फ़ॉरेक्स क्या है

इंट्रा डे ट्रेडिंग

इंट्रा डे ट्रेडिंग
इंट्रा-डे ट्रेड के लिए स्टॉक्स का चुनाव कैसे करें

Intraday Trading कैसे करे ? – इंट्राडे या डे ट्रेडिंग करने कि New Tips हिंदी में

ट्रेडिंग करके रोज पैसे कमाने के लिए इंट्रा डे ट्रेडिंग सबसे अच्छा साधन है और इसकी मदद से लोग हजारों रूपये रोजाना शेयर मार्किट से कमाते है .

आप भी शेयर मार्किट से रोजाना पैसे कमा सकते है इंट्रा डे ट्रेडिंग करके लेकिन आपको इंट्रा डे ट्रेडिंग के बारे में सही जानकारी होना इंट्रा डे ट्रेडिंग चाहिए.

क्योंकि इंट्रा डे ट्रेडिंग सबसे जोखिम भरा काम है और अगर आपको इंट्रा डे ट्रेडिंग के बारे में सही जानकारी नहीं है तो आपको ट्रेडिंग में नुकसान हो सकता है .

तो चलिए इंट्रा डे ट्रेडिंग के बारे में जानते है इंट्रा डे या डे ट्रेडिंग क्या है .

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Intraday Trading Kya Hai

शेयर मार्किट में एक ही दिन के अन्दर Share को कम दाम पर खरीद कर ज्यादा दाम पे बेच कर मुनाफा कमाने को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहते है .

इंट्राडे ट्रेडिंग का सबसे अच्छा फायदा यह है कि आपको इसके लिए डिमैट एकाउंट की जरूरत नही पड़ती.

अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे मेंं और भी विस्तार से जानना चाहते है तो हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़े।

चलिए अब जानते है इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करे।

Intraday Trading Kaise Kare

इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए आपको Trading Account कि जरुरत होती है . क्योंकि आप बिना ट्रेडिंग अकाउंट के ट्रेडिंग नहीं कर सकते .

अगर आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट नहीं है और आप खुद का ट्रेडिंग अकाउंट खोलना चाहते है तो इसके लिए हमारी नीचे दी गई पोस्ट पढ़े।

इंट्राडे ट्रेडिंग या डे ट्रेडिंग करने के लिए आपको सबसे पहले सही शेयर का चुनाव करना है।

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सही शेयर का चुनाव कैसे करे
  • सबसे पहले आपको मार्किट में देखना है कि किस कंपनी के शेयर पर ज्यादा उतार चढ़ाव हो रहे है।
  • यह जानकारी आपको News TV Channel या Youtube पर मिल जयेगी.
  • इसके अलावा भी आप स्टॉक एक्सचेंज में खुद से कुछ कंपनी के शेयर की जाँच कर सकते है।
  • अब आपको एक कंपनी को चुनना है और उसके शेयर की कीमत पर हुए उतार चढ़ाव के ग्राफ को देखना है।
  • आप यह Graph अपने ट्रेडिंग अकाउंट में भी देख सकते है

अब बारी आती है ट्रेडिंग के लिए शेयर को खरीदने कि, तो जब आप ट्रेडिंग के लिए अपने ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे डालते है तो आपको आपके ब्रोकर कि तरफ से ट्रेडिंग अकाउंट में margin money मिलती है .

यह margin money आपके डाले हुए पैसों को दुगना या पांच गुना कर देती है . तो आपको सबसे पहले एक बात को समझना होगा कि आप margin money का सही तरह से उपयोग कैसे करे .

चलिए जानते है margin money के बारे में .

Margin Money Kya Hai

मार्जिन मनी आपको आपके ट्रेडिंग अकाउंट पर मिलने वाले loan के सामान है जिस पर आपको कोई ब्याज नहीं देना पड़ता . लेकिन फिर भी आप जितनी margin money का उपयोग करते है उतनी margin money आपको बापिस भी देनी पड़ती है .

उदाहरण के लिए मान लेते है कि आपने ट्रेडिंग के लिए अपने खाते में 5000 रूपए डाले और आपके खाते पर आपको 5 गुना मार्जिन मिला है . तो अब आपके ट्रेडिंग अकाउंट में 25000 रूपए हो गए है .

यानि आप 25000 रूपए कि कीमत तक शेयर खरीद सकते है . लेकिन हम आपको ऐसा करने कि सलाह नहीं देंगे . आप मार्जिन मनी का उपयोग करे लेकिन आधे से भी कम,

क्योंकि अगर आपके ट्रेडिंग में आपको घटा होता है तो आपको ज्यादा नुकसान न उठाना पड़े .

बस अब आपको शेयर मार्किट के खुलते ही खरीदने है और अपने शेयर पर Target एवं Stop Loss लगा कर शेयर कि कीमत बढ़ने का इन्तेजार करना है .

चलिए अब Target और Stop Loss के बारे में जानते है।

Target Kya Hai

जब आप कम दाम में शेयर खरीदते है तो आप एक अनुमान लगाते है कि यह शेयर मैंने 100 रूपए प्रति शेयर कि कीमत पर ख़रीदा है और इसको में 105 रूपए प्रति शेयर कि कीमत पर बेच दुगा .

इसी को हम Sell Out Target कहते है . ट्रेडिंग के लिए आप जैसे ही शेयर खरीदते है ठीक वैसे ही शेयर पर बेचने का टारगेट लगा देना चाहिए.

इससे जैसे ही उस शेयर कि कीमत आपके तय किये गए टारगेट तक पहुंचेगी, आपके शेयर अपने आप बिक जायेंगे और आपके खाते में मुनाफे के पैसे जामा हो जायेंगे .

शेयर पर टारगेट लगाना क्यों जरुरी है

शेयर मार्किट में शेयर कि कीमत मिनट के अन्दर बढती और घटती है. इस कारण से कई बार हमारे ज्यादा लालच के चलते हम Target नहीं लगते और सोचते है कि जब शेयर कि कीमत और ज्यादा हो जायगी तब बेच देंगे .

लेकिन देखते ही देखते शेयर कि कीमत घटना शुरू हो जाती है और बाद में हमे पछतावा होता है .

Stop Loss Kya Hai

जब हम शेयर मार्किट से शेयर खरीदते है तो हमे शेयर कि कीमत का कोई सटीक आंकड़ा पता नहीं होता, हम सिर्फ अनुमान पर ही ट्रेडिंग करते है .

उदाहरण के लिए आपने एक कंपनी के शेयर को 150 रूपए प्रति शेयर कि कीमत से ख़रीदा और उस पर Stop Loss नहीं लगाया.

इसके बाद उस शेयर कि कीमत अचानक से एकदम घटना शुरू हो गई, जितने में आप शेयर को बेच पाते, इतने में उसके शेयर कि कीमत 150 रूपये प्रति शेयर से 100 रूपए प्रति शेयर हो गई .

इससे इंट्रा डे ट्रेडिंग आपको कुछ ही मिनट में 50 रूपए प्रति शेयर का नुकसान हो गया . वही आपने अगर अपने शेयर पर 140 रूपए प्रति शेयर का stop loss लगाया होता तो आपके शेयर अपने आप 140 रूपए प्रति शेयर कि कीमत पर बिक जाते .

तब आपको सिर्फ 10 रूपए प्रति शेयर का नुकसान होता .

अब आप सोच रहे होंगे कि 10 रूपए प्रति शेयर का नुकसान उठाना ही क्यों हम 150 रूपए या 149 रूपए प्रति शेयर कि कीमत का भी stop loss लगा सकते है.

लेकिन शेयर मार्किट में शेयर कि कीमत 5 रूपए 10 रूपए गिर कर फिर से बढ़ जाती है इस कारण से हम stop loss खरीदी हुई शेयर कि कीमत से जितना हो सके उतना कम लगते है . ताकि शेयर कि कीमत गिर कर तुरतं बढ़ने पर हमे नुकसान न हो .

Intraday Trading Tips in Hindi

एक सफल इंट्राडे ट्रेडर बन कर ट्रेडिंग करने के लिए आपको कुछ जरुरी बातो को हमेशा ध्यान में रखना है .

  1. कभी भी एक ही शेयर पर बार बार ट्रेडिंग न करे .
  2. ट्रेडिंग में मुनाफा ज्यादा होने पर Lucky Day समझ कर ज्यादा ट्रेडिंग न करे .
  3. किसी भी व्यक्ति कि सलाह पर ट्रेडिंग न करे अपना खुद का रिसर्च करे फिर ट्रेड करे .
  4. ट्रेडिंग में एक साथ ज्यादा पैसे न लगाये .
  5. इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर को कभी hold करके न रखे .
  6. बंद होती हुई कंपनी के शेयर न ख़रीदे .
  7. Lucky Number या Lucky Name वाली कंपनी के शेयर न ख़रीदे .

यह छोटी छोटी सी कुछ बात है. जो लोग भावनाओ में आ कर भूल जाते है और खुद का नुकसान कर बैठते है . इंट्राडे ट्रेडिंग करने का मकसद एक दिन में ट्रेडिंग करके मुनाफा कमाना होता है . न कि एक दिन में करोड़ पति बनना तो आप ऐसा न करे .

अब आप जान गए है Intraday Trading Kaise Kare तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों और परिवार वाले लोगों के साथ शेयर करे जो पैसे कमाना चाहते है .

अगर Intraday Trading Kaise Kare से जुड़े आपके पास कोई सवाल है जो आप हमसे पूछना चाहते है तो आप नीचे पोस्ट करे हम आपके सवाल का जवाब तुरंत देंगे.

intraday trading : जानिए इंट्रा डे ट्रेडिंग क्या है

इंट्रा डे ट्रेडिंग (intraday trading), जैसा कि नाम से समझ आ जाता है, एक दिन भर के अन्तराल (Same day ) में की जाने वाली खरीद और बिक्री (share purchase & Sale), एक शेयर (Share ) को जिस दिन ख़रीदा जाये, उसी दिन उस शेयर को मार्केट बंद होने से पहले बेच भी दिया जाये, तो इस तरह कि Trading को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहा (Intraday Trading) जाता है।

इंट्रा डे ट्रेडिंग (INTRADAY TRADING) की खास बातें :

1- अगर आप ब्रोकर से मार्जिन लेकर ट्रेड करते है तो ऐसे में, आपको अपना सौदा उसी दिन पूरा करना होता है, अगर आप मार्केट बंद होने से पहले खुद सौदे को पूरा नहीं करते है तो मार्केट बंद के समय शेयर का भाव जो भी होगा, आपका ब्रोकर उसे बेचकर अपना मार्जिन मनी ले लेगा।

intraday trading

2- इंट्रा डे ट्रेडिंग में सभी ब्रोकर्स अपने ग्राहकों को इंट्रा डे ट्रेडिंग के लिए MARGIN MONEY देते है,
जैसे अगर आपके पास 10 हजार रूपये है , और आपका ब्रोकर 10 गुना MARGIN MONEY दे रहा है, तो आप 10 हजार का 10 गुना यानी 1 लाख तक के शेयर खरीद और बेच सकते है।

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3- ब्रोकर को आपको होने वाले फायदे या नुकसान से कोई लेना देना होना होता है, आपने जो भी मार्जिन मनी लिया हुआ, उसको उतना मार्केट बंद होने से पहले वो वापस चाहिए होता है।

4- आप को इंट्रा डे ट्रेडिंग में सौदों को एक दिन में ही पूरा करना होता है, जैसे आज ख़रीदा तो आज ही बेचा और इस तरह आप सिर्फ एक दिन का ही रिस्क उठाते है।

5- शेयर मार्केट की पूरी जानकारी होने पर ही इंट्राडे ट्रेडिंग करनी चाहिए क्योंकि इसमें उतार-चढ़ाव बहुत तेजी के साथ होता है और नये निवेशक इसमें अक्सर करके फंस जाते हैं।

Author : Nitin Bansal

Disclaimer : यह केवल लेखक के विचार हैं । किसी भी नुकसान या फायदे के लिए लेखक या Aavaz.in उत्तरदायी नहीं होगा ।

इंट्रा-डे ट्रेड के लिए स्टॉक्स का चुनाव कैसे करें

शेयर बाजार (Share Bazaar) में इंट्रा-डे (Intra day) या एक ही दिन में खरीद-बिक्री करने का चलन बढ़ ही रहा है। डे-ट्रेडर (Day Trader) के लिए सही शेयरों का चयन सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें यदि थोड़ी-सी चूक हो जाए तो कुछ ही घंटों में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसे समय, शेयरों का सही विकल्प आपको औसत रिटर्न आन इनवेस्टमेंट आरओआई से अधिक कमाने में मदद कर सकता है।

how to choose stocks for intra-day trade

इंट्रा-डे ट्रेड के लिए स्टॉक्स का चुनाव कैसे करें

प्ले इट सेफ- लिक्विड स्टॉक्स में ही ट्रेड करें

कभी सोचा है कि किसी खास दिन सही शेयर लेने के लिए एक ट्रेडर को दी गई सबसे अच्छी टिप क्या हो सकती है? आप इसे एक शब्द में लिख सकते हैं - लिक्विडिटी! लिक्विड स्टॉक का लाभ यह है कि आप उन्हें बड़ी मात्रा में खरीद सकते हैं और कीमत पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़े बिना भी बेच सकते हैं। अक्सर ऐसा होता है कि कम लिक्विड स्टॉक को खरीदने वालों की संख्या ज्यादा नहीं होती और इसलिए अधिक मात्रा में खरीदने और बेचने का मौका नहीं मिल पाता। हालांकि, कुछ ट्रेडर्स का मानना है कि तेजी से कीमतों में बदलाव के कारण कम लिक्विड या जो शेयर लिक्विड नहीं होते, उनमें अधिक अवसर मिलते हैं। आंकड़े ऐसा नहीं कहते। यदि स्टॉक्स लिक्विड नहीं हैं तो कम अवधि में चालें बनती हैं। अधिकांश लाभ का फायदा नहीं उठा पाते और यह शेयर इसी तरह डाउनसाइड भी तेजी से फिसलते हैं।

अच्छे सहसंबंध वाले शेयरों में ट्रेडिंग करें

ऐसे शेयर चुनें जिनका प्रमुख सेक्टरों और सूचकांकों के साथ ज्यादा संबंध है। यह सलाह इंट्रा-डे ट्रेडर के लिए सबसे अच्छे सुझावों में से एक है। सही स्टॉक वे हैं जिनका प्रमुख क्षेत्रों और सूचकांकों के साथ उच्च सह-संबंध होता है। आप देखें, शेयर की कीमत इंडेक्स या सेक्टर के ऊपर जाने पर बढ़ती है। यह बताता है कि ग्रुप की भावना के साथ कदम बढ़ाने वाले और सह-संबंध रखने वाले स्टॉक विश्वसनीय होते हैं और सेक्टर के अपेक्षित मूवमेंट को फॉलो करते हैं। उदाहरण के लिए, यदि भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले मजबूत होता है, तो यह अमेरिकी बाजारों पर निर्भर सभी इंफर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईटी) कंपनियों को प्रभावित करेगा। मजबूत रुपया आईटी कंपनियों के लिए कम कमाई का संकेत देता है। तद्नुसार, कमजोर रुपए का अर्थ है कि ऊपर उल्लेखित कंपनियों के लिए हायर एक्सपोर्ट इनकम।

रिसर्च के बाद ही चुनें अपने स्टॉक्स

क्वालिटी रिसर्च सही स्टॉक लेने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। आप जिन शेयरों को ट्रेड करने जा रहे हैं, उनके बारे में जानने से ज्यादा भरोसेमंद कुछ नहीं हो सकता। दुर्भाग्य से, अधिकांश ट्रेडर स्टॉक चुनने से पहले पर्याप्त रिसर्च नहीं करते। यह या तो रिसर्च के महत्व के प्रति अज्ञानता के कारण हैं या लापरवाही की वजह से। ज्यादातर मामलों में ये दोनों कारण हैं। यदि आपके पास पर्याप्त जानकारी हो तो आपके ट्रेड की स्पीड बढ़ जाती है। आपकी क्षमता बढ़ जाती है। इंट्रा-डे ट्रेडर के रूप में आप निश्चित ट्रेडिंग घंटों में छोटे मूल्य में उतार-चढ़ाव का लाभ उठाकर संपत्ति बना सकते हैं। इस प्रकार, एक अच्छा आरओआई हासिल करने के लिए त्वरित निर्णय लेना अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

खुद ही चार्ट पढ़ने की क्षमता विकसित करें

आपको पता है कि इंट्रा-डे ट्रेडर के तौर पर कारोबार शुरू करने के लिए आपको पहले दिन से ही टेक्निकल चार्ट्स पर निर्भर रहना होगा और यदि आप उन चार्ट्स को खुद ही पढ़ने लगते हैं तो यह आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा। बिजनेस की इस लाइन में आप चार्ट के माध्यम से मुश्किल फैसले ले सकते हैं। चार्ट यह समझने के लिए बैरोमीटर का काम करते हैं कि क्या हो रहा है, क्या काम करता है और क्या नहीं। इस तरह, चार्ट पढ़ने की क्षमता एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्किलसेट है। यह ध्यान में रखते हुए कि आपने चार्ट पढ़ने और समझने का कौशल विकसित किया है, यह सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि जिन शेयरों पर आपने नजर रखी है, वह निश्चित चार्ट पैटर्न प्रोजेक्ट करते हैं। ऐसे स्टॉक में ट्रेड करना उचित नहीं है जिसके बारे में पर्याप्त इतिहास न हो और न ही आपको ऐसे शेयरों का विकल्प चुनना चाहिए जो एक स्पष्ट पैटर्न नहीं दिखाते हो। लंबे इतिहास वाले स्टॉक आपको किसी पैटर्न के दोहराने के पैटर्न और ट्रेड में मदद कर सकते हैं।

बाजार को चुनौती न दें- उस दिन के ट्रेंड के साथ चलें

बड़ी संख्या में व्यापारी विरोधाभासी परिदृश्यों को फॉलो कर सकते हैं। लेकिन, अधिकांश व्यापारिक इंट्रा डे ट्रेडिंग दुनिया बाजार की लहरों की सवारी पसंद करती है। इस प्रक्रिया में बाजार में किसी ट्रेंड को पहचानकर और उसकी सवारी करके की जाती है। आपको एक स्पष्ट तस्वीर देने के लिए, जब आप नोटिस करते हैं कि मार्केट बढ़ रहा है, तो आपको उन शेयरों को चुनना चाहिए जो आपको अधिक विस्तारित अवधि के लिए अपनी पोजिशन होल्ड रखने की अनुमति देते हैं। इसके विपरीत, यदि बाजार गिर रहा है, तो आपको छोटी पोजिशन पर विचार करना चाहिए।

इंट्रा डे ट्रेडिंग अलग तरह का है गेम

इंट्रा-डे ट्रेडिंग बिल्कुल ही अलग तरह का खेल है। टॉप पर बाहर आने के लिए, आपको उन नियमों और ट्रेंड्स को जानना होगा जो बाजार को परिभाषित करते हैं। सदियों पुरानी विद्या कहती है कि निरंतर ज्ञान हासिल करने की कोशिश आपके कौशल और जागरूकता को बढ़ाती है। संपूर्ण ट्रेड निष्पादित करने के लिए ज्ञान और कौशल का होना महत्वपूर्ण है। आखिरकार, आप मुनाफा कमाने के लिए ट्रेडिंग कर रहे हैं। जैसे, यह सुनिश्चित करने का पक्का तरीका है कि आप उन शेयरों के बारे में सब कुछ जान लें जो आप खरीदने और ट्रेड करने जा रहे हैं।

इंट्रा-डे ट्रेडिंग का मतलब जलती आग पर चलना

इंटरा डे ट्रेडर के पास समय का आभाव या समय सीमित होना (What is Intrasday Trading)

intra Day Trading Strategies For Beginners in hindi

इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रेडर के सामने समस्या समय की होती है क्योंकि ट्रेडर को सौदा उसी दिन खरीदकर उसी दिन बेचना होता है जैसे की अपने कोई शेयर 10 रुपए में खरीदा और एक घंटे बाद कोई ऐसी खबर आई, जिससे बाजार में मुनाफावसूली शुरू हुई और आपका शेयर नीचे की ओर लुढ़कने लगा। मान लीजिये दोपहर 1 बजे तक वो शेयर 8 रुपए तक गिर गया और मार्किट बदन होता है 3:15PM पर बंद हो जाता है इसलिए आपको वो सौदा इससे पहले-2 आपको बेचना ही पड़ेगा क्योंकि कैरी फॉरवर्ड तो आप कर नही सकते और कोई भी मार्किट हो एक बार डाउन ट्रेंड चालू हो गया तो समझो की उसके ट्रेंड में फेरबदल होना काफी मुस्किल होता है (किसी खास परिस्थिति को छोडकर) क्योंकि इस बात का किसी को पत्ता नही होता की आपका शेयर कब अपट्रेंड में ट्रेड करे। इसलिए काफी ट्रेडर इंट्रा डे में लोस बुक करते हैं और अपनी पूंजी गवां बैठते हैं।

लॉन्ग टर्म की तरह इंटरा डे में एंट्री-एक्जिट प्वाइंट रामबाण की तरह (How to Put Slop Loss Exit Point In Intraday Trading)

इंट्रा डे ट्रेडिंग करते समय दो बातों का खास खयाल रखना चाहिए- पहला- एंट्री और एक्जिट प्वाइंट निश्चित करने के बाद सौदा कीजिए। उसे बिलकुल मत बदलिए। एंट्री और एक्जिट प्वाइंट को अनुमान के आधार पर नहीं बल्कि विश्लेषण के आधार पर निश्चित कीजिए। दूसरा- इंट्रा डे ट्रेडिंग करते समय हमेशा आपकी उंगली स्टॉप लॉस के बटन पर होनी चाहिए। जैसे ही आपने सौदा किया, फौरन स्टॉप लॉस सेट कर दीजिए। क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि आपने स्टॉप लॉस लगाने में सुस्ती दिखाई और कुछ ही मिनट के अंदर बाजार ने यू टर्न ले लिया। और जितनी देर में आप चाय पीकर वापस लौटे तो पता चला कि शेयर की कीमत आपके स्टॉप लॉस से भी दो फीसदी नीचे चली गई। ऐसी सूरत बड़ी खतरनाक होती है क्योंकि मुनाफा तो दूर, आप मनचाहे स्टॉप लॉस के प्वाइंट पर भी सौदा नहीं निपटा सकते हैं।

इंट्रा-डे में जोखिम क्यों ज्यादा होता है (Why Intraday Trading is Risky)

यहां कहने का मतलब ये बिलकुल नहीं है कि इंट्रा डे ट्रेडिंग नहीं करना चाहिए। लेकिन सोते जागते हमेशा याद रखिए इंट्रा डे सबसे मुश्किल और सबसे जोखिम भरी ट्रेडिंग है। विडंबना है कि इसमें शामिल ट्रेडर्स का एक बड़ा तबका इंट्रा डे ट्रेडिंग की तकनीक और जानकारी से वंचित होता है। इंट्रा डे लुभावना दिखता है। इसलिए नौसिखिए और अनाड़ी ट्रेडर्स बिना जानकारी के इसमें कूद पड़ते हैं। वे इसे वन-डे लॉटरी की तरह समझते हैं। जब तक अक्ल खुलती है तब तक वे अपनी पूंजी का बड़ा हिस्सा गंवा चुके होते हैं। इसलिए मेरी सलाह है कि नए निवेशकों को शुरूआत में इंट्रा डे ट्रेड नहीं करना चाहिए। शुरूआत लॉन्ग टर्म से कीजिए। फिर शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग और जब आप ट्रेडिंग के उस्ताद बन जाएं तभी इंट्रा डे के मैदान में आएं।

क्यों न करें नये निवेशक इंट्रा डे ट्रेडिंग? (What do or don;t when trading intraday trding)

नए निवेशकों को शुरूआत में इंट्रा-डे ट्रेड नहीं करना चाहिए। शुरूआत लॉन्ग टर्म से कीजिए। फिर शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग और जब आप ट्रेडिंग के उस्ताद बन जाएं, तभी इंट्रा-डे के मैदान में आएं। तो ट्रेडिंग में हाथ जलने की संभावना कम रहेगी। इंट्रा-डे ट्रेडिंग करते समय दो बातों का खास खयाल रखना चाहिए- पहला, एंट्री व एक्जिट प्वाइंट निश्चित करने के बाद ही सौदा कीजिए और दूसरा, ट्रेडिंग के समय हमेशा उंगली स्टॉप लॉस तय करने के लिए बटन पर हो और एक अहम महत्वपूर्ण बात कभी भी ओवर ट्रेडिंग न करे। मान लिजिय आपके पास 100 रूपये हैं और आप आपको लगता है की आप इंटर डे ट्रेडिंग कर सकते हो तो पूरी प्लानिंग के साथ करे कितने टाइम लिमिट लेना है कितने प्रतिशत स्टॉप लोस निर्धारित करना।

कम समय में चाहते हैं मोटा मुनाफा, तो आप ट्रेडिंग ऑप्शन पर लगा सकते हैं दांव

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी से मोटा मुनाफा संभव है.

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी से मोटा मुनाफा संभव है.

शेयर मार्केट के संबंध में अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. हालांकि, दोनों माध्यमों में निवेशकों का मकसद पैसा कमाना ही होता है, लेकिन इनमें समय अवधि का अंतर होता है. निवेश का संबंध जहां कई वर्षों से है, वहीं ट्रेडिंग में कुछ मिनटों से लेकर कुछ साल तक के लिए पॉजिशन रखा जाता है.

  • News18Hindi
  • Last Updated : June 11, 2022, 14:52 IST

नई दिल्ली . शेयर मार्केट संबंधित चर्चा होते ही अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. कई लोग ट्रेडिंग और निवेश में फर्क नहीं कर पाते हैं. तो आपको बता दें कि ट्रेडिंग और निवेश के बीच सबसे अहम अंतर समय अवधि का है. निवेश की तुलना में ट्रेडिंग में समय अवधि काफी कम होती है. ट्रेडिंग कई प्रकार की होतीं हैं और ट्रेडर्स स्टॉक में अपनी पॉजिशन बहुत कम समय तक रखते हैं, जबकि निवेश वे लोग करते हैं, जो स्टॉक को वर्षों तक अपने पोर्टफोलियो में रखते हैं. अगर आप कम समय में मोटा मुनाफा चाहते हैं, तो ट्रेडिंग आपके लिए बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकती है.

सिक्योरिटीज की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं. फाइनेंसियल मार्केट की स्थिति और जोखिम के आधार पर ट्रेडिंग की विभिन्न स्ट्रेटेजी हैं. ट्रेडर्स अपने वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से इनका चयन करते हैं. साथ ही विभिन्न प्रकार की ट्रेडिंग से जुड़े रिस्क और लागत को भी ध्यान में रखते हैं. आइए, यहां हम उन लोकप्रिय ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी की चर्चा करते हैं, जो अधिकतर ट्रेडर अपनाते हैं.

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इंट्राडे ट्रेडिंग

शेयर बाजार में महज 1 दिन के कारोबार में भी मोटा प्रॉफिट कमाया जा सकता है. दरअसल, बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday trading) कहते हैं. इस स्ट्रेटेजी के तहत शेयर खरीदा तो जाता है, लेकिन उसका मकसद निवेश नहीं, बल्कि 1 दिन में ही उसमें होने वाली बढ़त से प्रॉफिट कमाना होता है. इसमें चंद मिनटों से ले कर कुछ घंटे तक में ट्रेडिंग हो जाती है. हालांकि, यह जरूरी नहीं कि इंट्रोडे ट्रेडर्स को हमेशा प्रॉफिट ही होता हो. ट्रेडर्स अपना ट्रेड शेयर मार्केट बंद होने से पहले बंद करते हैं और प्रॉफिट या लॉस उठाते हैं. इसमें तेजी से निर्णय लेना होता है.

पॉजिशनल ट्रेडिंग

पॉजिशनल ट्रेडिंग (Positional trading) स्टॉक मार्केट की एक ऐसी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी है, जिसमें स्टॉक को लंबे समय तक होल्ड किया जाता है. इस इंट्रा डे ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी के तहत ट्रेडर्स किसी स्टॉक को कुछ महीने से लेकर कुछ साल तक के लिए खरीदते हैं. उसके बाद उस स्टॉक को बेच कर प्रॉफिट या लॉस लेते हैं. उनका मानना होता है कि इतनी अ​वधि में शेयर के दाम में अच्छी बढ़ोतरी होगी. निवेशक आमतौर पर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ टेक्निकल ग्राउंड को ध्यान में रखकर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ टेक्निकल को ध्यान में रखकर यह स्ट्रेटेजी अपनाते हैं.

स्विंग ट्रेडिंग

स्विंग ट्रेडिंग (Swing trading) में टाइम पीरियड इंट्राडे से अधिक होता है. कोई स्विंग ट्रेडर अपनी पॉजिशन 1 दिन से अधिक से लेकर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी कम होने के साथ प्रॉफिट बनाने की संभावना काफी अधिक होती है. यही कारण है कि अधिकतर लोग इंट्राडे की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.

टेक्निकल ट्रेडिंग

टेक्निकल ट्रेडिंग (technical trading) में निवेशक मार्केट में मूल्य परिवर्तन की भविष्यवाणी करने के लिए अपने टेक्निकल एनालिसिस ज्ञान का उपयोग करते हैं. हालांकि, इस ट्रेडिंग के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है. इसमें पॉजिशन 1 दिन से लेकर कई महीने तक रखा जा सकता है. शेयर मार्केट में कीमतों में उतार-चढ़ाव को निर्धारित करने के लिए अधिकतर ट्रेडर्स अपने टेक्निकल एनालिसिस स्किल का उपयोग करते हैं. टेक्निकल एनालिसिस के तहत देखा जाता है कि किसी खास समय अवधि में किसी शेयर की कीमत में कितना उतार-चढ़ाव आया. इस अवधि में इसकी ट्रेड की गई संख्या में क्या कभी कोई बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है.

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