाम को एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन होगा. इस बार दीपावली के दिन NSE और BSE पर शाम 6:15 से 7:15 मुहूर्त ट्रेडिंग होगी. जबकि 4 नवंबर को शाम 6:00 से 6:08 बजे प्री-ओपन ट्रेड होगा. मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान शेयर बाजार में निवेश को शुभ माना जाता है. इस एक घंटे के मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान ज्यादातर निवेशक शेयर खरीदते हैं.

मुहूर्त ट्रेडिंग में निवेशक खरीदते हैं स्‍टॉक

बता दें कि हर साल मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए एक खास समय तय होता है. निवेशक इस समय वैल्यू बेस्ड स्टॉक खरीदते हैं, और उसे लंबे समय तक रखते हैं. वहीं कई लोग इस खास ट्रेडिंग सेशन के दौरान शेयर बाजार में अपना पहला निवेश करते हैं.ऐसा माना जाता है कि इस मौके पर किया गया निवेश फायदा देता है. मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है. बीएसई (BSE) पर पहली बार साल 1957 में और एनएसई (NSE) में साल 1992 से मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत हुई थी.

क्या होती है मुहूर्त ट्रेडिंग

दिवाली के दिन कारोबारी अपना काम बंद नहीं करते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन विक्रम संवत यानी नए साल की शुरुआत होती है. हिन्दू मान्यता के मुताबिक इस दिन शेयर बाजार में मुहूर्त ट्रेडिंग में निवेश करना शुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि दिवाली के शुभ दिन किसी कारोबार की शुरुआत से साल भर फायदा हो सकता है. इस दिन शेयर बाजार में भी ब्रोकर मुहूर्त ट्रेडिंग से पहले बहीखातों की पूजा करते हैं.

क्‍या होती है मुहूर्त ट्रेडिंग, दिवाली के दिन क्‍यों निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली? कुछ देर की लिए खुलता है शेयर बाजार? जानें डिटेल

दिवाली के दिन NSE और BSE पर शाम 6:15 से 7:15 मुहूर्त ट्रेडिंग होगी. जबकि शाम 6:00 से 6:08 बजे प्री-ओपन ट्रेड होगा. इस दिन निवेश को शुभ माना जाता है.

  • Money9 Hindi
  • Publish Date - November 3, 2021 / 08:09 PM IST

क्‍या होती है मुहूर्त ट्रेडिंग, दिवाली के दिन क्‍यों कुछ देर की लिए खुलता है शेयर बाजार? जानें डिटेल

image: pixabay, सरकार ने बैड बैंक के गठन, पीएलआई योजनाओं को शुरू करने, दूरसंचार क्षेत्र में सुधार और कृषि कानूनों जैसी कई पहलों के साथ एक मजबूत व्यापार समर्थक मानसिकता दिखाई है.

दिवाली के दिन यानी 4 नवंबर को शेयर बाजार बंद रहेगा. लेकिन एक घंटे के लिए ट्रेडिंग होगी. क्योंकि इस दिन से नए साल की शुरुआत मानी जाती है और नए साल पर किसी भी काम को करना शुभ माना जाता है. इसलिए हर साल की तरह इस बार भी दिवाली के दिन मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading 2021) का आयोजन किया जाएगा. शाम को होने वाली इस ट्रेडिंग में निवेशक शेयर खरीदते हैं.

जानें शाम को कब खुलेगा शेयर बाजार

दिनभर शेयर बाजार बंद होने के बाद शाम को एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन होगा. इस बार दीपावली के दिन NSE और BSE पर शाम 6:15 से 7:15 मुहूर्त ट्रेडिंग होगी. जबकि 4 नवंबर को शाम 6:00 से 6:08 बजे प्री-ओपन ट्रेड होगा. मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान शेयर बाजार में निवेश को शुभ माना जाता है. इस एक घंटे के मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान ज्यादातर निवेशक शेयर खरीदते हैं.

मुहूर्त ट्रेडिंग में निवेशक खरीदते हैं स्‍टॉक

बता दें कि हर साल मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए एक खास समय तय होता है. निवेशक इस समय वैल्यू बेस्ड स्टॉक खरीदते हैं, और उसे लंबे समय तक रखते हैं. वहीं कई लोग इस खास ट्रेडिंग सेशन के दौरान शेयर बाजार में अपना पहला निवेश करते हैं.ऐसा माना जाता है कि इस मौके पर किया गया निवेश फायदा देता है. मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है. बीएसई (BSE) पर पहली बार साल 1957 में और एनएसई (NSE) में साल 1992 से मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत हुई थी.

क्या होती है मुहूर्त ट्रेडिंग

दिवाली के दिन कारोबारी अपना काम बंद नहीं करते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन विक्रम संवत यानी नए साल की शुरुआत होती है. हिन्दू मान्यता के मुताबिक इस दिन शेयर बाजार में मुहूर्त ट्रेडिंग में निवेश करना शुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि दिवाली के शुभ दिन किसी कारोबार की शुरुआत से साल भर फायदा हो सकता है. इस दिन शेयर बाजार में भी ब्रोकर मुहूर्त ट्रेडिंग से पहले बहीखातों की पूजा करते हैं.

Diwali Muhurat Trading : दिवाली की शाम एक घंटे के लिए खुलेगा शेयर बाजार, जानिए क्या है मुहूर्त ट्रेडिंग का समय, क्यों है इसका महत्व

Diwali Muhurat Trading

आज समाज डिजिटल, Diwali Muhurat Trading : भारत का सबसे बड़ा त्योहार दिवाली इस बार 24 अक्टूबर को है। दिवाल का दिन शेयर बाजार निवेशकों के लिए बहुत ही खास माना जाता है। वैसे तो इस दिन घरेलू शेयर बाजार बंद रहता है लेकिन शाम को शेयर बाजार में एक घंटे ट्रेडिंग होती है। 24 अक्टूबर को देवी लक्ष्मी की पूजा के बाद बाजार में मुहूर्त ट्रेडिंग शुरू होगी। यह समय शेयर बाजार में निवेश के लिए बहुत ही शुभ माना गया है।

मुहूर्त ट्रेडिंग का समय

स्टॉक एक्सचेंज के मुताबिक, 24 अक्टूबर 2022 को बीएसई और एनएसई दोनों एक्सचेंज शाम 6 बजे ओपन होगी। मुहूर्त ट्रेडिंग शाम 6:00 से 6:08 बजे प्री ओपन ट्रेडिंग सेशन होगा। शाम 6:15 से 7:15 मुहूर्त ट्रेडिंग होगी, जिसमें सभी निवेशक कारोबार कर सकेंगे। वहीं ब्लॉक डील शाम 5.45 बजे से शाम 6 बजे तक होगी। यह ट्रेडिंग इक्विटी, इक्विटी फ्यूचर एंड आप्शन, करेंसी एंड कमोडिटी मार्केट, तीनों में होती है।

क्या होती है मुहूर्त ट्रेडिंग

शेयर बाजार में दिवाली पर सालों से मुहूर्त ट्रेडिंग का रिवाज चला आ रहा है। हर साल दिवाली पर हिंदू कैलेंडर वर्ष के अनुसार नए संवत की शुरूआत होती है। इस साल भी 24 अक्टूबर को मुहूर्त ट्रेडिंग के साथ संवत 2079 शुरू हो जाएगा। ऐसी मान्यता है कि निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली? मुहूर्त ट्रेडिंग घर में समृद्धि और खुशियां लाती है। अत: बड़े और छोटे हर तरह के निवेशक मुहूर्त ट्रेडिंग पर ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं।

24 अक्टूबर को मुहूर्त ट्रेडिंग समय

  • शाम 5.45 से 6.00 तक ब्लॉक डील सेशन।
  • शाम 6.00 से 6.08 तक प्री ओपन ट्रेडिंग सेशन।
  • शाम 6.15 से 7.15 तक नॉर्मल मार्केट
  • शाम 6.20 से 7.05 तक कॉल आक्शन सेशन।
  • शाम 7.15 से 7.25 तक क्लोजिंग सेशन।

कब से चली आ रही यह परंपरा

जानकारी के मुताबिक दिवाली के दिन शेयर बाजार में एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा लगभग 5 दशक पुरानी है। मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में 1957 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में 1992 में शुरू हुआ था। बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक मुहूर्त ट्रेडिंग पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है। अधिकांश लोग इस दिन शेयर खरीदने को तरजीह देते हैं। लेकिन अमूमन ये निवेश काफी छोटे और प्रतीकात्मक होते हैं।

Dev Deepawali 2022: काशी की देव दीपावली क्यों है खास, भगवान शिव से है रिश्ता

Dev Deepawali 2022: काशी की देव दीपावली क्यों है खास, भगवान शिव से है रिश्ता

डीएनए हिंदीः Dev Deepawali Significance in Kashi- हर साल कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2022) के दिन देव दिवाली मनाई जाती है जो इस बार 7 नवंबर दिन मंगलवार को पड़ रही है. सनातन धर्म में सभी पूर्णिमा का विशेष स्थान होता है इनमें से कार्तिक माह में आने वाली पूर्णिमा मुख्य है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन समस्त देवी-देवता स्वर्ग लोक से धरती पर आते हैं और गंगा स्नान करने के बाद दीपोत्सव का त्योहार मनाते हैं. ऐसे में लोग देव दीपावली के मौके पर अपने घर को दीए और रंगोली से सजाते हैं.

यह पर्व मुख्य रूप से शिव की नगरी वाराणसी में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन गंगा घाट और शहर की सभी गलियां दीए की रोशनी में सरोबार हो उठती हैं. चलिए जानते हैं काशी में ही देव दिवाली क्यों मनाई जाती है और इसका क्या महत्व है.

काशी में ही क्यों मनाई जाती है दिवाली (Why Dev Diwali is Celebrated In Kashi)

कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा (Tripurari Purnima) भी कहा जाता है. इसके पीछे की वजह ये है कि भगवान (Lord Shiva) ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन त्रिपुरासुर (Tripurasur) नामक राक्षस का संहार किया था इसलिए भगवान शिव को त्रिपुरारी भी कहा जाता है. त्रिपुरासुर के वध के बाद सभी को उसके आतंक से मुक्ति मिल गई.

देवता भी त्रिपुरासुर के अत्याचारों से त्रस्त थे, इसलिए जब भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया तो सभी देवों को अत्यंत प्रसन्नता हुई. तब सभी देवतागण भगवान शिव के साथ काशी पहुंचे और दीप जलाकर खुशियां मनाईं. मान्यता है तभी से काशी में कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाई जाने लगी. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन दीपदान का विशेष महत्व है. इसलिए इस दिन दीपदान भी किया जाता है.

वाराणसी की देव दिवाली होती है बेहद खास

देव दीपावली के दौरान काशी में एक अलग ही उल्लास देखने को मिलता है. चारों तरफ साज-सज्जा की जाती है और गंगा घाट पर हर ओर मिट्टी के दीए प्रज्वलित किए जाते हैं. देव दीपावली के दौरान गंगा घाट का दृश्य भाव विभोर कर देने वाला होता है. काशी की देव दीपावली वास्तव में देखने लायक होती है. मान्यता है कि देवता गंगा नदी में डुबकी लगाने के लिए इस शुभ अवसर पर काशी आते हैं. यह वास्तव में प्रतीत भी होता है.

इसी वजह से काशी का देव दीपावली बेहद लोकप्रिय माना जाता है. यहां देव दिवाली की रात, हजारों लोग, स्थानीय और पर्यटक समान रूप से नदी के घाटों पर गंगा आरती देखने के लिए आते निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली? हैं.निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली?

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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