डिस्काउंट ब्रोकरेज में निवेश करें

डिस्काउंट ब्रोकरेज की फीस फुल सर्विस ब्रोकरेज से कम
निवेश के लिए एक सही स्टॉक ब्रोकर को चुनना बेहद जरूरी है। आमतौर पर डिस्काउंट ब्रोकरेज की फीस उसी ट्रेड के लिए फुल सर्विस ब्रोकरेज से कम होती है। वैल्यू ज्यादा मिलने के कारण फुल सर्विस ब्रोकरेज बेहतर होते हैं। अच्छी जानकारी रखने वाले निवेशकों के लिए डिस्काउंट ब्रोकरेज अच्छे हो सकते हैं लेकिन नए निवेशकों के लिए फुल सर्विस ब्रोकरेज बेहतर है।
अपनी ब्रोकरेज फीस को कैसे कम करें
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स्टॉक्स व्यक्तियों के लिए किसी दिए गए कंपनी में अपने पैसे के एक हिस्से को निवेश करके विभिन्न व्यवसायों पर दावा करने की अनुमति देता हैं। यह उन्हें कंपनी के एक अंश के लिए स्वामित्व साथ- साथ उसकी संपत्ति और मुनाफे के बराबर उनके पास मौजूद स्टॉक की मात्रा देता है। । एक प्रकार के कई स्टॉक को शेयर कहा जाता है। कंपनियों को इस तरह से अपना स्वामित्व खोलने से लाभ होता है क्योंकि यह उनके संचालन को बढ़ावा देता है और उन्हें अधिक आर्थिक रूप से विलायक होने की अनुमति देता है जब उन्हें अतिरिक्त पूंजी जुटाने की आवश्यकता होती है, वे नए शेयर जारी करते हैं। खरीदार जुआ के आधार पर या तो सामान्य या पसंदीदा शेयरों में निवेश कर सकते हैं जो वे लेने के इच्छुक हैं।
विभिन्न शेयरों के खरीदार और विक्रेता शेयर बाजार का निर्माण करते हैं। स्टॉक मार्केट में ट्रेड इलेक्ट्रॉनिक, काउंटर पर या विभिन्न स्टॉक एक्सचेंजों के माध्यम से हो सकते हैं। स्टॉक एक्सचेंज बुनियादी ढांचा प्रदान करते हैं जिसके भीतर इन डिस्काउंट ब्रोकरेज में निवेश करें शेयरों की बिक्री और खरीद की जाती है। इसमें अपने प्रतिभागियों को सभी व्यापारिक गतिविधियों के दौरान मूल्य पारदर्शिता, तरलता, मूल्य खोज और उचित व्यवहार का आश्वासन देना शामिल डिस्काउंट ब्रोकरेज में निवेश करें है। शेयर बाजार में उन सभी कंपनियों का रोस्टर होता है जो सार्वजनिक निवेशकों को अपने शेयरों का लाभ उठाने का अवसर प्रदान करती हैं। शेयरों के अलावा, एक अलग प्रकृति की वित्तीय प्रतिभूतियों का भी कारोबार किया जा सकता है। इनमें कमोडिटीज, करेंसी और बॉन्ड शामिल हैं। शेयर बाजार कम परिचालन जोखिम के तहत सुरक्षित और विनियमित वातावरण की अनुमति देते हैं।
डिस्काउंट ब्रोकर क्या है भारत के Best Discount Broker In India Hindi
Discount Broker Kya Hai In Hindi: शेयर मार्केट में सबसे महत्वपूर्ण होता है ब्रोकर जिसके द्वारा कोई भी निवेशक शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कर सकता है. ये तो आप सभी लोग जानते होंगे कि शेयर मार्केट में एक निवेशक सीधे तौर पर ट्रेडिंग नहीं कर सकता है. ट्रेडिंग करने के लिए निवेशक को एक इंटरमीडियट की जरुरत होती है, यही इंटरमीडियट स्टॉक ब्रोकर होते हैं.
अपनी सेवाओं के आधार पर स्टॉक ब्रोकर भी अनेक प्रकार के होते हैं, लेकिन जो स्टॉक ब्रोकर आजकल सबसे ज्यादा चर्चा में हैं वह हैं Discount Stock Broker, जिसके बारे में हम आपको आज के इस लेख में बताएँगे.
आज के इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि Discount Broker क्या है, डिस्काउंट ब्रोकर कौन से सर्विस अपने कस्टमर को देते हैं और कौन डिस्काउंट ब्रोकरेज में निवेश करें सी सर्विस नहीं देते हैं, डिस्काउंट ब्रोकर के क्या फायदे हैं और भारत के कुछ प्रमुख डिस्काउंट ब्रोकर के बारे में भी आपको इस लेख में जानने को मिलेगा.
डिस्काउंट ब्रोकरेज में निवेश करें
Written by Web Desk Team | Published :November 21, 2022 , 11:06 am IST
महंगाई का मुकाबला करने के लिए, शेयर बाजारों और अन्य फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट में निवेश और ट्रेडिंग पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है. यदि आप अपनी गाढ़ी कमाई को केवल फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे ट्रेडिशनल फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट (traditional financial instrument) में सेव करते हैं, तो आप अपने फाइनेंशियल गोल को पूरा करने से पीछे रह सकते हैं.
एक बिगिनर के रूप में आपको शेयर बाजार चुनौतीपूर्ण लग सकता है, हालांकि हम आपको आश्वस्त करते हैं कि ऑनलाइन ट्रेडिंग सीखना बहुत आसान है. ऑनलाइन ट्रेडिंग के आने से पहले, जो व्यक्ति बॉन्ड, शेयर, या अन्य सिक्योरिटीज जैसे फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट को खरीदना या बेचना चाहते थे, उन्हें अपनी ब्रोकरेज फर्मों से संपर्क करना पड़ता था और उन्हें उनकी ओर से लेनदेन की व्यवस्था करने के लिए कहना पड़ता था. इसके बाद, प्राइस चेक करने, कॉन्ट्रैक्ट वेरीफाई करने और अंत में ट्रेड की पुष्टि करने की एक लंबी प्रक्रिया का पालन करना पड़ता था. हमें उस फीस को नहीं भूलना चाहिए जो ये ट्रेडिशनल ब्रोकर सर्विस के लिए मांगते थे. फिर आया डिस्काउंट ब्रोकर्स या ऑनलाइन ब्रोकर्स का युग, जिसने खेल को पूरी तरह से बदल दिया. इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग जो पहले कुछ चुनिंदा लोगों के लिए विशेष रूप से उपलब्ध थी अब बहुत बड़ी संख्या में आम लोगों के लिए उपलब्ध कराया गया है.
स्टॉक मार्केट में नए हैं तो निवेश के लिए फुल सर्विस ब्रोकरेज की सेवाएं बेहतर
यूटिलिटी डेस्क. स्टॉक मार्केट के डिजिटलाइजेशन ने ट्रेडिंग में काफी बदलाव कर दिया है। टेक्नालॉजी में बदलाव आने से ऑनलाइन और रियल टाइम ट्रेडिंग आसान हो गई है। रोजाना हजारों स्टॉक्स की ट्रेडिंग होती है, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में अच्छे स्टॉक्स को चुनने की क्षमता और ट्रेडिंग की क्षमता केवल कुछ निवेशकों के पास ही होती है। निवेशकों के पास स्टॉक ट्रेडिंग के लिए दो तरह की सेवाएं मौजूद हैं- फुल सर्विस ब्रोकरेज और डिस्काउंट ब्रोकरेज। आमतौर पर फुल सर्विस ब्रोकरेज के पास बड़ा पोर्टफोलियो होता है और वे रिसर्च, सलाह, वेल्थ मैनेजमेंट और रिलेशनशिप मैनेजर जैसी सेवाएं ऑफर करते हैं। उनके पास अपने ग्राहकों के लिए डेडिकेटेड सर्विस होती है। इसके उलट डिस्काउंट ब्रोकरेज ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर केवल इक्विटी डिस्काउंट ब्रोकरेज में निवेश करें को बेचने और खरीदने की ही सुविधाएं मुहैया कराते हैं और वे केवल सलाह या रिसर्च सेवाएं नहीं देते हैं। इन ब्रोकरेज की उपस्थिति भी ज्यादा नहीं होती और रिलेशनशिप मैनेजर जैसी सेवाएं भी नहीं होती है, कोई समस्या आने पर निवेशकों को फोन पर केवल रिकॉर्डेड मैसेज ही ज्यादा सुनने को मिलता है। लागत कम करने के लिए यह फर्में ऑफिस स्पेस या स्टाफ पर ज्यादा खर्च नहीं करती है और रिसर्च सर्विस, आईपीओ अप्लीकेशन, म्यूचुअल फंड या रिलेशनशिप मैनेजर जैसी सेवाएं मुहैया नहीं कराती हैं। अगर डिस्काउंट ब्रोकरेज से तुलना करें तो फुल सर्विस ब्रोकरेज की सेवाएं अपेक्षाकृत महंगी है, लेकिन अतिरिक्त सेवाओं के कारण फुल टाइम ब्रोकरेज की सेवाएं लंबे समय में निवेशकों के लिए फायदेमंद साबित होता है। डिस्काउंट ब्रोकरेज आमतौर पर एक समान शुल्क चार्ज करते हैं जबकि फुल सर्विस ब्रोकरेज परसेंटेज के रूप में चार्ज करते हैं।
शेयर पर BUY रेटिंग, 1285 रु टारगेट
ब्रोकरेज हाउस आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का कहना है कि One 97 Communications (Paytm) ने अपने रेवेन्यू और मार्जिन प्रोफाइल में लगातार सुधार किया है. वहीं तिमाही आधार पर अपना घाटा भी कम किया है. नेट पेमेंट मार्जिन में सुधार हुआ है, लेंडिंग बिजनेस भी मजबूत है. वहीं लोअर प्रॉसेसिंग चार्ज भी जारी है. मंथली ट्रांजेक्शन यूजर्स (MTUs) में भी ग्रोथ है. ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (GMV) में भी सुधार हुआ है.
हालांकि कुछ जगहों पर चिंता भी दिख रही है. कॉमर्स रेवेन्यू में गिरावट देखने को मिली है. प्रमोशनल और अदर डायरेक्ट एक्सपेंस में बढ़ोतरी देखने को मिली है. ब्रोकरेज हाउस ने शेयर में BUY की सलाह दी है और टारगेट प्राइस पहले की तरह 1285 रुपये बनाए रखा है.
शेयर पर Sell रेटिंग
ब्रोकरेज हाउस CLSA लगातार Paytm पर बियरिश रुख बनाए हुए है. ब्रोकरेज ने शेयर में ‘Sell’ रेटिंग दी है और टारगेट प्राइस 650 रुपये का दिया है. ब्रोकरेज का कहना है कि कंपनी का Q2 रिजल्ट अनुमान के मुताबिक रहा है. लेंडिंग बिजनेस में ग्रोथ रही है, जिससे तिमाही आधार पर घाटा कुछ कम हुआ है. प्री आईपीओ इन्वेस्टर्स के लिए 15 नवंबर को लॉक इन खत्म हो रहा है, जो ध्यान रखने वाली बात है.
Paytm का स्टॉक 18 नवंबर को 2150 रुपये इश्यू प्राइस की तुलना में 1955 रुपये पर लिस्ट हुआ था. लिस्टिंग के दिन यह 27 फीसदी गिरकर 1564 रुपये पर बंद हुआ. आज यानी 9 नवंबर को यह 654 रुपये पर दिख रहा है. यानी इश्यू प्राइस से इसमें करीब 70 फीसदी गिरावट आ चुकी है. 1955 रुपये शेयर के लिए 1 साल का हाई है. जबकि 510 रुपये 1 साल का लो.
कंपनी के कैसे रहे तिमाही नतीजे
Paytm की पैरेंट कंपनी One97 Communications का घाटा सालाना आधार पर 472.90 करोड़ से 571.5 करोड़ हो गया है. हालांकि तिमाही आधार पर कंपनी अपना घाटा कम करने में कामयाब रही है. इसी वित्त वर्ष की पहली यानी जून तिमाही में Paytm का घाटा 644.4 करोड़ रहा था. वहीं कंपनी का रेवेन्यू 76 फीसदी बढ़कर 1914 करोड़ रहा है. पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी को 1086 करोड़ का रेवेन्यू हासिल हुआ था.
Paytm का फाइनेंशियल सर्विसेज और अन्य कारोबार से होने वाली इनकम 293 फीसदी बढ़कर 349 करोड़ हो गई है. Paytm ने सितंबर तिमाही में 92 लाख लोन डिस्बर्स किए. इसमें सालाना आधार पर 224 फीसदी उछाल दिखा. यह वैल्यू में 482 फीसदी बढ़कर 7,313 करोड़ रहा है.
(Disclaimer: स्टॉक में निवेश या बिकवाली की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)