विदेशी मुद्रा के लिए ट्रेडिंग सिस्टम

इक्विटी शेयर के प्रकार

इक्विटी शेयर के प्रकार
इंडिया.कॉम 1 दिन पहले [email protected] (India.com News Desk)

मात्र 350 रूपए में खरीदें कमर्शियल लैंड, जानें कम रूपये में लैंड खरीदने के सुपरहिट तरीके के बारे में

आप प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं, लेकिन आपके पास एक बड़ी धनराशि नहीं है इसलिए आप यह कदम नहीं उठा पा रहे हैं तो यह खबर खासकर आपके लिए है। आपको किसी बड़ी रकम का नहीं मात्र ₹350 का निवेश करना होगा और इससे आप प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं। हम सभी जानते हैं कि अगर रियल स्टेट में सोच समझकर निवेश किया जाए तो ये आगे चलकर काफी फायदा पहुंचा सकता है। आज हम आपको रियल एस्टेट में निवेश करने का एक आसान तरीका बताने जा रहे हैं, जिसके जरिए मात्र थोड़ी सी रकम का निवेश करके आप एक बड़ी प्रॉपर्टी खरीदने का लाभ उठा सकते हैं।

जी हां! हम बात कर रहे हैं REIT की, इसके जरिए आप किसी ने प्रॉपर्टी को बड़ी आसानी से खरीद सकते हैं, आइए जानते हैं इसके बारे में पूरी डिटेल:

Table of Contents

क्या है REIT?

REIT म्यूचुअल फंड की तरह काम करता है, जिस इक्विटी शेयर के प्रकार तरह से म्युचुअल फंड की स्कीम बहुत से निवेशकों का पैसा जुटाती है और शेयरों या बॉन्ड में इन्वेस्ट करती है, ठीक उसी तरह से इक्विटी शेयर के प्रकार REIT निवेशकों का पैसा इकट्ठा करके रियल एस्टेट में निवेश करता है। REIT को इसके जरिए रेगुलर इनकम होती है और साथ ही जिस प्रॉपर्टी में REIT के माध्यम से निवेश किया गया है उसकी कीमत बढ़ती रहती है।

कॉमर्शियल प्रॉपर्टी में करना होता है निवेश

आरईआईटी अधिकतर कमर्शियल प्रॉपर्टी को चुनता है इक्विटी शेयर के प्रकार निवेश करने के लिए, आपको बता दें कमर्शियल प्रॉपर्टी के अंतर्गत आते हैं, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स (Shopping Complex), मॉल (Mall), बिजनेस पार्क (Business Park) आदि। इस तरह से किए गए निवेश से RIET को रेंट के रूप में उसे रेगुलर इनकम होती है।

RIET का इतिहास, है बहुत पुराना

RIET आज से नहीं बल्कि 1960 से है, इसकी अमेरिका से की गई थी और विकसित देशों में रीट एक बेहतरीन निवेश विकल्प माना जाता है। भारत में भी धीरे-धीरे RIET ने अपने पैर जमाना शुरू कर दिए हैं।

क्या है इसकी कार्यप्रणाली?

RIET की तरफ़ से, रियल एस्टेट की प्रॉपर्टीज जैसे कि व्यावसायिक, आवासीय, औद्योगिक इक्विटी शेयर के प्रकार व होटल आदि जैसी संपत्ति में निवेश किया जाता है और निवेश करने के बाद उन संपत्तियों में किराए और जो मूल्य वृद्धि होती है उसे निवेशकों में बांट दिया जाता हैं.

निवेशक कैसे RIET के जरिए कर सकते हैं निवेश?

RIET में निवेशक 2 तरीकों से निवेश कर सकते हैं आपको बता दें कि अधिकांश RIET स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड की जाती है।जिस प्रकार से निवेशकों द्वारा इक्विटी शेयर खरीदे जाते हैं, उसी तरह से RIET शेयर भी खरीदने होते हैं।

जानकारी के लिए आपको बता दें वर्तमान में हमारे देश में ज्यादा RIET लिस्टेड नही हैं, इसलिए सीधे तौर पर निवेश करने पर डायवर्सिफिकेशन की कमी रह सकती है।

दूसरा तरीका RIET में निवेश करने का ये है कि निवेशक फंड या फंड स्कीम के माध्यम से इसमें निवेश कर सकते हैं।

निवेशकों के द्वारा जुटाए गए पैसे को RIET को ऐसी प्रॉपर्टी में निवेश करना होता है, जो पहले से ही किराए पर दी गई हो या फिर पट्टे पर दी गई हो। इस तरह से जो आमदनी होती है उसका कम से कम 90% हिस्सा निवेशकों को डिविडेंड के रूप में देना होता है। RIET स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड होती है इस तरह से इनमें लिक्विडिटी की प्रॉब्लम नहीं होती।

निवेशकों को इंटरनेशनल RIET में निवेश करना चाहिए, से जब डॉलर की कीमतें बढ़ती है तो रिटर्न पर सकारात्मक असर पड़ेगा।

RIET को किया जाता है मैनेजर द्वारा, जब कोई भी इक्विटी शेयर के प्रकार प्रॉपर्टी ऐसा लगता है कि कम लाभकारी होगी तो उसे मैनेजर द्वारा बेच दिया जाता है और अच्छी प्रॉपर्टी पर इन्वेस्ट किया जाता है।

Investment portfolio में डायवर्सिफिकेशन के उद्देश्य से निवेशक RIET में निवेश कर सकते हैं।

SEBI ने बदला नियम, अब share market में निवेश करने वालों को मिलेगा कमाई का मौका

Sebi Rule

नई दिल्ली: शेयर बाजार ( Share Market ) रेग्युलेटर SEBI ( Securities And Exchange Board of India ) ने शेयर मार्केट के PREFERENTIAL ALOTTMENT नियम में बदलाव करते हुए फैसला लिया है कि इंवेस्टर्स 10 फीसदी तक ऐसे शेयर ले सकते हैं। शेयर मार्केट के इस नियम के बदलने से शेयर बाजार में ज्यादा निवेश ( investment in share market ) आने की उम्मीद है। आपको मालूम हो कि इस नियम के आने से अब कंपनी प्रमोटर्स कंपनी में ज्यादा शेयर्स ले पाएंगे जिसका मतलब है ज्यादा निवेश । इससे पहले प्रिफरेशियल शेयर्स सिर्फ 5 फीसदी ही लिये जा सकते थे।

इसके साथ ही सेबी ने एक और नियम में बदलाव किया है। सेबी ने ओपन ऑफर ( open offer rule ) के नियम भी आसान करते हुए ओपन ऑफर पर Timeline Restriction हटा दिया है जिसके इक्विटी शेयर के प्रकार इक्विटी शेयर के प्रकार बाद 52 हफ्ते के अंदर शेयर खरीदने के नियम में सहूलियत मिली है।

चलिए अब आपको बताते हैं कि आखिर preference share होते क्या हैं। और इसके नियम बदलने से लोग इतना खुश क्यों है।

'प्रेफरेंस शेयर' ( Preferential share )- कोई भी कंपनी अपने चुनिंदा निवेशकों और प्रमोटरों को ये शेयर जारी करती है। इन शेयर्सं में निवेश करने वाले निवेशक इक्विटी शेयर होल्डर से ज्यादा सुरक्षित होते हैं। दरअसल अगर कभी कोई कंपनी दिवालिया होने के कगार पर हो तो इस प्रकार के शेयरधारकों को बाकी इक्विटी शेयरधारकों के मुकाबले पूंजी के भुगतान में वरीयता दी जाती है। यही वजह है कि preference share सुरक्षित मानें जाते हैं। इतना ही नहीं अगर कंपनी को किसी तरह का फायदा होता है तो वो लाभ भी सबसे पहले इन्ही शेयर होल्डर्स को दिया जाता है।

प्रेफरेंस शेयरों को वोटिंग राइट्स में तरजीह मिलती है।

प्रेफरेंस शेयर में डिविडेंड की दर पहले से तय हो सकती है। इस तरह इनके साथ ज्यादा सुरक्षा जुड़ी होती है। प्रेफरेंस शेयर को सामान्य शेयरों में बदला जा सकता है। उस स्थिति में इन्हें कन्वर्टिबल प्रेफरेंस शेयर कहते हैं।

Keystone Realtors IPO : कीस्टोन रियल्टर्स के शेयरों की मार्केट में कल होगी लिस्टिंग, जानें- किस तरह की हैं उम्मीदें?

इंडिया.कॉम लोगो

इंडिया.कॉम 1 दिन पहले [email protected] (India.com News Desk)

Keystone Realtors IPO : कीस्टोन रियल्टर्स, जो 'रुस्तमजी' ब्रांड के तहत संपत्तियों की बिक्री करता है. उसके प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) को प्रस्ताव के अंतिम दिन 2 गुना सब्सक्रिप्शन प्राप्त किया, जो सोमवार, 14 नवंबर, 2022 से बुधवार, 16 नवंबर, 2022 तक खुला था. गुरुवार, 24 नवंबर, 2022 को स्टॉक एक्सचेंज बीएसई और एनएसई पर कंपनी के शेयरों के बाजार में आने की उम्मीद की जा रही है.

कीस्टोन रियल्टर्स लिमिटेड प्रमुख रियल एस्टेट डेवलपरों में से एक है. कंपनी मुख्य रूप से भारत में रियल एस्टेट निर्माण, विकास और अन्य संबंधित गतिविधियों के कारोबार में लगी हुई है. GMP पांच रुपये है और इश्यू को 2X बार सब्सक्राइब किया गया है. इससे बहुत बड़ी लिस्टिंग की उम्मीद नही की जा सकती है, लेकिन कोई इसे दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य के साथ अपने पास रख सकता है. यह रियल एस्टेट उद्योग में प्रसिद्ध ब्रांडों में से एक है.

कीस्टोन रियल्टर्स आईपीओ में 560 करोड़ तक का एक ताज़ा इश्यू है और 75 करोड़ तक की बिक्री (ओएफएस) की पेशकश की गई थी. प्रारंभिक शेयर बिक्री के लिए मूल्य सीमा 514-541 प्रति शेयर तय की गई थी. कीस्टोन रियल्टर्स ने एंकर निवेशकों से 190 करोड़ से कुछ अधिक एकत्र किए. कंपनी ने 16 एंकर निवेशकों को 541 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 35.21 लाख इक्विटी शेयर आवंटित करने का फैसला किया.

गौरतलब है कि 1995 में स्थापित, Keystone Realtors के पास 32 पूर्ण प्रोजेक्ट हैं, और मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) में 12 चालू प्रोजेक्ट और 19 आगामी प्रोजेक्ट हैं, जिसमें किफायती, मध्यम और बड़े पैमाने पर, आकांक्षी, प्रीमियम और सुपर प्रीमियम श्रेणियों के तहत परियोजनाओं की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है.

Mutual Fund: 5 कंपनी के शेयर जिसमें आप निवेश करके मालामाल हो सकते हैं

mutual fund

दुनिया भर में मंदी की आशंका के बीच भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन शानदार बना हुआ है. इसके चलते विदेशी निवेशक एक बार फिर से यहां पैसा लगा रहे हैं. कोविड-19 की महामारी और रूस यूक्रेन के युद्ध के बाद दुनिया भर में महंगाई बढ़ गयी है. इसे वजह से दुनिया के कई देशों में मंदी की आशंका जताई जा रही है. हालांकि इस सबसे बेखबर भारतीय शेयर बाजार में निवेशक जमकर पैसा लगा रहे हैं.

विदेशी निवेशक भी रिकॉर्ड निवेश कर रहे हैं, म्यूच्यूअल फंड हाउस भी अच्छी कंपनी के शेयरों में निवेश करने से घबरा नहीं रहे हैं. इस वर्ष म्यूच्यूअल फंड कंपनियों ने बहुत सारे स्टॉक में निवेश किया है लेकिन कुछ ऐसे स्टॉक हैं, जिन पर एक साथ कई म्यूच्यूअल फंड हाउस ने दांव लगाया है. हम आपको पांच ऐसे शेयर बता रहे हैं जिन पर म्यूच्यूअल फंड कंपनियों की ओर से बड़ा रकम निवेश किया गया है.

आईसीआईसीआई लोंबारड (ICICI LOMBARD)

गैर-जीवन बीमा क्षेत्र में आईसीआईसीआई लोम्बार्ड एक अच्छी कंपनी है। कंपनी टियर-3 और टियर-4 शहरों में डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क बढ़ाने पर फोकस कर रही है। कंपनी के रिटर्न में सुधार देखा गया है, जिसके चलते निवेश आय पर मिलने वाला रिटर्न सुधरा है। आगे चलकर कंपनी की ग्रोथ और तेजी होने की उम्मीद है। इसके चलते म्यूचुअल फंड कंपनियां इसमें निवेश बढ़ा रही है। इस साल म्यूचुअल फंड कंपनियों ने इस कंपनी के 2.57 करोड़ शेयर की खरीदारी की है। कंपनी का शेयर आज 1 फीसदी से कम गिरकर 1,129.40 रुपये पर कारोबार कर रहा है।

कजारिया सिरामिक्स (KAJARIA CERAMICS)

टाइल्स, बाथवेयर और सैनिटरीवेयर बनाने वाली कंपनी कजारिया सेरामिक्स को बिल्डिंग मैटेरियल्स स्पेस की मजबूत कंपनी है। रियल एस्टेट मार्केट में लगातार तेजी का फायदा इस कंपनी को मिलने की उम्मीद है। यह भारत में सिरेमिक/विट्रिफाइड टाइल्स का सबसे बड़ा निर्माता है। इसके चलते म्यूचुअल फंड कंपनियां इस कंपनी के शेयर पर जमकर दांव लगा रही है। एक साल में म्यूचुअल फंड कंपनियों ने इस कंपनी के 1.26 करोड़ शेयर की खरीदारी की है। आज कंपनी के शेयर में 2 फीसदी से अधिक की तेजी है और शेयर 1,048.95 रुपये पर ट्रेड कर रहा है।

कमिंस इंडिया (CUMMINS INDIA)

कमिंस की घरेलू और निर्यात दोनों बाजारों में मजबूत मांग देखी जा रही है। कमोडिटी की कीमतों में गिरावट और प्रतिस्पर्धी परिदृश्य में भी कंपनी की मार्जिन बढ़ने की उम्मीद है। ऑटोमेशन पर कंपनी का फोकस है जो आगे मार्जिन बढ़ाने का काम करेगा। मार्केट एक्सपर्ट इसके शेयर की कीमत में तेज उछाल की उम्मीद लगा रहे हैं। पिछले एक साल में म्यूचुअल फंड कंपनियों ने इस कंपनी के 1.17 करोड़ शेयर की खरीदारी की है। आज कंपनी का शेयर 0.63% गिरकर 1,341.30 रुपये पर ट्रेड कर रहा है।

लौरस लैब्स (LAURUS LABS)

लौरस लैब्स जेनेरिक एपीआई (एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रेडिएंट्स) और फॉर्मूलेशन, कस्टम सिंथेसिस और बायोटेक्नोलॉजी के सेगमेंट में काम करती है। कस्टम सिंथेसिस और एपीआई व्यवसायों में मजबूत प्रदर्शन ने जून-सितंबर में एक साल पहले की तुलना में 31% की मजबूत रेवन्यू वृद्धि हासिल करने में मदद की है। हालांकि, एंटी-रेट्रोवायरल ऑफटेक खराब होने के कारण फॉर्मूलेशन बिजनेस में इक्विटी शेयर के प्रकार महत्वपूर्ण नुकसान हुआ है। कुल मिलकार कंपनी का फ्यूचर ब्राइट है। इसके चलते म्यूचुअल फंड कंपनियों ने निवेश बढ़ाया है। पिछले एक साल में म्यूचुअल फंड कंपनियों ने लौरस लैब्स के 1.84 करोड़ शेयर की खरीदारी की है। आज 0.078 फीसदी गिरकर 449.70 रुपये पर कारोबार कर रहा है।

केईसी इंटरनेशनल (KEC INTERNATIONAL)

कंपनी ने अपनी रेवन्यू 2022-23 में 20% (पहले के 15% की तुलना में) तक बढ़ा दिया है, जो की रिकॉर्ड है। केईसी ने रेलवे व्यवसाय में ट्रेन टकराव से बचाव प्रणाली के नए उभरते हुए क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति का विस्तार किया। सिविल में कंपनी 2,500 करोड़ रुपये की आठ जल परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रही है। डेटा सेंटर के लिए इसका तीसरा ऑर्डर है। आने वाले अक्टूबर-दिसंबर तिमाही से मार्जिन में सुधार की संभावना है। कुल मिलकार कंपनी आगे और बेहतर करेगी यह भरोसा है। इसके चलते म्यूचुअल फंड कंपनियां दांव लगा रही हैं। पिछले साल म्यूचुअल फंड कंपनियों ने इस कंपनी के 38.78 लाख शेयर खरीदे हैं। आज कंपनी का शेयर 1.33 फीसदी टूटकर 417.75 रुपये पर कारोबार कर रहा है।

म्यूचुअल फंड में क्या फायदा होता है?

इसे आम निवेशकों के जोखिम को कम करता है और बेहतर रिटर्न देने की कोशिश करता है। म्यूचुअल फंड में आम लोग छोटी छोटी रकम से कम जोखिम के साथ निवेश की शुरुआत कर सकते हैं और आपके इस छोटे निवेश पर भी बाजार के एक एक्सपर्ट की लगातार नजर रहती है, जो पूरी कोशिश करता है कि आपका रिटर्न बाकी लोगों से ऊंचा रहे।

म्यूचुअल फंड के नुकसान क्या है?

इसलिए, कुछ उपकरणों में जोखिम की डिग्री अधिक होती है जबकि अन्य में यह कम होती है। इसके अलावा, इस के रिटर्न हैंमंडी-जुड़े हुए। इसलिए, इक्विटी शेयर के प्रकार म्यूचुअल फंड पर रिटर्न की गारंटी नहीं है। हालांकि, अगर इक्विटी फंड लंबी अवधि के लिए रखे जाते हैं तो जोखिम की संभावना कम हो जाती है।

इसके कितने प्रकार होते हैं?

  • इक्विटी फंड
  • डेट फंड
  • हाइब्रिड फंड
  • समाधान उन्मुख फंड
  • इंडेक्स फंड जैसे अन्य फंड
  • इक्विटी म्यूचुअल फंड ज्यादातर पैसा अलग-अलग कंपनियों में विनिवेश करते हैं
  • इक्विटी म्यूचुअल फंड को आगे वर्गीकृत किया जा सकता है. लार्ज कैप फंड मिड-कैप पंडाल और मिड कैप फंड अ स्मॉल कैप फंड

निष्कर्ष

जैसा कि दोस्तों हमने आपको इस लेख से जुड़ा सारी जानकारी अपने इस लेख के जरिए आपको बताने की कोशिश की है. और यह भी बताया है कि इसके कितने प्रकार हैं. अगर फिर भी इस लेख से जुड़ा कोई अन्य सवाल हो जिसे हम इस लेख के जरिए पूरा ना कर सके तो आप हमें कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं. आपके पूछेगा प्रश्नों का जवाब हम जरूर देंगे.

बाजार गिरने पर कम झटका देने वाले डिविडेंड यील्ड फंड को क्या कहते हैं?

What are dividend yield funds that give less shock when the market falls?

बाजार गिरने पर कम झटका देने वाले डिविडेंड यील्ड फंड को क्या कहते हैं? – लाभांश बड़ी कंपनियों द्वारा दिया जाता है या जो सरकारी कंपनियां हैं। डिविडेंड यील्ड फंड इन्हीं कंपनियों में निवेश करते हैं। अन्य इक्विटी स्कीम श्रेणियों की तुलना में डिविडेंड यील्ड फंड सामान्य रूप से निवेशकों का कम ध्यान आकर्षित करते हैं।

अगर आप अपना पैसा म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन ज्यादा जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं तो आप नए साल में डिविडेंड यील्ड फंड में निवेश कर सकते हैं। दरअसल, डिविडेंड यील्ड फंड के तहत उन कंपनियों में निवेश किया जाता है, जो सबसे ज्यादा डिविडेंड देती हैं।

बता दें कि सेबी द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार, इन फंडों को अपनी संपत्ति का कम से कम 65 प्रतिशत लाभांश देने वाले शेयरों में निवेश करना होता है। लेकिन डिविडेंड यील्ड फंड आपके जोखिम को कैसे कम करते हैं, यह इक्विटी शेयर के प्रकार जानने के लिए यह पूरा लेख पढ़ें।

डिविडेंड क्या है?

डिविडेंड निवेशकों को कंपनी के मुनाफे का एक हिस्सा होता है, जिसका भुगतान कंपनियों द्वारा इक्विटी शेयर के प्रकार समय-समय पर किया जाता है। ये फंड उन निवेशकों के लिए सर्वश्रेष्ठ हैं जो एक सुरक्षित और नियमित आय की तलाश में हैं।

डिविडेंड वाली कंपनियों में इन्वेस्टमेंट

बता दें कि, डिविडेंड बड़ी कंपनियां देती हैं, या जो सरकारी कंपनियां होती हैं। डिविडेंड यील्ड फंड इन्हीं कंपनियों में निवेश करते हैं। अन्य इक्विटी स्कीम श्रेणियों की तुलना में डिविडेंड यील्ड फंड सामान्य रूप से निवेशकों का कम ध्यान आकर्षित करते हैं। ज्यादातर निवेशक इक्विटी स्कीमों में ही निवेश करते इक्विटी शेयर के प्रकार हैं.

हालांकि, इन फंड्स की ओर निवेशकों का ज्यादा ध्यान आकर्षित नहीं करने का कारण यह है कि ये ज्यादा रिटर्न नहीं देते हैं। लेकिन इसकी अच्छी बात यह है कि बाजार में गिरावट की स्थिति में ये काफी सुरक्षा प्रदान करते हैं। क्योंकि यह ज्यादा नहीं गिरता है।

पिछले एक साल में अच्छे रिटर्न

डिविडेंड यील्ड फंड टेक्नोलॉजी, एफएमसीजी, फाइनेंशियल सर्विसेज और हेल्थकेयर जैसे शेयरों में निवेश कर सकते हैं। जबकि पिछले 1 साल में डिविडेंड यील्ड फंड्स ने कई अन्य डायवर्सिफाइड इक्विटी स्कीमों के बीच अच्छा रिटर्न दिया है। हालांकि कहीं भी निवेश करने से पहले अपने आर्थिक सलाहकार की मदद जरूर लें।

रेटिंग: 4.58
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 606
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *