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कमोडिटी मार्केट क्या है

कमोडिटी मार्केट क्या है
Sebi Approves Stock & Commodity Exchange convergence from Oct 2018

Equity और Commodity क्या होती है ? इनमें क्या अंतर है ?

What is The Deference Between Equity and Commodity in Hindi:कमोडिटी मार्केट क्या है - नमस्कार दोस्तों आज के इस लेख में हम इक्विटी और कमोडिटी के बारे में चर्चा करेंगे और जानेंगे कि इक्विटी क्या होती है ? कमोडिटी क्या होती है ? और इनके कमोडिटी मार्केट क्या है बीच में क्या अंतर होता है ?

अगर आप अक्सर इंटरनेट चलाते हैं और शेयर मार्केट से जुड़ी हुई जानकारियां पढ़ते हैं ? तो आपने Equity और Commodity शब्द को बहुत बार कमोडिटी मार्केट क्या है सुना होगा या पढ़ा होगा। लेकिन अगर आप इनके बारे में विस्तार से नहीं जानते हैं ? तो कोई बात नहीं। क्योंकि यहां पर हम आपको इक्विटी और कमोडिटी के बारे में काफी आसान शब्दों में बताने वाले हैं। इसलिए इस लेख को पढ़ने के बाद इक्विटी और कमोडिटी से संबंधित आपके मन में जितने भी सवाल है वह सभी क्लियर हो जाएंगे।

इक्विटी क्या होती है ? What is Equity in Hindi ?

आपको यह तो पता ही होगा कि शेयर मार्केट क्या होता है ? अगर आपको इसके बारे में ज्यादा जानकारी नही है, तब भी आप ये तो जानते ही होंगे कि शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है जहां पर हम हमारे देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों के शेयर खरीद सकते हैं और बाद में जब चाहे तब वापस बेच बेच सकते हैं। तो बस इसी को इक्विटी कहते हैं।

अगर आप शेयर मार्केट के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो इस पर हमने एक आर्टिकल लिखा है। आप वह पढ़ सकते हैं।

लेकिन फिलहाल यहां पर हम इक्विटी के बारे में चर्चा कर रहे हैं। तो इक्विटी को हम कुछ इस प्रकार से समझ सकते हैं कि शेयर मार्केट में कंपनियों के शेयर्स को खरीदने और बेचने को ही इक्विटी कहते हैं। आपको बता दे कि भारत मे NSE और BSE मुख्यरूप से यही दो स्टॉक एक्सचेंज प्लेटफार्म है, जिनके द्वारा आप स्टॉक मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शेयर खरीद और बेच सकते है।

इक्विटी की सबसे अच्छी बात यह है कि अगर आपके पास पैसे कम है ? तो आप किसी भी कंपनी का सिर्फ 1 शेयर भी खरीद सकते हैं। इक्विटी में शेयर्स खरीदने और बेचने की क्वांटिटी पर कोई भी लिमिट नहीं होती है। साथ ही इसकी कोई एक्सपायरी भी नहीं होती है। जैसे कि मान लीजिए आप किसी कंपनी के 10 शेयर आज खरीदते हैं, तो इसके बाद आप जब चाहे तब उन शेयर्स को वापस बेच सकते हैं। आप पर कोई समय सीमा लागू नहीं होती है।

हालांकि अगर आप Intraday में शेयर खरीदते हैं तो आपको एक ही दिन में शेयर खरीद कर वापस बेचने पड़ते हैं। लेकिन इंट्राडे में रिस्क बहुत ज्यादा होता है। इसलिए बहुत ही कम लोग इंट्राडे करते हैं। ज्यादातर लोग डिलीवरीडे में ही शेयर खरीदना पसंद करते हैं।

आपको बता दें कि इक्विटी में इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स दो तरीकों से पैसे कमाते हैं। पहला वह कम कीमत पर कंपनी के शेयर खरीदते हैं। उसके बाद जब उन शेयर्स की कीमत बढ़ जाती है तब वह उनको वापस बेच कर पैसे कमाते हैं। दूसरा स्टॉक मार्केट की ज्यादातर कंपनियां डिवीन्डेड भी देती है, जो कि डायरेक्ट शेरहोल्डर्स के बैंक अकाउंट कमोडिटी मार्केट क्या है में जमा होते हैं। डिवीन्डेड को आप कुछ ऐसे समझ सकते हैं कि कंपनियां अपने शेरहोल्डर्स को इनाम के रूप में कुछ एक्स्ट्रा पैसे देती है जिन्हें वह डायरेक्ट शेरहोल्डर्स के बैंक अकाउंट में जमा कर देती है।

हम आपको बताना चाहेंगे कि जब भी आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के शेयरहोल्डर बन जाते हैं। यानी कि आपके पास उस कंपनी के जितने शेयर है आप उस कंपनी के उतने हिस्से के मालिक बन जाते हैं। अगर हम इक्विटी के रिस्क की बात करें तो इक्विटी में रिस्क तो होता है, लेकिन कमोडिटी के मुकाबले इसमें कम रिस्क होता है।

कमोडिटी क्या होती है ? What is Commodity in Hindi ?

जिस प्रकार से इक्विटी में कंपनियों के शेयर को खरीदा और बेचा जाता है ठीक उसी प्रकार से कमोडिटी में Raw Material, Gold, Silver, Natural Gas, Crude Oil आदि को खरीदा और बेचा जाता है। हालांकि इसमें फिजिकल मटेरियल की खरीदी और बिक्री नहीं होती है बल्कि इसके स्थान इन मैटेरियल्स के कॉन्ट्रैक्ट तैयार किए जाते हैं, जिनकी एक्सपायरी भी होती है। आपको बता दे कि कमोडिटी में आप इक्विटी की तरह सिर्फ एक शेयर नही खरीद सकते है, इसमे आपको कम से कम एक लॉट खरीदना पड़ता है। एक लॉट में कितने भी शेयर हो सकते हैं। यह इस पर डिपेंड करता है कि आप कौनसे मटेरियल का लॉट खरीद रहे हैं।

चलिए इसको एक उदाहरण से समझते हैं। जैसे कि मान लीजिए आप Gold का एक लॉट खरीदना चाहते हैं। किंतु गोल्ड के एक लॉट में 100 शेयर्स हैं, और एक शेयर की कीमत ₹50 है, तो अभी अगर आप गोल्ड में इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो आपको कम से कम एक लॉट यानी की 100 शेयर्स एक साथ खरीदने पड़ेंगे। आप इससे कम शेयर नहीं खरीद सकते है। इसके अलावा अगर आप को इससे ज्यादा शेयर खरीदने हैं तो आपको दो लॉट यानी कि 200 शेयर खरीदने पड़ेंगे। आपको बता दे कि सभी कमोडिटी मटेरियल की लॉट साइज अलग-अलग होती है।

इसके अलावा कॉमोडिटी कॉन्ट्रैक्ट की वैलिडिटी भी होती है, इसकी वैलिडिटी 1 सप्ताह, 2 सप्ताह, 1 महीना, 2 महीने, 3 महीने ऐसे करके कितनी भी हो सकती है।

इस एक्सपायरी से पहले पहले ही आप कमोडिटी के कॉन्ट्रैक्ट को खरीद और बेच सकते हैं। हम आपको बताना चाहेंगे कि कमोडिटी में वोलेटिलिटी काफी ज्यादा होती है, जिसके मुख्य रूप से दो कारण हैं एक तो कमोडिटी की खरीदी और बिक्री दुनिया भर में की जाती है, दूसरा इसकी एक वैलिडिटी होती है।

अगर आपको कमोडिटी में ट्रेड करना है तो आप BSE, ICXL, XIMC, XNCD जैसे प्लेटफॉर्म की मदद से कर सकते है। इन शब्दों को पढ़कर आपको ज्यादा कंफ्यूज नहीं होना है। बस आप इतना जान लीजिए कि अगर आपने इक्विटी यानी कि शेयर मार्केट मैं पैसे लगाने के लिए जिस ब्रोकर के यहां अपना डिमैट अकाउंट खुलवा रखा है, वही ब्रोकर आपको कमोडिटी में ट्रेडिंग करने का भी ऑप्शन देता है। तो आप सिंपली वहां पर अपना कमोडिटी ट्रेडिंग अकाउंट भी बना सकते हैं। जो कि बिल्कुल डिमैट अकाउंट की तरह ओपन हो जाता है।

आपको बता दें कि जितने भी पॉपुलर ब्रोकर्स है जैसे Groww, Angle One, Zerodha, Upstox आदि। लगभग यह सभी अपने कस्टमर्स को इक्विटी और कमोडिटी दोनों में ट्रेडिंग करने के फीचर्स देती हैं।

Equity और Commodity में क्या अंतर है ?

ऊपर हम आपको इन दोनों के बारे में विस्तार से बता चुके हैं। लेकिन फिर भी अगर हम संक्षिप्त में इनके बीच का अंतर जाने, तो हम इसको कुछ इस प्रकार से समझ सकते हैं कि इक्विटी में हम कमोडिटी मार्केट क्या है किसी भी कंपनी के जितने चाहे उतने से शेयर खरीद सकते हैं। शेयर खरीदने के बाद हम उस कंपनी के उतने शेयर्स के मालिक बन जाते हैं। इसके बाद जब उन शेयर्स की कीमत बढ़ जाये या जब हमारा मन करे तब हम उन शेयर्स को वापस बेच सकते हैं।

वहीं अगर हम कमोडिटी की बात करें तो इसमें हमें कम से कम एक लॉट खरीदना पड़ता है। जिसकी एक निश्चित एक्सपायरी होती है। उस एक्सपायरी से पहले पहले ही हमें उस लॉट को खरीदना और बेचना होता है। हम आपको बताना चाहेंगे कि कमोडिटी में वोलैटिलिटी बहुत ज्यादा होती है। यानी कि इसमें रिस्क ज्यादा होता है, वही इक्विटी में रिस्क कम होता है।

आप किसी भी ब्रोकर के यहां अपना अकाउंट कमोडिटी मार्केट क्या है खुलवा कर इन दोनों में ट्रेडिंग कर सकते हैं।

तो दोस्तों हमें उम्मीद है कि अभी आपको अच्छे से समझ में आ गया होगा कि Equity kya hai ? Commodity kya hai ? Equity कमोडिटी मार्केट क्या है aur Commodity me kya antar hai ? अगर आपको जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ में जरूर शेयर करें। इसके अलावा अगर आपके मन में अभी भी ऐसा कोई शब्द हो जिसके बारे में आप नहीं जानते तो आप हमें नीचे कमेंट करके बता सकते हैं। हम आप को उसके बारे में भी बता देंगे।

आपके इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो के लिए कितना जरूरी है कमोडिटी, यहां समझें पूरा गणित

कमोडिटी बाजार में एक तो महंगाई से कवर मिलता है. इसके अलावा आपको डायवर्सिफिकेशन मिलेगा और शेयरों-बॉन्ड के झंझटों का कोई असर नहीं होगा.

आपके इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो के लिए कितना जरूरी है कमोडिटी, यहां समझें पूरा गणित

TV9 Bharatvarsh | Edited By: सुनील चौरसिया

Updated on: Apr 01, 2022 | 3:56 PM

इन्वेस्टमेंट (Investment) के मामले में पंकज बड़े सीधे से कॉन्सेप्ट पर चलते हैं. पोर्टफोलियो में FD, म्यूचुअल फंड, PPF और स्टॉक्स होने चाहिए. एक दिन उनका कॉन्सेप्ट हिल गया. हुआ यूं कि उनके एक दोस्त ये जानकर हैरान रह गए कि पंकज का कमोडिटीज में कोई निवेश नहीं है. तो क्या कमोडिटीज (Commodities) में भी पैसा लगाना चाहिए था? क्‍या मैं पैसा बनाने से चूक गया? ये सोचकर पंकज चकराए हुए थे. फिर पंकज ने खुद को तसल्ली दी कि यार कमोडिटीज के बारे में अपन जब कुछ जानते ही नहीं तो पैसा लगाना क्या ही ठीक होता. तब तो पंकज अपने दोस्त के सामने टालमटोल करके निकल गए. लेकिन, बात मन में अटक गई थी. ठान लिया कि गुरु, कमोडिटीज की गुत्थी सुलझा कर ही दम लूंगा. बस शुरू हो गया रिसर्च का दौर.

कमोडिटी कारोबार होता क्या है

पहली बात आई कि आखिर कमोडिटी कारोबार होता क्या है? खंगाला तो पता चला कि कमोडिटीज एक खास एसेट क्लास है. मोटे तौर पर शेयरों या बॉन्‍ड से इसका कोई रिश्‍ता नहीं होता. तो इसका क्या फायदा होता है? होता ये है कि कमोडिटीज में पैसा लगा हो तो स्‍टॉक और बॉन्‍ड पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने में मदद मिलती है. आई बात समझ!! ना. पंकज सोच रहे हैं ऐसा कैसे होता है?

महंगाई बढ़ने पर ऊपर जाती हैं कमोडिटीज की कीमतें

तो बात ये है कि इसमें एक तो महंगाई से कवर मिलता है. दूसरा, आपको मिलेगा डायवर्सिफिकेशन. तीसरा, शेयरों और बॉन्ड के झंझटों का कोई असर नहीं. है ना फायदे की बात. पंकज सोच में पड़ गए कि यार कमोडिटीज में निवेश मंहगाई से कैसे बचाता है. मसला जटिल नहीं है. ऐसा होता है कि जब महंगाई बढ़ती है तो कमोडिटीज की कीमतें ऊपर जाती हैं. इससे शेयर बाजार पर प्रेशर पड़ता है. दूसरी तरफ, महंगाई न बढ़े तो मार्केट और बॉन्ड बाजार बढ़िया परफॉर्मेंस करते हैं. ये तो बात आ गई समझ. अब पंकज के दिमाग में बड़ा सवाल ये आया कि आखिर कमोडिटीज में भी कहां लगाया जाए पैसा? तो ऐसा है कि गोल्ड एक सेफ एसेट के तौर पर मशहूर है. उथल-पुथल वाले हालात में ये खूब कमाई कराता है. और महंगाई बढ़ी तो हो गई बल्ले-बल्ले. क्योंकि तब तो गोल्ड और ऊपर भागता है.

एग्री कमोडिटीज में पैसा लगा सकते हैं छोटे निवेशक

अब पंकज सोच रहे हैं कि क्या गोल्ड में पैसा लगाना सही होगा? अब उन्होंने ली एक्सपर्ट एडवाइज. तो मोतीलाल ओसवाल फाइनेंश‍ियल के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट नवनीत दमानी कहते हैं कि आप एक्‍सचेंज पर ट्रेडिंग कर सकते हैं या सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड में निवेश कर सकते हैं. आप ETF या डिजिटिल गोल्‍ड के जरिए भी निवेश कर सकते हैं. दाम गिरें तो खरीद लीजिए. छोटे निवेशक एग्री कमोडिटीज में भी पैसा लगा सकते हैं.

पंकज सोच रहे हैं इनमें क्या आता है. अरे भाई… तिलहन, वनस्‍पति तेल, मसाले, दाल, अनाज में होती है ट्रेडिंग. एग्रीकल्‍चर कमोडिटीज को MCX और NCDEX पर लिस्‍ट किया जाता है. इनवेस्‍टोग्राफी की फाउंडर और CFP श्‍वेता जैन कहती हैं, ‘छोटे निवेशक अपने एसेट कमोडिटी मार्केट क्या है का 10 फीसद हिस्‍सा गोल्‍ड और सिल्‍वर में रख सकते हैं. निवेशकों को हमेशा अपने टारगेट पर चलना चाहिए.

शेयर बाजार में क्या होती है Muhurt Trading, निवेशक क्यों मानते हैं कमोडिटी मार्केट क्या है इसे बेहद शुभ?

Diwali Muhurat Trading 2022: दिवाली के शुभ मुहूर्त पर शेयर बाजार में निवेश करने की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है. इस दिन का इंतजार निवेशक साल भर करते हैं. इसके पीछे बेहद खास धारणा है. हर साल की तरह इस साल भी दिवाली पर शेयर बाजार में दांव लगाने की तैयारी इन्वेस्टर्स कर रहे हैं.

मुहूर्त ट्रेडिंग के दिन निवेश को शुभ मानते हैं इन्वेस्टर्स

दीपक चतुर्वेदी

  • नई दिल्ली,
  • 19 अक्टूबर 2022,
  • (अपडेटेड 19 अक्टूबर 2022, 8:03 AM IST)

देशभर में दिवाली (Diwali) की धूम शुरू हो चुकी है और रोशनी के इस त्योहार में कुछ ही दिन बाकी हैं. भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) में दिवाली के दिन भले ही छुट्टी रहती है, लेकिन इस दिन बाजार फिर भी एक घंटे के लिए खुलता है. दरअसल, शेयर मार्केट में दिवाली पर खास ट्रेडिंग की परंपरा काफी पुरानी है, जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading) के नाम से जाना जाता है. इस ट्रेडिंग के लिए विशेष तौर पर बाजार को ओपन किया जाता है.

एक घंटे के लिए खुलता है बाजार
Muhurat Trading के दौरान इस एक घंटे में निवेशक अपना छोटा निवेश करके बाजार की पुरानी परंपरा को निभाते हैं. यह ट्रेडिंग इक्विटी, इक्विटी फ्यूचर एंड ऑप्शन, करेंसी एंड कमोडिटी मार्केट, तीनों में होती है. इस बार दिवाली 24 अक्टूबर, 2022 को पड़ रही है. इस दिन बाजार में शाम 6.15 से 7.15 मिनट तक मुहूर्त ट्रेडिंग की जा सकती है. बता दें शाम 6 बजे से लेकर 6.10 बजे तक प्री-ओपन ट्रेडिंग सेशन का सत्र होगा.

पांच दशक से ज्यादा पुरानी परंपरा
शेयर बाजार में दिवाली के दिन एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा पांच दशक से ज्यादा पुरानी है. मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में 1957 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में 1992 में शुरू हुआ था. विशेषज्ञ बताते हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है. अधिकांश लोग इस दिन शेयर खरीदने को तरजीह देते हैं, हालांकि आमतौर पर ये इन्वेस्टमेंट काफी छोटे और प्रतीकात्मक होते हैं.

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इस दिन निवेश शुभ मानते हैं इन्वेस्टर्स
ऐसी मान्यता है कि इस दिन मुहूर्त ट्रेडिंग से समृद्धि आती है और पूरे साल इन्वेस्टर्स पर धन बरसता है. पुराने डाटा को देखें तो पता चलता है कि मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन में निवेशक मूल्य-आधारित स्टॉक्स की खरीदारी करते हैं, जो लंबी अवधि के लिए अच्छे होते हैं. इस दौरान खरीदे गए शेयरों को निवेशक बेहद खास मानते हैं और यहां तक कि उन्हें अगली पीढ़ी तक ले जाते हैं. जैसी कि देश में मान्यता है कि दिवाली का दिन कुछ भी नया काम शुरू करने के लिए शुभ होता है. ठीक इसी धारणा के तहत शेयर बाजार इन्वेस्टर्स इस विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र के दौरान स्टॉक मार्केट में अपना पहला निवेश करते हैं.

मुहुर्त ट्रेडिंग 2021 पर बाजार रहा था गुलजार
बीते साल 4 नवंबर, 2021 को मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन किया गया था. इस एक घंटे के सेशन में बीएसई का सेंसेक्स 60 हजार के ऊपर पहुंच गया था. मुहुर्त ट्रेडिंग पर सेंसेक्स 60,067 अंकों के स्तर पर, जबकि निफ्टी 17,921 के लेवल पर बंद हुआ था. हालांकि, साल 2022 में शेयर बाजार में खासी उथल-पुथल देखने को मिली है, लेकिन इसके बावजूद उम्मीद है मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में जोरदार तेजी देखने को मिलेगी.

कमोडिटी ट्रेडर्स के लिए बड़ी खबर, 14 मार्च से बदलेगा एमसीएक्स ट्रेडिंग का समय

14 मार्च से एमसीएक्स ट्रेडिंग का समय बदल जायेगा। यूएस डेलाइट सेविंग टाइमिंग में बदलाव के कारण मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एमसीएक्स) में ट्रेडिंग समय 14 मार्च से संशोधित किया जाएगा। सोमवार से.

कमोडिटी ट्रेडर्स के लिए बड़ी खबर, 14 मार्च से बदलेगा एमसीएक्स ट्रेडिंग का समय

14 मार्च से एमसीएक्स ट्रेडिंग का समय बदल जायेगा। यूएस डेलाइट सेविंग टाइमिंग में बदलाव के कारण मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एमसीएक्स) में ट्रेडिंग समय 14 मार्च से संशोधित किया जाएगा। सोमवार से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संदर्भ योग्य गैर-कृषि कमोडिटी के लिए ट्रेडिंग का समय सुबह 9 बजे से रात 11.30 बजे तक होगा।

कपास के लिए ट्रेडिंग टाइम
जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संदर्भ योग्य कृषि वस्तुओं जैसे कपास, सीपीओ और कपास कमोडिटी मार्केट क्या है के लिए ट्रेडिंग का समय सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक होगा। अन्य सभी कमोडिटी का कारोबार सुबह नौ से शाम पांच बजे के बीच होगा। उपरोक्त के लिए क्लाइंट कोड संशोधन सत्र व्यापार के समापन समय के ठीक बाद और लगभग 15 मिनट के लिए होगा। इससे पहले, 14 फरवरी को, एक्सचेंज ने एक्सचेंज के नियमों, उप-नियमों और व्यावसायिक नियमों के प्रावधानों के संदर्भ में संशोधित ट्रेडिंग समय के बारे में अधिसूचित किया था।

सोने का भाव
महज एक माह में सोने के दाम में 10 फीसदी से अधिक कमोडिटी मार्केट क्या है का उछाल आया है। इसकी एक बड़ी वजह रूस और यूक्रेन का संघर्ष है। ‌‌‌वैश्विक अनिश्चतता की स्थिति में निवेशक सोने को सुरक्षित निवेश समझ रहे हैं जिससे इसकी कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। हालांकि, सोने में निवेश के सबसे सस्ते विकल्पों से एक नया सॉवरेन गोल्ड बांड निवेशकों के लिए उतना फायदेमंद साबित नहीं हो रहा है। जबकि पुराने सॉवरेन बांड की चमक बढ़ी है और उसे खरीदना फायदे का सौदा साबित हो रहा है।

शेयर और कमोडिटी बाजार में पैसा लगाना होगा आसान, एक ही एक्सचेंज पर हो सकेगी दोनों की ट्रेडिंग

सेबी की इस मंजूरी के बाद शेयरों और कमोडिटीज में ट्रेडिंग के लिए अलग-अलग एकाउंट खुलवाने की जरूरत नहीं होगी

Reported by: Manoj Kumar @kumarman145
Updated on: December 28, 2017 16:11 IST

Stock & Commodity- India TV Hindi

Sebi Approves Stock & Commodity Exchange convergence from Oct 2018

नई दिल्ली। जल्दी ही आपको शेयर और कमोडिटीज में ट्रेडिंग के लिए अलग-अलग खाते खुलवाने की जरूरत नहीं होगी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शेयर और कमोडिटी बाजार रेग्युलेटर सेबी ने एक एक्सचेंज पर ट्रेडिंग के लिए शेयर और कमोडिटीज को लिस्ट करने को मंजूरी दे दी है, अक्टूबर 2018 से देश के सभी शेयर एक्सचेंज अपने प्लेटफॉर्म पर कमोडिटीज और कमोडिटी एक्सचेंज अपने प्लेटफॉर्म पर शेयर ट्रेडिंग की सुविधा दे सकेंगे।

सेबी की इस मंजूरी के बाद शेयरों और कमोडिटीज में ट्रेडिंग के लिए अलग-अलग एकाउंट खुलवाने की जरूरत नहीं होगी, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ विक्रम लिमय ने एक निजी समाचार चैनल को बताया कि इस मंजूरी के बाद अब एक ट्रेडिंग खाते के जरिए सबी तरह के विकल्पों यानि शेयर और कमोडिटीज में ट्रेडिंग शुरू की जा सकेगी।

देश में मौजूदा समय में शेयरों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में ज्यादा ट्रेडिंग होती है, जबकि कमोडिटीज में ट्रेडिंग के लिए मुख्य तौर पर मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) और नेशनल कमोडिटी डेरिवेटिव एक्सचेंज (NCDEX) में ट्रेडिंग होती है। सेबी की इस मंजूरी के बाद इन चारों एक्सचेंजों पर कमोडिटीज और शेयरों की ट्रेडिंग की सुविधा एक साथ मिलेगी।

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