व्यापारियों को जीएसटी से लाभ

नोटबंदी, जीएसटी ने लोगों और छोटे व्यापारियों की कमर तोड़ी: राहुल गांधी
उज्जैन (मप्र), 29 नवंबर (भाषा) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि नोटबंदी और केंद्र द्वारा लागू किए गए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ने आम लोगों-खासकर छोटे कारोबारियों की कमर तोड़ने का काम किया।
गांधी उज्जैन में भगवान महाकाल के दर्शन करने के बाद एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। उनके नेतृत्व में कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो’ यात्रा अब मध्य प्रदेश से होकर गुजर रही है।
उन्होंने कहा, ‘नोटबंदी (2016 में लागू) और जीएसटी ने लोगों की रीढ़ तोड़ दी, खासकर छोटा कारोबार करने वालों की। हमें इसका पुनर्निर्माण करना है, इसे एक करना है, तभी हम लोगों को रोजगार दे पाएंगे।’
कांग्रेस सांसद ने कहा कि कोविड-19 रोधी लॉकडाउन के दौरान लंबी दूरी तय करने वाले मजदूर, किसान और छोटे व्यापारी ‘असली तपस्वी’ हैं, न कि वह खुद।
उन्होंने कहा, ‘मैंने भारत जोड़ो यात्रा में मार्च करके कोई तपस्या नहीं की है। कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान लंबी दूरी तय करने वाले मजदूर, लोगों के लिए खाद्यान्न पैदा करने वाले किसान और छोटे व्यापारी देश के असली ‘तपस्वी’ हैं।’
कांग्रेस नेता ने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी ने छोटे व्यापारियों के हाथों में नकदी प्रवाह को रोक दिया क्योंकि वे बड़े व्यापारियों के विपरीत एक पखवाड़े या अधिकतम एक या दो महीने से अधिक नकदी के बिना टिके रहने में सक्षम नहीं हैं।
गांधी ने कहा कि दुर्भाग्य से उन लोगों को लाभ नहीं मिल रहा है और केवल चार-पांच उद्योगपति ही लाभान्वित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म के अनुसार ‘तपस्वी’ की पूजा की जानी चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से, केवल चार-पांच लोगों का ध्यान रखा जा रहा है क्योंकि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूजा करते हैं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘किसान फसल बीमा के लिए कंपनियों को भुगतान करते हैं, लेकिन जब उन्हें प्राकृतिक आपदा के दौरान मुआवजे की आवश्यकता होती है, तो उन्हें इंटरनेट पर भी इन संगठनों के फोन नंबर और पते नहीं मिल पाते हैं।’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘छोटे दुकान मालिक और व्यापारी देश में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार देते हैं, लेकिन उनकी मेहनत को मान्यता नहीं दी जाती है। उनकी जेब से पैसा छीन लिया जाता है और चार-पांच उद्योगपतियों के हाथों में दे दिया जाता है।’
उन्होंने कहा कि मजदूर, किसान, छोटे व्यापारी और युवा कड़ी मेहनत कर रहे हैं लेकिन उन्हें लाभ नहीं मिल रहा है क्योंकि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूजा नहीं कर रहे हैं।
गांधी ने आरोप लगाया, ‘चार-पांच लोग हैं जो मोदी की पूजा कर रहे हैं और (बदले में) उन्हें हवाई अड्डे, बंदरगाह, रेलवे, सड़क, बिजली तथा पानी समेत जो कुछ चाहिए व्यापारियों को जीएसटी से लाभ वो मिल रहा है, क्योंकि वह केवल उनकी देखभाल कर रहे हैं।’
मध्य प्रदेश में हुए व्यापमं घोटाले का जिक्र करते हुए गांधी ने कहा कि इस तरह की धोखाधड़ी ने युवाओं को कड़ी मेहनत करने के बावजूद रोजगार से वंचित कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘मीडिया लोगों को हकीकत दिखाना चाहता था लेकिन वह ऐसा करने में असमर्थ रहा क्योंकि उसके हाथ बंधे हुए हैं।’
गांधी ने कहा कि यात्रा कोई कांग्रेस का अभियान नहीं है ‘बल्कि यह हिंदुस्तान, किसानों, छोटे व्यवसायियों, मजदूरों, भाइयों और बहनों, माताओं, युवाओं, पत्रकारों और अन्य लोगों का प्रतिनिधित्व कर रही है’।
उन्होंने कहा, ‘यह कभी न भूलें कि यह देश तपस्वियों का है और हिंदू धर्म भी तपस्वियों का है।’
बैठक को संबोधित करते हुए कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ ने आरोप लगाया कि राज्य बेरोजगारी, अपराध और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार तथा भ्रष्टाचार व्यापारियों को जीएसटी से लाभ में नंबर एक है।
भाषा नेत्रपाल वैभव
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जीएसटी: न व्यापारियों और न ही आमजन को है ठोस जानकारी
आजाद भारत का सबसे बड़ा कर सुधार के नाम से विख्यात जीएसटी यानि गुड्स एडं सर्विस टैक्स रात 12 बजे से लागू हो जाएगा.
- ETV Bihar/Jharkhand
- Last Updated : June 30, 2017, 19:02 IST
झारखंड के व्यवसायी से लेकर आम उपभोक्ता तक जीएसटी को लेकर उधेड़बुन की स्थिति में है. आजाद भारत का सबसे बड़ा कर सुधार के नाम से विख्यात जीएसटी यानि गुड्स एडं सर्विस टैक्स रात 12 बजे से लागू हो जाएगा. एक राष्ट्र -एक टैक्स की इस प्रणाली का व्यवसायियों के साथ- साथ आम लोगों को लाभ होगा या नुकसान इसके बारे में किसी के पास पर्याप्त जानकारी नहीं है.
आज भी आम आवाम के साथ व्यवसायी वर्ग को जीएसटी के नफे नुकसान की जानकारी सतही ही है. किराना व्यवसायी बताते हैं कि थोक विक्रेताओं ने ब्रांडेड चावल और आटा की कीमत 5 फिसदी बढ़ाने की सूचना दी है. दूसरी ओर थोक कपड़ा व्यवसायी इसलिए नाराज हैं कि आजादी के बाद पहली बार कपड़ा को भी कर के दायरे में लाया गया है.
पांच स्लैब में वस्तुओं को रखकर खुले अनाज, ताजी सब्जियां, बिना मार्का वाले अनाज, दूध-दही जैसे उत्पादों को जीएसटी से मुक्त रखा गया है. लेकिन चीनी, चायपत्ती, शिशुओं के दूध, काजू, घरेलू एलपीजी, 500 रुपये के जूते, 1000 रुपये के कपड़े पर पांच फिसदी टैक्स का प्रावधान रखा गया है.
संभवत: लोगों के स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए मक्खन, घी, बादाम, फ्रूट जूस, आचार, मुरब्बा, चटनी, जैम को 12 फिसदी टैक्स के स्लैब में रखा गया है. वहीं टूथपेस्ट, साबुन, पास्ता, कंप्यूटर जैसे उत्पादों पर 18 फिसदी टैक्स रखा गया है. झारखंड चैम्बर ऑफ कामर्स एंड इंस्ट्रीज के अध्यक्ष विनय अग्रवाल ने कहा कि कौन सी वस्तुएं सस्ती होंगी और कौन सी महंगी यह जानने में वक्त लगेगा.
वहीं वाणिज्यकर संयुक्त आयुक्त गोपाल कृष्ण ने कहा कि जीएसटी से न सिर्फ उद्योग को फायदा होगा बल्कि छोटी गाड़ियों से लेकर घर,जूता,कपड़ा से लेकर ज्यादातर सामान सस्ते हो जाएंगे. खैर अाम जनता को पता नहीं है कि जीएसटी से उसकी रोज की जरूरतों का सामान सस्ता होगा या महंगा.
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GST बिल पर अलग-अलग है व्यापारियों की राय, कोई समर्थन में तो कोई टालने के पक्ष में
उत्तर प्रदेश के साथ 1 जुलाई से पूरे देश में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) अधिनियम 2017 लागू होने जा रहा है. जीएसटी को . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : June 30, 2017, 09:00 IST
उत्तर प्रदेश के व्यापारियों को जीएसटी से लाभ साथ 1 जुलाई से पूरे देश में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) अधिनियम 2017 लागू होने जा रहा है. जीएसटी व्यापारियों को जीएसटी से लाभ को लेकर तमाम व्यापारी संगठनों में अलग-अलग राय है. कुछ संगठनों ने तो 30 जून को जीएसटी के विरोध में बंद का भी आह्वान किया है. इतना ही नहीं प्रदेश के कई जिलों में जीएसटी के विरोध में प्रदर्शन भी हो चुका.
इन सब के बीच मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में योगी सरकार ने भी जीएसटी अधिनियम 2017 को मंजूरी दे दी. इसी क्रम में बुधवार को डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा के साथ जीएसटी के मुद्दे व्यापारियों ने बैठक की. इस बैठक के बाद व्यापारियों ने जीएसटी को लेकर अपनी अलग-अलग राय रखी. कुछ ने समर्थन किया तो, कुछ व्यापारी कई मुद्दों पर असहमत दिखे.
यही नहीं व्यापारियों द्वारा 30 जून को बुलाए गए बंद पर भी सबकी अलग-अलग राय रही.
जीएसटी पर क्या है व्यापारियों की राय
व्यापारी नेता संदीप बंसल ने कहा, “ मैं उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के प्रयास के लिए उन्हें धन्यवाद दूंगा. लेकिन यह निर्णय भारत सरकार का है. देश भर का व्यापारी आंदोलित है. कपड़ा व्यापारी आंदोलित है. आज भी पूरे देश की कपड़ा मंडी बंद है. जीएसटी पर आज भी व्यापारी अनजान व्यापारियों को जीएसटी से लाभ है. जब वह जनता ही नहीं की टैक्स लगेगा कैसे तो वह टैक्स कैसे लेगा?”
बंसल ने कहा कि सरकार को अपनी हठधर्मिता छोड़कर व्यापारी को तीन महीने का समय इसे समझने के लिए देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को कानून तैयार करना चाहिए. अगर सरकार कानून नहीं तैयार कर पाई है तो तैयार करे और व्यापारी को समझाए उसके बाद इसे लागू करे. जबरदस्ती जीएसटी लागू करने से सरकार कोई लाभ नहीं मिलेगा. बंसल ने कहा कि देश भर के व्यापारी 30 जून को भारत बंद में शामिल हो रहे हैं. उत्तर प्रदेश भी इस दिन बंद रहेगा.
उन्होंने कहा कि उनकी सबसे महत्वपूर्ण मांग है ई-बिलिंग का प्रावधान. हर व्यापारी के पास कंप्यूटर नहीं है.इसलिए ई-बिलिंग में हर व्यापारी नहीं आ सकता. इसलिए व्यापारी जैसे व्यापार कर रहा था वैसे ही उसे व्यपार करने दिया जाए. किसी भी प्रकार की सजा उस व्यापारी को न दी जाए.
एक अन्य व्यापारी नेता बनवारी लाल कंछल ने बताया कि उपमुख्यमंत्री ने हमारी बातों को सुनकर आश्वासन दिया है कि वे उनकी मांगों को जीएसटी कौंसिल की व्यापारियों को जीएसटी से लाभ समक्ष रखेंगे और उसका समाधान निकालेंगे. कंछल ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि सरकार उनकी मांगों पर विचार करेगी और रास्ता निकालेगी. 30 जून को होने वाले बंद पर उन्होंने कहा कि फिलहाल यह यथावत है. इस बंद में शामिल होना है कि नहीं इस पर फैसला गुरुवार को लिया जाएगा.
व्यापारी नेता संजय गुप्ता ने कहा कि उपमुख्यमंत्री से मुलाकात के बात उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापर मंडल ने निर्णय लिया है कि वह जीएसटी का पूरी तरह से समर्थन करती है. उन्होंने कहा कि जीएसटी एक अच्छी व्यवस्था है. प्रारंभिक स्तर पर जो भी कमियां हैं उनके बारे में सरकार को अवगत करा दिया गया है उम्मीद है वह दूर हो जाएगी. गुप्ता ने कहा कि अद्रश व्यापर मंडल 30 जून को बंद में शामिल नहीं है.
नए साल में GST कानून में होंगे जरूरी बदलाव, व्यापारियों से सीधे हो सकती है वसूली!
बिजनेस डेस्कः जीएसटी के गलत रिटर्न भरना नए साल में महंगा पड़ने वाला है। एक जनवरी से वस्तु एवं सेवा कर अधिकारी गलत जीएसटी रिटर्न भरने वाले व्यापारियों के खिलाफ वसूली के लिए सीधे कदम उठा सकेंगे। इस कदम से गलत बिल दिखाने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। अक्सर यह शिकायत मिलती है कि अपने मासिक जीएसटीआर-1 फॉर्म में ज्यादा बिक्री दिखाने वाले कारोबारी कर देनदारी को कम करने के लिए भुगतान से संबंधित जीएसटीआर-3बी फॉर्म में इसे कम करके दिखाते हैं।
सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के वित्त विधेयक में इस बदलाव का प्रावधान रखा था। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने गत 21 दिसंबर को जीएसटी अधिनियम में संशोधन को अधिसूचित कर दिया। इसके बाद एक जनवरी 2022 से यह लागू हो जाएगा।
अभी तक जारी होता रहा है नोटिस
पहले इस तरह की गड़बड़ियां सामने आने पर जीएसटी विभाग की तरफ से नोटिस जारी किया जाता था और फिर वसूली की प्रक्रिया शुरू होती थी लेकिन नियम बदलने के बाद अधिकारी सीधे ही वसूली की कार्रवाई शुरू कर सकते हैं।
नए प्रावधान के दुरूपयोग होने की आशंका
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ साझेदार रजत मोहन के मुताबिक, जीएसटी कानून में यह बदलाव काफी कड़ा है और जीएसटी विभाग को वसूली करने का विशेष अधिकार देता है। उन्होंने कहा कि इस नए प्रावधान का दुरुपयोग होने की आशंका है।
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