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विदेशी मुद्रा ब्लॉग 2023

विदेशी मुद्रा ब्लॉग 2023
विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट (प्रतीकात्मक फोटो)

विदेशी मुद्रा भंडार 2.9 अरब डॉलर बढ़कर 550.14 अरब डॉलर पर

मुंबई, दो दिसंबर (भाषा) देश का विदेशी मुद्रा भंडार में 25 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान लगातार तीसरे हफ्ते बढ़त में रहा। सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 2.9 अरब डॉलर बढ़कर 550.14 अरब डॉलर पर पहुंच गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 18 नवंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.54 अरब डॉलर बढ़कर 547.25 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। अगस्त, 2021 के बाद देश के विदेशी मुद्रा भंडार में इस सप्ताह सबसे तेज वृद्धि हुई है।

गौरतलब है कि अक्टूबर, 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था। वैश्विक घटनाक्रमों के बीच केंद्रीय बैंक के रुपये की विनियम दर में तेज गिरावट को रोकने के लिए मुद्रा भंडार का उपयोग करने की वजह से इसमें कमी आई है।

केंद्रीय बैंक ने कहा कि कुल मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा माने जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 25 नवंबर को समाप्त सप्ताह में तीन अरब डॉलर बढ़कर 484.28 अरब डॉलर हो गईं।

इसके अलावा स्वर्ण भंडार का मूल्य आलोच्य सप्ताह में 7.3 करोड़ डॉलर की गिरावट के साथ 39.938 अरब डॉलर रह गया।

आंकड़ों के अनुसार, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 2.5 करोड़ डॉलर घटकर 17.88 अरब डॉलर रह गया।

आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में रखा देश का मुद्रा भंडार भी 1.4 करोड़ डॉलर घटकर 5.03 अरब डॉलर रह गया।

भाषा राजेश राजेश अजय

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में जुलाई 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट दर्ज, बीते साल भर में 116 अरब डॉलर घटा

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले कुछ समय से लगातार कम हो रहा है.

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में जुलाई 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट दर्ज, बीते साल भर में 116 अरब डॉलर घटा

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में जुलाई 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. आंकड़ों के अनुसार, बीते साल भर में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 116 अरब डॉलर घटा है. इससे पहले, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 14 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 4.50 करोड़ डॉलर घटकर 528.37 अरब डॉलर पर आ गया था. बता दें, सात अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर पर पहुंच गया था, इसमें इस साल अगस्त के बाद से पहली बार किसी सप्ताह में वृद्धि दर्ज की गई थी. देश का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले कई समय से लगातार कम हो रहा है. दरअसल तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में डॉलर के मुकाबले तेजी से गिरते रुपये को संभालने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इस विदेशी मुद्रा भंडार के एक हिस्से का इस्तेमाल किया है.

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देश के विदेशी मु्द्रा भंडार में आ रही गिरावट को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार के खिलाफ हमलावर रुख अख्तियार कर रखा है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कल ही कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार हो रही गिरावट को लेकर जवाब देना चाहिए.

कांग्रेस अध्‍यक्ष ने दावा किया कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में विदेशी मुद्रा भंडार में 85 अरब डॉलर की गिरावट आई है. खरगे ने ट्वीट करके यह आरोप भी लगाया कि विदेशी मुद्रा में गिरावट डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में हो रही गिरावट से तेज है. उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या वित्त मंत्री या प्रधानमंत्री को इस स्थिति को लेकर कुछ कहना है?''

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एक साल में करीब सौ अरब डॉलर और बीते सात दिन में ही आठ अरब डॉलर घटा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने तथा अमेरिकी बांड के बढ़ने से विनिमय दर में बदलाव देखने को मिला है।

एक साल में करीब सौ अरब डॉलर और बीते सात दिन में ही आठ अरब डॉलर घटा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार

विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा ब्लॉग 2023 भंडार में भारी गिरावट (प्रतीकात्मक फोटो)

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से कमी देखी जा रही है। पिछले 8 दिनों के अंदर विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 8 अरब डॉलर की कमी आई है और यह अगस्त 2020 के बाद न्यूनतम स्तर पर है। वहीं पिछले 1 साल में विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 100 अरब डॉलर की कमी आई है। 23 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह के लिए कुल विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 537.518 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। यह आंकड़े आरबीआई ने जारी किए हैं। यह लगातार आठवां सप्ताह है जब विदेशी मुद्रा भंडार में कमी देखी आई है।

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी का कारण फॉरेन करेंसी एसेट (FCA) में गिरावट है। 23 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में फॉरेन करेंसी एसेट में 7.688 बिलियन डॉलर की गिरावट आई है और यह घटकर 477.212 बिलीयन डॉलर पर आ गया है। डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली फॉरेन करेंसी एसेट में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि अथवा डिप्रीशिएशन के प्रभावों को शामिल किया जाता है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने तथा अमेरिकी बांड यील्ड के बढ़ने से विनिमय दर में बदलाव देखने को मिला है। वर्तमान वित्त वर्ष में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए के मूल्य में काफी गिरावट हुई है। 2 अप्रैल को विदेशी मुद्रा भंडार 606.475 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। 23 सितंबर को यह घटकर 537.5 अमेरिकी डॉलर पर आ गया।

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पिछले वर्ष 3 सितंबर 2021 को विदेशी मुद्रा भंडार 642.45 बिलियन अमेरिकी डॉलर था और अपने उच्च स्तर पर था। लेकिन 23 सितंबर 2022 को यह घटकर 537.52 बिलियन डॉलर पर आ गया है। इन आंकड़ों से साफ पता चलता है कि पिछले 1 वर्ष में करीब 105 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी विदेशी मुद्रा भंडार में देखी गई है। जबसे रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया है उसके बाद से विदेशी मुद्रा भंडार में 94 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी देखी गई है।

चालू वित्त वर्ष में अब तक डॉलर के मुकाबले रुपये में 8.6 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं चालू वित्त वर्ष में 28 सितंबर तक छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर में 14.5 फीसदी की तेजी आई है। विदेशी मुद्रा भंडार अगस्त 2020 के बाद अपने न्यूनतम स्तर पर है।

विदेशी मुद्रा भंडार में हुई तेज गिरावट, अभी तक 1 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान

विदेशी मुद्रा भंडार में तेज गति से गिरावट हो रही है। भंडार में यह आए दिन नए रिकॉर्ड स्‍तर पर गिरावट जारी है। अभी तक विदेशी मुद्रा भंडार 1 ट्रिलियन डॉलर घट चुका है।

विदेशी मुद्रा भंडार में हुई तेज गिरावट, अभी तक 1 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान

विदेशी मुद्रा भंडार में रिकॉर्ड गिरावट हुई है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

विदेशी मुद्रा भंडार में तेज गति से गिरावट हो रही है। भंडार में यह आए दिन नए रिकॉर्ड स्‍तर पर गिरावट जारी है। अभी तक विदेशी मुद्रा भंडार 1 ट्रिलियन डॉलर घट चुका है। इस साल करीब 1 ट्रिलियन डॉलर या 7.8 फीसदी घटकर 12 ट्रिलियन डॉलर हो गया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, यह 2003 के बाद सबसे तेज गिरावट है।

विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट की वजह, भारत के विदेशी मुद्रा ब्लॉग 2023 सेंट्रल बैंक की ओर से रुपये के गिरावट को बचाने के लिए उठाए गए कदम हैं। वहीं अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर मंदी की आशंका भी गिरावट की वजह है। मंदी का एक कारण डॉलर यूरो और येन जैसी मुद्राओं मुद्राओं के मुकाबले दो दशक के हाई लेवल पर विदेशी मुद्रा ब्लॉग 2023 पहुंच चुका है।

इसने इन मुद्राओं की होल्डिंग के डॉलर प्राइज को कम किया है, जो घटते मुद्रा भंडार को लेकर तनाव पैदा कर रहा है। इस कारण केंद्रीय बैंक रुपए के गिरावट को कंट्रोल करने के लिए कदम उठाने के लिए मजबूर हैं।

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गौरतलब है कि भारत का भंडार इस साल 96 अरब डॉलर घटकर 538 अरब डॉलर हो गया है। देश के केंद्रीय बैंक ने कहा कि असेस्‍ट वैल्‍यूवेशन में अप्रैल से वित्तीय वर्ष के दौरान भंडार में गिरावट का 67 प्रतिशत हिस्सा है। रुपये में इस साल डॉलर के मुकाबले करीब 9 फीसदी की गिरावट आई है और पिछले महीने यह रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया।

वहीं 1998 के बाद से अपने मुद्रा को संभालने के लिए जापान ने हस्तक्षेप किया है। जापान ने सितंबर में येन की स्लाइड को धीमा करने के लिए लगभग 20 अरब डॉलर खर्च किए, जो इस साल भंडार के नुकसान का लगभग 19 फीसदी हिस्सा होगा। जापान में एक मुद्रा हस्तक्षेप ने फरवरी से वहां भंडार को 19 फीसदी तक कम कर दी है।

ब्‍लूमवर्ग के अनुसार, भारत में विदेशी भंडार अभी भी 2017 के स्तर से 49 प्रतिशत अधिक है और नौ महीने के आयात का भुगतान कर सकता है। लेकिन वहीं अन्‍य देशों के लिए यह जल्‍द ही समाप्‍त हो सकता है। इस साल 42 फीसदी की गिरावट के बाद पाकिस्‍तान का 14 बिलियन डॉलर का भंडार तीन महीने के लिए आयात को कवर नहीं कर सकता।

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